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03/03/2023 Kajal sah Travel Views 176 Comments 0 Analytics Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
निबंध : काली घाट
पर्यटन करना जीवन का मुख्य कार्य हैं, इसलिए हमें नए - नए जगहों पर पर्यटन करतें रहना चाहिए। महान लेखक, कवि, उपन्यासकार भी कहते हैं चलना ही जीवन हैं, टिकना तों मौत हैं।
कहने का तात्पर्य हैं हमें हमेशा अपनें जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए, जीवन के हर पहलुओं से हमें नई सीख लेना चाहिए और अगर हम एक ही जगह पर टिक गए या रुक गए तब एक मृत देह के सामान बन जायेंगे, इसलिए हमें हमेंशा गतिशील रहना चाहिए और अपनें जीवन से रुकावट की स्थिति कों फेक देना चाहिए।
जब से मैं 7 वीं कक्षा में पढ़ती थी तब से मुझें आज मैं 11 कक्षा में हूँ मुझें पर्यटन करना बेहद पसंद हैं,मैं कई सारे कोलकाता के स्थानों में मैंने पर्यटन किया हैं, जैसे - निको पार्क, विक्टोरिया मेमोरियल, कई फेमस बाज़ार इत्यादि। कुछ महीनों पहले मैं काली माँ का दर्शन करने का कोलकाता का सबसे प्रसिद्ध स्थान कालीघाट गई थी, जहाँ जाने से मन कों राहत और माँ की कृपा होती हैं। जहाँ हर मंदिरो कों बहुत सुंदर से सजाया गया हैं, जहाँ प्रकृति का सुन्दर स्वरूप हैं।
काली माँ के दर्शन और यहाँ के स्थल का आनंद लेने के लिए भारत के अलग - अलग राज्यों से, अलग - अलग गांव, शहरों, अलग - अलग देशों से लोग भ्रमण करने आते हैं।
यहाँ एक पार से दूसरे पार तक आने - जाने के लिए कई छोटे से बड़े नाव और जहाज का बंदोबस्त रहता हैं,यहाँ घूमने आये लोग काली माँ के यहाँ सोने से लेकर हर छोटी बड़ी वस्तुएँ काली माँ कों चढ़ाते हैं। काली घाट इसलिए भी प्रसिद्ध हैं कि यहाँ के काली माँ का जीभ सोने का हैं, और कई लोग यह भी देखने काली घाट आते हैं। कालीघाट एक बहुत प्राचीन मंदिर हैं, जिसे आज वर्तमान में थोड़े - थोड़े बदलाव लाकर अतिसुन्दर मंदिर बना दिया गया हैं। यहाँ दूर यात्रियों के लिए भाड़े पर घर प्राप्त होता हैं, यहाँ महिलाओं के सजने का हर वस्तुएँ बेहद सस्ता मिलता हैं। कालीघाट का प्रसाद बेहद स्वादिष्ट रहता हैं, यहाँ खान - पान से लेकर हर चीज की बहुत अच्छी व्यवस्था रहती हैं। यहाँ लोगों का आने का बहुत उद्देश्य रहता हैं :
1. माँ का दर्शन पाने के लिए
2. यहाँ के स्थानों का आनंद लेने के लिए
3. यहाँ के भोजन से हर वस्तुओं का आनंद लेने के लिए
4. अपनी इच्छाएं माँ से मांगने के लिए
5. प्रकृति से लेकर हर कृत्रिम वस्तुओं का आनंद लेने के लिए
इत्यादि।
यहाँ कपड़े से लेकर भगवान तक की मूर्ति, घरेलू वस्तुयों से लेकर कृत्रिम प्रकार के हर वस्तुएँ काली घाट के बाज़ार में प्राप्त होता हैं।
                             

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