आप सभी कैसे है?मैंने आपको स्पीच, पब्लिक स्पीकिंग, कम्युनिकेशन इत्यादि से रिलेटेड बहुत टिप्स मैंने आपको बताया है। आशा करती हूँ, यह टिप्स आपके लिए मददगार होंगे। आज मैं आपको डिबेट यानि वाद - विवाद से रिलेटेड मैं आपको टिप्स बताऊंगी कि आप कैसे डिबेट कम्पटीशन को जीत सकते है। अगर आप टिप्स को फॉलो करेंगे तब आप डिबेट कम्पटीशन को जीत सकते है, लेकिन जीतने के लिए सबसे पहले अटूट संकल्प, जुनून एवं मेहनत की आवश्यकता होती है, अगर आपके अंदर यह गुण एवं बताये हुए टिप्स को आप अपनाते है तो आप डिबेट के विनर हो सकते है।
1. रिसर्च : आपको जो टॉपिक दे दिया गया है, उसके बारे में आप हर फैक्ट, डाटा, स्टोरी, कंटेंट इत्यादि पर रिसर्च करें। याद रखें अच्छा डिबेटर वही होते है जो पक्ष एवं विपक्ष दोनों की जानकारी रखते है। इसलिए आप लोगों से पूछिए, उनके एक्सपीरियंस को जानिए, इंटरनेट का सहारा लीजिये एवं एक सॉलिड कंटेंट बनाये।
इंगेजिंग : जिस प्रकार हमलोगों ने यह सीखा था कि स्पीच के समय हमें स्टार्टिंग में कुछ समय यानि 15-30 सेकंण्ड्स बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्युकी स्पीच के स्टार्टिंग में जैसे कोट्स, कहानी, शायरी इत्यादि का उपयोग करते है। वैसे ही आप डिबेट में ऐसा इंगेज लाइन्स से स्टार्ट करें जिससे ऑडीयंस आपसे कनेक्ट हो जाये।
जैसे -
1. शायरी
2. क्वेश्चन
3. छोटी कहानी
4. लघु नाटक
इत्यादि।
कॉन्फिडेंस : जिस प्रकार पब्लिक स्पीकिंग, कम्युनिकेशन, स्पीच में कॉन्फिडेंस की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार डिबेट में भी कॉन्फिडेंस अनिवार्य है।आपका ऑय कांटेक्ट, बॉडी लैंग्वेज, gestures, posture इत्यादि का अच्छे से ध्यान रखें। लेकिन याद रखें यह कॉन्फिडेंस होना चाहिए ना कि ओवर कॉन्फिडेंस।
टोन : जिस प्रकार पब्लिक स्पीकिंग, स्पीच, स्टोरी टेलिंग इत्यादि में टोन जरुरी है ठीक उसी प्रकार डिबेट में वौइस् टोन का बहुत महत्व है। अपने कंटेंट के अनुसार सही जगह पर pause, सही उच्चारण, आपका आवाज का उच्च एवं निम्न इत्यादि बातों पर आपको पुरे अच्छे तरिके से आपको ध्यान देना है। ऐसा वौइस् टोन होना चाहिए जिससे ऑडीयंस सुनना चाहे ना कि आपके आवाज को नकार दें।
अभ्यास, अभ्यास, अभ्यास : किसी ने बिल्कुल सही कहा है कि जितना अच्छा अभ्यास उतना अच्छा परिणाम। इसलिए अगर आपको एक अच्छा डिबेटर बनना है या कोई कम्पटीशन जितना है तो आपको उसके लिए अनवरत मेहनत, प्रयास एवं लग्न से मेहनत करना होगा। इसलिए निरंतर अभ्यास करें।
टाइम :टाइम स्पीच, पब्लिक स्पीकिंग इत्यादि कम्पटीशन में समय अतिआवश्यक है, ठीक उसी प्रकार डिबेट में भी टाइम मैनेजमेंट बहुत जरुरी है। इसलिए पूरी कोशिश एवं प्रयास यह होंना चाहिए कि आपको जो समय दिया गया है उसी समय में अपनेy स्पीच का एन्ड करें।
यह एक सकारात्मक प्रभाव हो सकता है, एवं यह प्लस साइन के रूप में जज की पास जायेंगे।
काइंडनेस एवं दयालु : मैंने अक्सर यह देखा है, जब कोई डिबेट में पार्टिसिपेट करते है तब वे गुस्से से परिपूर्ण हो जाते है एवं बहुत उग्र तरिके से खुद को प्रेजेंट करते है, यह एक बहुत ख़राब तरीका है। यह उग्र उनको नेगेटिव मार्क्स दे देती है। इसलिए आपका पूरा प्रयास होना चाहिए कि यह सिर्फ एक प्रतियोगिता है इसलिए इसे प्रतियोगिता के हिसाब से ही खेले। काइंडनेस एवं पोलाइट बेहेवियर रखे।
सकारात्मक : अगर आप पक्ष या विपक्ष में है। आप किसी भी पक्ष में है, हमेशा आपको उत्तर सकारात्मक रूप, काइंडनेस, पोलाइट रूप से देना है। जिनसे जो आपके विरोध में खड़े है उनको भी बुरा ना लगे एवं जज आपके इस बेहेवियर को देखकर आपको अच्छा मार्क्स दें।
रिपीट : अब आपके मन में प्रश्न आ रहा होगा कि रिपीट कहने का तात्पर्य क्या है? देखिये जब आप अपनी बात डिबेट में रखते है तब कुछ ऐसे बातों को हाईलाइट्स कीजिये जो महत्वपूर्ण है। वो ज्यादातर विचार या प्रश्न ही हो तो अच्छा है। एवं अपने विपक्षी के सामने उसे एक या 2 बार रिपीट कीजिये। यह मैंने कई डिबेटर को करते हुए देखा है।
कनेक्ट : डिबेट एक कला है, जिससे हम मेहनत, अभ्यास एवं चाहत से सीख सकते है। आप डिबेट में अपने विरोधी प्रतियोगिता के साथ आप ऑडीयंस के साथ भी कनेक्ट हो सकते है। ऐसा प्रश्न भी तैयार कीजिये, विचार कीजिये जिससे आप ऑडीयंस के सामने प्रेजेंट कर पाए।
क्लोज़िंग : स्पीच, पब्लिक स्पीकिंग इत्यादि में जिस प्रकार क्लोज़िंग इम्पोर्टेन्ट होता है। ठीक उसी प्रकार डिबेट में भी क्लोज़िंग इम्पोर्टेन्ट है। इसलिए क्लोज़िंग स्वीट, इंटरेस्टिंग, मसालेदार इत्यादि तरीके से एन्ड करें।
जैसे :
1. विचार
2. प्रश्न ऑडीयंस के लिए
3. सीख
4. शायरी
5. फेमस कहावत
6. मुहावरा
इत्यादि।
यह कुछ प्रमुख टिप्स है, जिसका आप प्रयोग कर सकते है एवं एक अच्छा डिबेटर एवं आप विजेता भी बन सकते है। इसके लिए रोजाना अभ्यास करें।
धन्यवाद
काजल साह
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