नारी जीवन एक वरदान है !
नारी होना एक सम्मान है ।
नारी खुद में एक पहचान है !
नारी साक्षात्र भगवान है ।
घर- परिवार की सेवा में !
वो तन-मन से लग जाती है ।
दिन रात काम करके भी !
वो थकान कभी ना दिखाती है ।
जीवन की सारी उलझनों को !
आसानी से सुलझाती है ।
वो एक नारी है !
जो हर ग़म में भी मुस्कुराती है ।
अपने सम्पूर्ण जीवन में ,
अलग अलग किरदार निभाती है ।
वो एक नारी ही है !
कभी मां, कभी पत्नी तो कभी बहन बन जाती है ।
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