एक लड़का था ...मुस्लिम के घर ने पैदा हुआ... बाप ने भेजा कहीं ... भाग गया जर्मनी .... जा कर पढ़ने लग गया कमिस्ट्री 1920 के आस पास !!!! ख़ूब पढ़ गया ..... वहीं एक फ्कर ए क़ौम #कारकुन लड़की से प्यार हो गया !!!!! शादी कर ली.... इतने में #जर्मनी में #हिटलर_गुंडा_सरकार का राज पक्का हो गया लड़की के साथ साथ हिटलर की ख़ुफ़िया #ऐजिंसी उस मुस्लिम लड़के को भी क़त्ल करने के मनसूबे बनाने लगी .... लड़का लड़की जर्मनी से ग़ायब हो कर #मुंबई में प्रकट हो गए !!!!! लड़का #होशियार #बुद्धिमान था और वर्तमान से ज़्यादा लम्बा सोचता था .... उसने एक दवा बनाने वाली कम्पनी खोल ली कमायी और भलाई दोनो ... सूझ बूझ से उस लड़की और लड़के ने 1947 तक कम्पनी अच्छी तरह स्थापित कर ली..... यहाँ तक कि #पाकिस्तान बनने पे #जिन्ना ने भी कहा कि आजा #पाकिस्तान चलें वहाँ तुझे और भी अच्छा कारोबार बना देंगे मगर उस लड़के के ख़ूबसूरत दिल में ख़ूबसूरत #भारत बसता था यहाँ के #ग़रीब लोग बस्ते थे उसने जाने से इनकार कर दिया और भारत में ही रह गया #देशभगत_मुस्लिम उसके घर लड़का पैदा हुआ ... अब वो मुस्लिम बूढ़ा हो गया ... जेसे होना ही होता है सब को ... उसकी घरवाली की भी मौत हो गयी .. ख़ुद भी मौत के क़रीब हो गया ... फिर उसने अपना कारोबार अपने बेटे को सौंप दिया और बेटे से कहा बेटा #ग़रीबों का ज़्यादा ख़याल रखना कम्पनी को अमीरों की दवाइयाँ बनाने वाली मत बनने देना जिस तरह की #अमरीकी और #योरपीन कम्पनी है आगे उसका लड़का भी अच्छा #पतंदर (तेज़तरार) पढ़ायी में भी #होशियार #बिजनिस में भी #राजनीति में भी और ग़रीबपक्षी होने में भी क्यूँकि अम्मी #कारकुन रही थी ... पतन्दर बाप के बेटे ने अमरीका की दवाइयों के सालट पता करके उनके #सब्सिचियूट भारत में बना डाले अमरीका चीख़ने चिलाने और दुनियाँ भर में हल्ला निकालने लगा.... #कम्पनी बन्द करवा दूँ केस कर दूँ दावा ठोकुँ जीने नही दूँगा etc... उस वक़्त #रूस में कमुनिसिट राज था और भारत में #इँदरा_गांधी का औरत भी अंदर से बहुत iron lady थी अमरीका की सरकार उसको #बूढ़ी_भूतनी #जादूगरनी तक बुलाती थी मगर बिजनिस ख़राब होता देख अमरीका ने #इँदरा से बात की उस वक़्त अमरीका की इतनी हिम्मत नही थी कि वो भारत को धमकी दे सके जिस तरह अब हमारे वाले गुजराती व्यापारी को #ट्रम्प जेसे धमकी देते हैं इँदरा गांधी ने कम्पनी के मालिक उस लड़के को बुलाया ... 1980 के आस पास ... बी कम्पनी के क़ानून हैं असूल हैं पेटैंट हैं ऐसे हम चोरी की दवाइयाँ केसे बना सकते हैं समझदार माँ बाप का समझदार मुस्लिम बेटा नया साँप निकाल लाया 😊 माते श्री आप पेटैंट क़ानून ही बदल डालो कि हम तेरे वाले तरीक़े से नही बनाते दवाई का salt हम चाहे काले चोर से सीखें बनाने का तरीक़ा आख़िर प्रोडक्ट वही होगा मगर बनाने का रास्ता अपना अलग होगा क़ानून बन गया अमरीका एक बार फिर से मन ही मन में बकता रह गया “भूतनी” “WITCH” कम्पनी का कारोबार बुलंदियाँ छुने लगा ग़रीबों को सस्ती दवा मिलने लगी “हायीडरोकसीक्लोरोकुवीन” बड़ी चली मलेरिया भी संभल गया समय का फेर देखो “कोरोना” आ गया सारी दुनियाँ को आँख दिखाने वाला अमरीका भी इसकी चपेट में आ गया अब पता नही दो लाख मरेंगे या दस लाख इधर भागे उधर भागे कोयी रास्ता न मिले फिर पता चला कि भारत में मुस्लिम लड़के की कम्पनी बना रही है ये दवाई हाईडरोकसीकलोरोक्वीन जिस तरह मर्ज़ी से धक्के से धमकी से जूती से जेसे भी अमरीका ने ये दवा हमारेवाले डरपोक से अपने मुल्क मँगवा ही ली .... मगर बात एक तो पक्की है ... कि जिस कम्पनी को 1978 के आसपास अमरीका फँसा कर ख़त्म करना चाहता था वही कम्पनी उसके मर्ज़ की दवा बनी.... ये तो हमारे वाले डरपोक को सोचना था की ये दवा पहले अपने ग़रीब देशवसीयों को मोहिया करवाता फिर अमरीका को देता मगर बात तो नंगी चिट्टी साफ़ है... कि आज करोंना के ख़िलाफ़ लड़ने वाली एक मात्र दवा हाईडरोकसीकरोरोक्वीन एक मुस्लिम की कम्पनी ने बनायी है अब मुस्लिम से नफ़रत करने वालो हिन्दूतवियो मूत्र पीने वालो इस दवा को #दवा_जिहादी कहने लग जाओ याद करलो कम्पनी का नाम “CIPLA” और मालिक फ़ाउंडर है मुस्लिम का बेटा #अब्दुल_हमीद