सफलता हम सभी चाहते है, हम सभी आगे बढ़ना चाहते है, जीवन की हर उन्नति कों पाना चाहता है, लेकिन हम यह भूल जाते है जों हम कर रहें है क्या वों श्रेष्ठता से कर रहें है? सफलता के लिए आवश्यक है कि जों भी करें उसमें अपनी पूरी, योग्यता, क्षमता, दक्षता एवं प्रयासता से करें।
यह बात सत्य है कि जों व्यक्ति श्रेष्ठतम, योग्यता, क्षमता से कोई कार्य करता है, वह भीड़ से अपनी अलग पहचान बना लेता /लेती हैं। उसनें अपनी आलस्यता, नकारात्मक विचार, नकारात्मक कार्य, इत्यादि सारे बुरे कार्य कों हटाकर अपनें जीवन में आगे बढ़ता /बढ़ती हैं। जितने भी सफल व्यक्ति हुए है उनके अंदर एक सबसे बड़ा गुण था कि वों अपनें हर कार्यों कों do best से करते थे।
श्रेष्ठ बनने का अर्थ है, अपनी पूरी कोशिश, क्षमता कों एकत्रित कर लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में लगाना है, जिससे सफलता की प्राप्ति अपरिहार्य हों जाये।
हम कब सफल होते है? जब हमारें अंदर आत्म विजेता का गुण ही हमें असली विजेता बनाता है, इसलिए सबसे पहले आपकों अपनें कार्य क्षमता पर विश्वास करना होगा।
कहते है, जिसने खुद कों जीता, उसनें दुनिया जीत ली। अपनें ऊपर विजय प्राप्त करने वाले कों सबसे बड़ा योद्धा माना गया है, मनुष्य का असली दुश्मन तो वह स्वयं ही है। वस्तुत: हमारे असली शत्रु हमारें कुसंस्कार, हमारी बुरी आदतें, हमारें कुविचार और हमारा भ्रष्ट आचरण आदि है।
बहुत सारे सफल व्यक्ति के नाम :
1. करसन भाई पटेल
2. मेघनाद साहा
3. सुधा चन्द्रन
4. शिव नाडार
5. जेके रोलिंग
इत्यादि।
आज जिन्होंने नें भी सफलता की राह पाई है उन्होंने अपनें जीवन से सारे बुरी आदतों कों मिटाकर, और अपनी श्रेष्ठ कार्यों से आज उन्होंने सफलता की राहों कों चूमा है।
विजेता बनने की प्रमुख आवश्यकताए :
1. अनुशासित एवं सुनियोजित जीवन
2. लक्ष्य आपकी रूचि का अनुरूप हों
3. लक्ष्य प्राप्ति हेतु स्वयं कों तैयार करें
4. अपनी योग्यता बढ़ाए
5. असफलताओं / गलतियों से सबक लें
6. उचित एवं शीघ्र निर्णय लें
7.नई चुनौतियों हेतु तैयार रहें
इत्यादि।
एक दिन जरूर आपका नाम भी सफल व्यक्तियों में गिना जायेगा, इसलिए जीतना है तों सकारात्मक जिद्द करें।
धन्यवाद : काजल साह : स्वरचित
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