Neelam Saxena Chandra | Additional Divisional Railway Manager, Indian Railways Pune Division Pune | [email protected]

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02/04/2020 Neelam Saxena Chandra General Views 262 Comments 0 Analytics Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
खामोशी
बारिश है 
कि बरसे ही जा रही है,
कालेबादलोंने
हरी-भरी धरती को भिगो रखा है,
एक अजीब सी खामोशी है हर तरफ!

परिंदों की आवाज़ 
कहीं खो गयी है,
गुल भीग-भीगकर 
नम हो गए है 
औरझररहे हैं,
बस हवाएं हैं कि 
ज़ोरों से बोले जा रही हैं 
और मचल रही हैं 
कुछ कहने को!

मेरा दिल भी 
बहुत कुछ कहना चाहता है 
पर इस खामोशी ने 
मुझे भी भिगो रखा है 
और आज मैं बैठी रहना चाहती हूँ 
बस चुपचाप एक कोने में 
अपने मन के साथ,
अपनी ज़िदगी की किताब के
हर पन्ने को को 
बस पलट-पलटकर देखना चाहती हूँ;
बस यही तमन्ना है 
कि जितना हो सके 
चूसलूँ जुस्तजू के वो सारे लम्हे 
जिसकी चिंगारी ने मेरे ज़हन में
रौशनी भर दी थी!

                             

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