विषय को कंप्लीट करने के साथ पढ़े हुए विषयों का रिवीजन करना अत्यंत आवश्यक है ।ऐसे अनेक बच्चें हैं,जो पढ़ते हैं लेकिन पढ़े हुए विषयों को कुछ क्षण बाद भूल जाते हैं।इसका कारण है पढ़े हुए विषयों का रिवीजन ना करना या सही ढंग रिवीजन ना करना।
पढ़े हुए विषयों का रिवीजन करना अत्यंत जरूरी है ,क्योंकि हमारा ब्रेन पढ़े हुए विषयों को कुछ समय तक ही याद रख पाता है ,उसके बाद कुछ समय बाद पढ़ा हुआ विषय ब्रेन से मिट जाता है । जिसे हम टॉपर कहते हैं।वे इसलिए टॉपर हैं,क्योंकि वे पढ़े हुए विषयों को सही ढांचा एवं प्लानिंग के साथ पढ़ते हैं।
आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ साझा करूंगी कि किन – किन techniques को अपनाकर प्रभावशाली एवं उत्तम तरीके से पढ़े हुए विषयों को याद रख सकते हैं।
1. पढ़े हुए विषय : अधिकांश बच्चें स्कूल ,कॉलेज और कोचिंग जाते हैं,लेकिन शिक्षण स्थानों से लौटने के पश्चात वे पढ़ाए हुए विषयों का रिवीजन करने से चूक जाते हैं।घर आकर पढ़ाए हुए विषयों को रिवीजन नहीं करने की वजह से ब्रेन वह विषयों को कुछ समय बाद भूल जाता है।इसलिए अत्यंत आवश्यक है कि घर ने के बाद सक्रिय स्मरण अर्थात् ऐक्टिव रिकॉल जरूर करें।
अब आप सोच रहे होंगे कि यह active recall क्या है? इसका उपयोग आप तब कर सकते हैं,जब आप शिक्षण संस्थानों से घर के लिए रवाना हो रहे हो।जैसे कि आप रास्ते में अपने मन में पढ़ाए हुए विषयों को मन में रिवीजन करें । घर आकर आप पढ़ाए हुए विषयों को देखें और खुद से question पूछे.. बिना देखे जवाब देने का प्रयत्न करें।
यह कार्य प्रत्येक दिन करें .. अपने शिक्षण स्थानों से लौटने के समय और बाद।
2. मज़ेदार:इतिहास हो या गणित प्रत्येक विषयों को रोचकता से याद करने का प्रयास करें अर्थात यह तब ही संभव है ,जब आप स्टडी मजेदार ढंग से करेंगे। शिक्षा को दबाव ना समझें।बल्कि शिक्षा में सशक्त ताकत संपूर्ण विश्व को बदलने का।
* Flascards,quizes, notes इत्यादि ke माध्यम से study करें। अगर यह shikshn संस्थानों में नहीं हो पा रहा है,तब आप सेल्फ स्टडी के दौरान इन methods का उपयोग करें।
Study केवल थ्योरी बेस ना करें,बल्कि प्रैक्टीकल तरीकों को भी जोड़े।
3. ब्रेक : जब आप किसी भी नए टॉपिक या विषय को पूर्ण होने के बाद घर का रिवीजन जरूर करें।इसके बाद यह नहीं होना चाहिए कि आप सीधे एग्जाम के 1 दिन पहले पढ़ रहे हैं। पहले दिन रिवीजन करने के बाद कुछ दिनों के अंतराल पर पढ़ें।
जैसे आपने पहले दिन पढ़ा,फिर 2 दिनों के बाद ,फिर 5 दिनों के बाद और फिर 7 दिनों के बाद।
4. सरलता: किताबें हमारे पास है,लेकिन किताबों में लिखी बातों को सरलता से हमारे टीचर्स समझाते है।अर्थात कठिन विषयों को सरलतम आकार देने में टीचर्स की बड़ी भूमिका होती है।
जब भी आप आप रिवीजन करें ,तब उसे खुद को बिल्कुल सरल भाषा में समझाएं अर्थात आप स्वयं ही एक टीचर और स्वयं ही आप एक स्टूडेंट है। इस टेक्नीक को feynman technique कहते हैं। सरल भाषा में समझाएं और सरल भाषा में लिखें।
गलतियां होगी ,लेकिन आपको हारना नहीं है।जहां भी अटकें,वहीं से दोबारा सीखें। यकीन मानिए यह एक उम्दा टेक्नीक है,जिसका उपयोग में मैं अपने स्टडी में करती हूं।
5.मानचित्र और समय: study को विजुअल और ऑडियो के साथ पढ़ें अर्थात लाइफ साइंस हो या गणित इत्यादि विषयों को चार्ट,डायग्राम ,चित्र इत्यादि के माध्यम से समझने के प्रयास करें।
रिवीजन करते समय या पढ़ाई करते समय pomodoro technique का उपयोग जरूर करें।इसके अनुसार 25 मिनट पढ़ाई करें और 5 मिनट का ब्रेक लें।यह एक अच्छा माध्यम है,जिससे आप पढ़ाई करते समय थकते नहीं हैं और लंबे समय तक आप पढ़ पाते हैं।
6. Mnemonic: मुझे यह पल अभी भी याद है,जब मैंने हिस्ट्री के कठिन डेट और लोगों के नाम अत्यंत रोचकता से याद कर पाई थी। रिवीजन हो या परीक्षा के लिए किसी विषयों को लम्बे समय तक याद रखने के लिए Mnemonics techniques का उपयोग करें,जिसमें आप किसी भी विषयों को छोटे पहेलियों , कोड ,कहानियां ,या शॉर्ट ट्रिक इत्यादि के रूप में याद कर सकते हैं।
यह कुछ प्रमुख टिप्स हैं,जिसको फॉलो करके आप अच्छे से पढ़ें हुए विषयों का रिवीजन कर सकते हैं।इसके अतरिक्त अन्य टिप्स है – लिखकर दोहराएं,समूह अध्ययन करें एवं सबसे जरूर अपने तन और मन का ध्यान रखें।उचित ,व्यायाम नींद ,पौष्टिक भोजन करें।
आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा।अगले निबंध मैं आप सभी के साथ साझा करूंगी कि जल्दी और साफ – सुथरा लिखने की कला कैसे विकसित करें... परीक्षा के लिए।
धन्यवाद
काजल साह
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