हमारें भारत देश की संघर्षो की कहानी बेहद महत्वपूर्ण है,कई वर्षों के संघर्षो के बाद हमारा देश आज पुरे विश्व में निखर रहा है।
जैसे =G20 के अध्यक्षता से लेकर इंग्लैंड के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक। आज हमारा भारत देश अर्थव्यवस्था की दृष्टि में तीसरे स्थान में है, एक समय जरूर ऐसा आएगा हमारा भारत देश नंबर 1 में हर चीज़ों में आ जायेगा।
आज हमारें भारत देश में एक ऐसा रेल पूल का निर्माण हुआ है, जों 473.25 मीटर लम्बा है,331 मीटर ऊँचा है नदी तल से,96 केबल से जुड़ा है जिसका नाम अंजी ब्रिज है।
जो श्रीनगर से जोड़ने वाली उधमपुर - बनिहाल रेल लाइन का काम तेजी से चल रहा है।
इस साल दिसंबर या अगले साल जनवरी-फरवरी में इस मार्ग पर ट्रेन चलने लगेगी। श्रीनगर - बारामुला का सीधी रेल चुनाव दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों से ही हों जायेगा।
अंजी रेल पुल का निर्माण भारतीय रेलवे के सबसे चुनौतीपूर्ण रहा है। जैसा कि हम जानते हैं, भारत में जो सफलता पाई है उन सभी के पीछे चुनौतीपूर्ण संघर्ष रहा है।
यह उधमपुर - श्रीनगर - बारामुला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है। जो जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है। यह देश का पहला केवल आधारित रेल पुल है, ऐसा रेल पुल जो झूलता है। स्कूल के अंतिम भाग को कटरा की तरफ स्थित 5 किलोमीटर लंबी टनल से शनिवार को जोड़ दिया गया। भारत सरकार ने इस रेल पुल के निर्माण के लिए लगभग 450 करोड रुपए की लागत से इस पूल कों बनाया गया है। यह रेलवे पुल का कार्य 90% हो चुका है। इस रेलवे पुल निर्माण में बहुत ही जनों का बहुत ही बड़ा सहयोग रहा है। जैसे कि हम जानते हैं कि भारत देश विभिन्नताओं में एकता का पहचाना, स्कूल के निर्माण में आईआईटी रुड़की और आईआईटी दिल्ली का सहयोग बहुत ही रहा है।
इस पूल की विशेषता :
पुल की लंबाई 725.5 मीटर है। लेकिन इस पूल को चार भागों में बांटा गया है। इसकी सहायक पुल का नाम है एप्रोच पुल है। 193 मीटर ऊंचे एक पिलर पर टिका है। इसे बनाने के लिए 40 टन को 2 अत्याधुनिक टावर क्रेन स्पेन से मंगाए गए थे।
हम आपके मन में प्रश्न होगा क्या देश का इकलौता केबल रेल पुल नहीं आता करना सही होगा, जी हां इसे पूरे सुरक्षित के साथ, लोगों के सुरक्षा के साथ इसे बनाया गया है। अगर को इसमें यात्रा करते हैं तो उन्हें किसी प्रकार का नुकसान ना हो पाए।
तूफान, भूकंप के साथ ही विस्फोट रोधी है ब्रिज। आपको जानकर आश्चर्य होगा, अंजी ब्रिज जहां स्थित है वहां हर वक्त 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलती हैं। बृज को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह 213 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की तूफानी हवाओं के तेज से तेज झोंके को भी आसानी से सह सकेगा। रिपोर्ट के अनुसार यह भी पता चला है भूकंप का इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
हमें अपने भारत को और उन्नति बनाना है, और भारत देश को पूर्ण रूप से विकसित करना है। इसीलिए अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए हमें हमेशा अपने देश का सम्मान, देश के लिए अच्छे कार्य, देश के लिए अपना योगदान, और के लिए निरंतर मेहनत और प्रयास जरूर करना चाहिए।
धन्यवाद
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