आज मैं आपको कुछ टिप्स बताऊंगी, जो एक नये विषय से रिलेटेड है। सबसे पहले मुझे आप यह बताइये कि आपको कभी एक्सटेम्पर स्पीच का मौका मिला है? क्या आपको पता है एक्सटेम्पर स्पीच क्या है? इसका अर्थ है ऑन द स्टेज टॉपिक मिलेगा आपको बोलना है अब बताइये क्या आपको डर लग रहा है? एक बात हमेशा याद रखें पब्लिक स्पीकिंग के लिए आपको कोई कोर्स नहीं लेना पड़ेगा। आपको कुछ टिप्स को अपनाना होगा एवं अपने पब्लिक स्पीकिंग में बेहतर बन सकते है।
एक्सटेम्पर स्पीच के टिप्स :
1. विकास : सबसे पहले आपको स्वयं का विकास करना है। रोज नये - नये शब्द, नये - नये वाक्य, पब्लिक स्पीकर को सुने मोदी जी के भाषण को सुने इत्यादि। इसे आपका ब्रेन, विचार, कार्य विकसित होगा। जिससे यह फायदा होगा कि अगर आपका ब्रेन विकसित, सकारात्मक सोच, विचार आएगा। जो बहुत -बहुत मददगार होगा एवं आपका यह निरंतर अभ्यास ही आपको आगे ले जा सकती है।
बनावट : एक्सटेम्पर स्पीच के लिए आपको सोचने का समय दिया जाता है, कुछ मिनट का। आप इस समय का उपयोग कर सकते है अपने स्पीच को आर्गेनाइज करने में जैसे :
स्पीच की शुरूआती लाइन्स, सही रूप से उच्चरण, क्लियर परिचय, बॉडी लैंग्वेज और conclusion पर ध्यान दें। इट्रोडक्शन, बॉडी लैंग्वेज इत्यादि इन सभी बातों को ध्यान में रखकर अपने स्पीच को दें।
की : बोलने के लिए बहुत कुछ है लेकिन ऐसा हम सब नहीं करते है। आपको अपने एक्सटेम्पर में वैरी इम्पोर्टेन्ट की पॉइंट्स को लेना है एवं उस की पॉइंट्स को आत्मविश्वास के साथ बोले एवं सारे आर्गेनाइज किये हुए टिप्स का प्रयोग करें।
कॉन्फिडेंस : आपको पता है जब भी मैं एक्सटेम्पर में भाग लेती हूं, तब मेरे अंदर कॉन्फिडेंस रहता है एवं उसी कॉन्फिडेंस के साथ अपने विचार को रखें। इसलिए मैंने कई एक्सटेम्पर को जीता है, वैसे जब भी आप एक्सटेम्पर में भाग ले तब डर का अंत करें एवं आत्मविश्वास के साथ अपने बातों को सामने प्रकट करें..
Pause :आपको रेल गाड़ी की तरह तेज़ी नहीं भागना है, आपको अपने वौइस् टोन का ध्यान रखना होगा एवं कहाँ - कहाँ pause देना एवं कहाँ -कहाँ बोलना है। इन सभी बातों का ध्यान रखें? Pause सही स्थान ना होने पर आपका स्पीच अच्छा नहीं हो पाता है।
Engaging : अगर आप कही एक्सटेम्पर के लिए जा रहे है तब आप लोगों को engaging करने के लिए जरूर कुछ ऐसा तैयार करके जाये। आप एक कॉमन क्वेश्चन, शायरी, अनोखा विचार इत्यादि का आप उपयोग कर सकते है। आपको टाइम भी दिया जायेगा तब आप उस समय अपने टॉपिक के अनुसार शायरी, विचार या क्वेश्चन तैयार कर सकते है।
Clarity : आपको बोलने से डरना नहीं है, आपको पुरे आत्मविश्वास, आत्मबल एवं आत्मसाथ के साथ आपको बोलना है। यानि आपके स्पीच में clarity होना अतिआवश्यक है। शब्दों के उच्चारण से लेकर टोन तक।
Example : आप अपने स्पीच को example के सहित भी समझा सकते है, जिससे आपका एक्सटेम्पर स्पीच अच्छा हो पाए। लेकिन याद रखें आपका example आपके टॉपिक से रिलेटेड ही होना चाहिए।
टाइम : मैं कई बार इसलिए हारी हूं, क्युकी मैंने टाइम का सही से मैनेजमेंट नहीं किया था। किसी भी पब्लिक स्पीकिंग कम्पटीशन में टाइम इज़ वैरी इम्पोर्टेन्ट। इसलिए अपने स्पीच को जो टाइम आपको दिया गया है, उसी टाइम में एन्ड करने का पूरा कोशिश करें। तब यह पॉजिटिव इम्पैक्ट होगा।
स्टे : आपको अपने टॉपिक से बाहर नहीं जाना है, मतलब स्टे रिलेवंत। जो टॉपिक मिला है, उसी के आस - पास बोलना है। और दिए हुए विषय को बहुत सरल, सुगम एवं इजी भाषा में बोले।
Humor : अगर आपको पर्ची में कॉमेडी टॉपिक मिला है तब आप अपने विषय को मजाकिया तरीके से एक्सप्लेन कर सकते है। हँसाना एक सबसे बड़ी कला है। अगर हमें यह कला आता है तब हमें भी जो लोग निराशा में रहते है उनके जीवन में आशा देना होगा।
ग्रेस :आपने अपना एक्सटेम्पर प्रेजेंट कर दिया। अब आता है एंडिंग। एंडिंग बहुत इम्पोर्टेन्ट होता है, इसलिए एंडिंग ग्रेसफुल ही करें। अपने स्पीच का समरी, आपके स्पीच का उद्देश्य, प्रश्न इत्यादि से आप एंडिंग कर सकते है। लेकिन याद रखें एंडिंग ज्यादा बड़ा होना नहीं चाहिए वर्ना ऑडीयंस बोर एवं स्पीच का टाइम क्रॉस भी हो सकता है।
यह कुछ टिप्स है, जो आपके एक्सटेम्पर के लिए बहुत काम आ सकती है, इसलिए इन टिप्स को जरूर अपनाये एवं अपने एक्सटेम्पर को बेस्ट ऑफ़ बेस्ट बनाने का प्रयास करें।
धन्यवाद
काजल साह
|