पता है आपको हमारे जीवन अगर डर रहेगा तब हम कभी कुछ बड़ा नहीं कर सकते है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए, अंधकार का अंत करने के लिए एवं जीवन में जीत हासिल करने के लिए हमें अपने जीवन से डर का अंत करना होगा।
अब प्रश्न आता है कि हम क्या डर का अंत कर सकते है, उत्तर है -हाँ।
हम अपने जीवन से डर का अंत कर सकते है, लेकिन उसके लिए सबसे पहले आप अपने डर को जाने? यह डर क्यों है, वो जानने का प्रयास करें? इत्यादि प्रश्न का पहले उत्तर खोजे उसके बाद ही आप डर का अंत कर सकते है।
चलिए हम समझने कि कोशिश करते है कि डर का अंत हम कैसे करें?
1. स्वस्थ्य जीवन : आप अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखे। वो कहते है ना जब शरीर चंगा रहेगा तब मन ही चंगा रहेगा एवं आपके जीवन से डर धीरे - धीरे से कम होने लगेगा। योगा करें इससे आपका तनाव का अंत होता है।
आहार : हम भोजन तो खाते है लेकिन यह भूल जाते है कि क्या इस भोजन से हमें क्या लाभ मिल रहा है। भोजन ऐसा होना चाहिए जो उचित हो। जिससे हमारा स्वास्थ्य मंगल हो। पता है आपको जब आप शारीरिक रूप से एवं मानसिक रूप से ज़ब आप मजबूत होते है तब आपका डर का अंत बहुत आसानी से हो जाता है।पोषित भोजन खाये एवं अपने मन को पोषित बनाये।
शौक : जब आप व्यस्त रहते है तब डर का आभाव रहता है। लेकिन आपको व्यस्त रहना अच्छे कार्य में। जैसे : अपने हॉबीस, टैलेंट्स, पैशन, स्किल इत्यादि। आप इन अच्छे कार्यों में अपना समय व्यतीत करें। इससे आपका बुद्धि का कौशल होगा एवं आपके बुराई का अंत एवं डर का अंत धीरे -धीरे होने लगेगा।
ऑडियो बुक्स :जब भी आपको डर लगेगा, तब आप हमेशा भगवान को याद करें एवं आप ऑनलाइन में उपस्थिति विभिन्न ऑनलाइन बुक्स के ऑडियोस, समरीज इत्यादि आप सुन सकते है। इसे आपको मोटीवेट मिलेगा, एवं आप आगे बढ़ने के लिए अग्रसर होंगे। क्युकी ऑडियो बुक्स सुनकर भी ज्ञानवर्धक अनुभव प्राप्त कर सकते है।
मेंटर : एक ऐसे मित्र, टीचर, अनुभव पर्सन से आप सलाह ले जो आपको सही मार्ग दे पाए। अगर आप चाहेंगे कि आप अकेले ही सब कुछ कर लीजियेगा तब यह मुश्किल है, क्युकी हमें किसी बड़े की जरूरत होती है, जो मार्गदर्शन हमें कर पाए।
सक्रिय रहे :सक्रिय कहने का तात्पर्य है जो आपका सबसे महत्वपूर्ण कार्य है, उसे पहले इम्पोर्टेन्ट दे। यानि कभी यह हो जाता है कि हम महत्वपूर्ण कार्य नहीं के पाते है तब हमारे अंदर डर एवं हिम्मत मिटने लगता है। इसलिए यह आपके साथ ना हो इसलिए मैं आपको बता रही हूं, आलस का अंत कीजिये एवं सक्रिय बनके आगे बढ़िए।
आत्मविश्वास : आत्मविश्वास वह शक्ति है, जो हमें हमेशा प्रेरित करती है, आगे बढ़ने के लिए। इसलिए आप स्वयं पर अटूट विश्वास एवं अपने अच्छे कर्मा पर विश्वास रखे। आत्मविश्वास ही वो शक्ति है जो हमेशा आपको प्रेरित करती है, आगे बढ़ने के लिए। अपने शिक्षा + कौशल + कला पर अटूट विश्वास रखें एवं हर कार्यों को आत्मविश्वास के साथ करें। याद रखें आत्मविश्वास ना कि अतिआत्मविश्वास।
मनोरंजन नहीं अब मनोमंजन : चलिए इतना आपने मनोरंजन देख लिया कि अब जब भी कही बोलने का मौका दिया जाता है, तब आप सोचने लगते है कि मुझे तो कुछ आता ही नहीं क्या बोलू जिससे आपके अंदर डर आ जाता है।इसलिए इस डर का अंत करने के लिए मनोरंजन कम मनोमंजन ज्यादा करें। पढ़े, सीखे एवं दूसरों को सिखाये।
सहयोग: पता है आपको आप अपने डर का अंत दूसरे की मदद करके भी कर सकते है। उनके सकारात्मक बातों से, सकारात्मक कार्यों से इत्यादि। इसलिए दूसरों की मदद करें। इससे आपका साहस बढ़ेगा एवं डर का अंत होने लगेगा।
संकल्प : वो कहते है ना जितना बड़ा संकल्प एवं जिद्द होगा उतना बड़ा सफलता होगा। कहने का तात्पर्य है कि अपने जीवन में दृढ एवं सटिकता से परिपूर्ण लक्ष्य बनाये एवं उससे पूरा करने पूरा अपना 100% दे। इसे भी आपका डर कम होने लगेगा।
सम्पति : कई बार ऐसा भी होता है जब हमारे धन नहीं रहता है तब वो आत्मविश्वास, आत्मसम्मान, एवं आत्मसंकल्प नहीं आ पाता है। इसलिए आप धन अर्जित करने का साधन तालसिए जिससे आपका आपके अंदर डर की कमी होंगी।
व्यायाम : जैसा कि हम जानते है कि स्वास्थ्य हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण धन है। स्वास्थ्य अस्वस्थ होने के कारण भी हमारे अंदर आत्मविश्वास एवं साहस नहीं आ पाता। और हम अपने स्वस्थ्य के प्रति गलत भाव रखने लगते है एवं लोगों से डरने लगते है। इसलिए इस डर का अंत एवं अपने शरीर को चंगा आप प्रतिदिन व्यायाम करके कर सकते है।
यह कुछ टिप्स है, जिससे आप अपने जीवन में अपनाकर डर का अंत कर पाएंगे। सबसे पहले आपको यह ठानना होगा कि आप अपने कमजोरीयों को मिटाके ही रहेंगे।
इन बातों का ध्यान रखें एवं जीवन में आगे बढ़िए।
धन्यवाद
काजल साह
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