कविता : मतलबी मन बहुत उदास रहता है किसी कोने में बहुत शांत रहता है अपने बातों को दिल में दबाए रखता है क्युकी इस मतलबी दुनिया में मन ऐसे ही जीता है। लोगों के मन में क्या स्वाद छुपा है सब के लिए विवाद छुपा है सब अपने कहते है लेकिन सब के मन में दिखावा छुपा है आज मन बहुत उदास है। ना यहां आंसू का मोल है ना यहां अपने मन का मोल है इस स्वार्थी दुनिया में सब के मन में स्वार्थ छुपा है। धन्यवाद: काजल साह स्वरचित 🙏
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