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31/07/2022 Kajal sah General Views 182 Comments 0 Analytics Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
कविता : भूखी है माँ हमारी
कविता : भूखी है माँ हमारी

भूखी है माँ हमारी
किया है छठ मईया की आने की तैयारी
घर - घर बन रहे है ठकुआं खूब सारी
चेहरे पर ख़ुशी
कर रहे, सब सूरज भगवान
की आने की तैयारी
चारो तरफ बज रहे है गाने की शोर
सभी माँ पहन रखी है
लाल - लाल साड़ी
सभी लग रही है, छठी
मईया की बेटियां सारी
ना भूख की आस
ना प्यास की आस
फिर भी सह लेती है
सारे दर्द सारी।

धन्यवाद : काजल साह : स्वरचित
                             

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