जब हम अपने अनुभूति को पन्ने में लिखते है तब वो कभी कविता, कभी कहानियाँ, कभी निबंध इत्यादि बनके उभरती है। लेकिन आज मैं आपको कविता लिखने का टिप्स बताऊंगी, जिससे आप अपने बातों को पन्ने में कविता के रूप में प्रकट कर सकते है। कविता लिखने के लिए जो सबसे आवश्यक है वो है भाव। जब भाव होगा तभी ही जब फीलिंग्स होगा तभी ही वो पन्नों में उतर पायेगा।
चलिए हम समझने कि कोशिश करते है कि पोयम्स लिखने के लिए के क्या - क्या तरिके है।
जज़्बात : आपका जो जज़्बात है, आप जो दिल से किसी वस्तुओं के लिए महसूस करते है उनके बारे में अच्छे से जाने एवं उस वस्तुओं से रिलेटेड शब्दों को सीखे एवं अपने जज्बातों को पन्नों में उतारने की पूरी कोशिश करें।
प्रकृति : वो कहते है ना प्रकृति वो सुंदर कृति है, जिसके अंदर हर खूबसूरती का निवास है। बहुत सारे रचानाकार प्रकृति के रूप को नायिका के रूप में कभी, सौंदर्य स्त्री के रूप में इत्यादि के रूप में वर्णन करते है। ठीक वैसे ही आप प्रकृति के रूपों को देखे एवं उनसे सीखे। हर छोटे से लेकर बड़े बड़े वस्तुओं को प्रकृति के रूप में चित्रित करें।
उपमा+ अलंकार : जब एक स्त्री सज लेती है, तब उसका रूप और निखर जाता है ठीक उसी प्रकार आप भी हिंदी ग्रामर को सही रूपी से सीखिए एवं अपने कविताओं में उपमा, अलंकार, मुहावरें इत्यादि का उपयोग करें। जिससे आपके पोएम में चार चाँद लग जायेगा।
संक्षिप्त : जब आप शुरू में रचना लिख रहे है तब आप छोटा - छोटा ही लिखें, जैसे चार लाइन्स का एवं अपने पोयम्स को किसी एक्सपीरियंस कवि, कवियत्री को दिखाए। जो आपके गलती को बता पाएंगे एवं अपनी गलती को ठीक करके पुन : लिखने का प्रयास करें।
ध्वनि : कविता लिखते समय ध्वनि का ध्यान रखें यानि कहने का तात्पर्य है कि जब आप लिखें तब संगीत की तरह उसे गया भी जा सके। यानि आपको कोशिश यह करना है कि आपकी कविता ध्वनि केद्रित हो।
भिन्न - भिन्न = आप अपनी कविताओं में भिन्न - भिन्न भावों से कविताओं को लिख सकते है। जैसे : प्रेम, प्रकृति, मानवता इत्यादि। अलग - अलग तरह के कविताओं के लिखने से आपका भाव उभरेगा एवं आपका यही निरंतर प्रयास ही आपको एक अच्छा कवि या कवियत्री बना सकता है। तो देर किस बात कलम उठाये एवं अपने बातों को आज से लिखना शुरू कर दें। साथ ही साथ आप अपनी लिखी हुई कविताओं में लयो को महसूस कर। साथ ही साथ आप छंदो के साथ खेल सकते। इससे आपकी रचना खूबसूरत एवं सुरीली हो जाती है।
लम्हों :कुछ ऐसे भी लम्हें हमारे साथ व्यतीत हुए होते है, जिससे हम भूल नहीं पाते है। वो लम्हा प्रेम का हो सकता, विषाद का, दर्दनाक इत्यादि। आप इस लम्हों को अपने कविताओं के रूप में दे सकते है लेकिन सबसे पहले भाव उभरना चाहिए उसके बाद ही आपका लम्हा भी कविताओं के रूप में निखरेगा।साथ ही साथ आप ज़िन्दगी पर विचार करके आप अपनी ज़िन्दगी के गूँज को प्रभावित करने वाली कविताओं को लिख सकते है।
कल्पना: आपको पता है ना जितने भी चीज़ों का निर्माण हुआ है, वो कल्पना के आधार पर ही हुआ है। वैसे ही आप भी कल्पना करके बहुत सारी रचनाएँ कर सकते है। लेकिन सकारात्मक चीज़ों का कल्पना करके ही अपना पोयम्स लिखें है। नकारात्मक नहीं अगर नकारात्मक सोचेंगे तो परिणाम भी नकारात्मक भी होगा।
प्यार : आपको जिस व्यक्ति या वस्तुओं से प्रेम है आप उसको अपने पोयम्स में व्यक्त कर सकते है। किसी स्पेशल पर्सन, पसंदीदा वस्तुओं के प्रति, कोई पसंदीदा फीलिंग्स इत्यादि के प्रति अपने भावनाओं को आप साझा कर सकते है।
चेक : जब भी आप आप पोयम्स लिख ले, तब आप उसे चेक करें। यानि एक बार नहीं बार - बार करें। अपने पोयम्स को बार - बार दोहराये और सुधार करें।
यह कुछ टिप्स अपने लेखनी में अप्लाई कर सकते है, अपने लेखन में एवं इन टिप्स को अपनाकर आप लेखन का शुरुआत कर सकते है या अपने लेखन को और अच्छा बना सकते है।
धन्यवाद
काजल साह
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