निबंध : नारी शिक्षा एवं अधिकार
नारी जीवन है
सबसे खूबसूरत
पर ना समझ पाया कोई इसका कीमत
जीवन में शिक्षा एक महत्वपूर्ण भाग है निभाती है क्युकी शिक्षा ही मनुष्यों के व्यक्तित्व का निर्माण करती है जिस प्रकार हमें प्यास लगती है तब हम पानी पी लेते है ठीक उसी प्रकार मनुष्य के व्यक्तित्व का पूर्ण रूप से निर्माण करने के लिए जीवन में शिक्षा का होना अतिआवश्यक है शिक्षा से हमें किसी को भी वंचित नहीं रखना चाहिए लेकिन हम ऐसे समाज में रहते है जहाँ पर पुरुषो को पढ़ाना आवश्यक है और नारिओं को पढ़ाना ना के बराबर है क्या यह सही है? नहीं पूर्ण रूप से गलत है जिस प्रकार हमारा समाज पुरुष और नारियों से निर्मित है तब हम नारियों को ही समाज में हर अच्छे कार्य से वंचित क्यों रखते है हरदम उनके ही सपने को क्यों दबाये रखते है? नारी शिक्षा एक छोटा सा शब्द है लेकिन इसकी बहुमूल्यता कागज के बने हुए पैसों से भी कई ज्यादा है, क्युकि जब समाज में नारी शिक्षित होंगी तब हमारा भारत विकसित होने की नई उड़ान भरेगा।
जीवन का एक कड़वा सच है एक अहकारी शिक्षित व्यक्ति ही दूसरे व्यक्ति को अशिक्षित करना चाहता है,प्राचीनकाल के कई ऐसे अहकारी विद्वान् है जो नारियों को शिक्षा देना अपराध मानते थे और उनके जीवन को अंधेरे में डाल देते थे, यही कारण था की प्राचीकाल की महिलाओं को अनपढ़ कहा जाता था, उन्हें सिर्फ बगीचे से फूल चुनना, नाचना, गाना बजाना इत्यादि यह सब कार्य करने की अनुमति होती थी, वो अपने जिंदगी को खुल कर जी ही नहीं पाती थी और लोगों के रूढ़िवादी सोच में गढ़ जाती थी।
शिक्षा समाज की पहलु होती है जिसे हम ग्रहण करके अपने जीवन को सफल की राह पर ले जा सकते है, और अपने जीवन में सफलता तक पहुंच सकते है, नारी शिक्षा एक विकसित देश की पहचान होती है जिस देश की महिलाएं शिक्षित होती है वो देश विकसित देशों में से एक देश होता है , नारी शिक्षा ही कोई देश को पूर्ण रूप से विकसित कर सकती है इसलिए हमें अपने समाज में
हर महिलाओ के सहभागी को अपने देश में लाना चाहिए आज के वर्तमान में हमारे देश की बहुत सारी महिलाएं शिक्षित हो चुकी है
जिसका कारण यह है कि देश में कई महान व्यक्तियों ने जन्म लिया और अपने प्रयास से समाज में पनपे पुरातन, रूढ़िवादी सोच को मात दी और नारियों को पढ़ाने और नारियों को समाज में आगे बढ़ने की पहली हिम्मत दी।
जिस प्रकार नारियों को शिक्षा का अधिकार मिला ठीक उसी प्रकार हमें नारियों को समाज में जितने भी अधिकार है उसे देने की कोशिश करनी चाहिए
समाज में नारियों और पुरुषो का अधिकार बराबर होना चाहिए, क्युकि अधिकार ही ऐसा शब्द है जो मनुष्यों को अपने हक के लिए संघर्ष करवाता है, नारी अधिकार समाज में अतिआवश्यक है क्युकि जब नारी आवाज उठाये गी तब और अपने हक के लिए संघर्ष करेंगी तब भारत विकसित की ओर बढ़ेगा, हमारे समाज में कई ऐसी महिलाएं जो अपने सपने को देखने से भी डरती है क्युकि उसे पता होता है मेरे सपने को देखने से पहले ही मिटा दिया जाता है यह पुरुषो के साथ नहीं होता इसका कारण यह है कि पुरुषो ने अपने अधिकारों से कभी वंचित नहीं हुए है लेकिन महिलाएं शुरू से ही अपने अधिकार से वंचित है कुछ ऐसे भी लड़किया है जो समाज और अपने माता - पिता के बातों में आकर अपने अधिकारों से दूर हट जाती है, और अपने जीवन को अपने पति और अपने बच्चे में गुजार देती है और अपने अस्तित्व को काले अंधकार में डाल देती है, हर नारियों को समझने की आवश्यकता है कि अपने अधिकार के लिए हमेशा हर मुसीबत को हिम्मत से पार करें ताकि कोई नारी यह ना कह सके
क्या अस्तित्व है, मेरा
कोई बताओ ना मुझे
अब से हर नारी को अपने अस्तित्व को दूसरे से पूछने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, हर नारी को अपने अस्तित्व को बनाने के लिए
जीवन के हर राह पर संघर्ष करना चाहिए, नाकामी मिलेगी शुरुआत में लेकिन उस नाकामी से ना को हटाकर अपने जीवन में क़ामयाबी लाना होगा जिसकी शुरुआत हर नारी को अपने जीवन से करना होगा और अपने हक को मांगना नहीं उसे अपने जीवन के संघर्ष से पाना होगा।
नारियों को पढ़ाना
उनका कर्तव्य मानना होगा
नारियों के अधिकार को
हमेशा जगाना होगा
उनके जीवन के हर मुसीबत से लड़ना सिखाना होगा
नारी जीवन को सुंदर बनाना होगा
धन्यवाद : काजल साह - स्वरचित
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