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03/04/2025 Aditi Pandey Politics Views 153 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
वक़्फ संशोधन विधेयक मामले में झामुमो और कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है: रघुवर दास

वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पारित हो गया। लोकसभा में इस संशोधन विधेयक का झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने विरोध किया और इस बिल के विरोध में मतदान किया। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का आदिवासी विरोधी चेहरा कल खुलकर सामने आ गया। वक़्फ़ संशोधन बिल में किये गए कई संशोधनों में झारखण्ड के सन्दर्भ में भी महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है। संशोधन बिल के कानून बनने के बाद आदिवासी क्षेत्रों में अनुसूचि 5 एवं अनुसूचि 6 के तहत वक़्फ़ सम्पति घोषित नहीं की जा सकेगी। इस संशोधन से आदिवासी समुदाय की मूल संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों का भी संरक्षण हो सकेगा। कांग्रेस के सम्पर्क में आते ही झारखण्ड मुक्ति मोर्चा तुष्टिकरण की राजनीति के जाल में पूरी तरह फंस चुका है | झारखण्ड मुक्ति मोर्चा आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए समर्पित राजनितिक दल के रूप में पेश कर आदिवासियों को भ्रमित करता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र के नेतृत्व में केंद्र की एनडीए सरकार ने जब वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक में आदिवासियों के हितों और जमीन की रक्षा के प्रावधान किये तो झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के लोक सभा सांसदों ने इस बिल का विरोध करते हुए बिल के खिलाफ वोट किया। मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए आदिवासी हितों के खिलाफ जाने के झामुमो के इस कदम को झारखण्ड के आदिवासी समाज को देखना और समझना चाहिये। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा और हेमंत सोरेन को झारखण्ड आदिवासियों को इस बात का जवाब देना चाहिये की क्या वो चाहते है कि आदिवासी क्षेत्र की जमीन को वक़्फ़ घोषित कर दिया जाए ? संविधान की 5वीं अनुसूचि राष्ट्रपति द्वारा घोषित है, जिसके अंतर्गत आदिवासी की मूल संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों को संरक्षित किया गया है। अनुसूचित क्षेत्रों में कब्रिस्तानों मज़ार, मकबरा, मस्जिद एवं दरगाहों इत्यादि का निर्माण एवं विस्तार आदिवासियों की मूल संस्कृति के एकदम विपरीत है। अनुसूचि क्षेत्र में वक़्फ़ का सम्पत्ति का रहना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। आदिवासियों के लिए घोषित अनुसूचित क्षेत्र व में में वक़्फ़ बोर्ड की किसी भी प्रकार की सम्पत्ति से क्षेत्र की पहचान, संस्कृति और विरासत लगातार कमजोर होती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने वक़्फ़ (संशोधन) बिल में आदिवासी क्षेत्रों में अनुसूचि 5 एवं अनुसूचि 6 के तहत वक़्फ़ सम्पति घोषित नहीं जा सकने का प्रावधान कर झारखंड के आदिवासियों के हितों की रक्षा की है। झारखण्ड में बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन करा कर जमीन हड़प कर उसे वक़्फ़ घोषित कर दिए जाने पर भी नया बिल रोक लगायेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मुस्लिम तुष्टिकरण की कोशिशों का ही परिणाम है रांची के पिठोरिया थाना क्षेत्र में सरहुल पूजा की शोभा यात्रा के दौरान घटी घटना जिसमें पाहन पर हमला किया गया। आदिवासी समाज जागे, हकीकत पहचाने नहीं तो झामुमो मुस्लिम समुदाय को खुश करने और तुष्टिकरण के लिये आदिवासियों की पहचान, विरासत और संस्कृति ख़त्म कर देंगें। मैं झारखंड की जनजाति समाज से अपील करता हूं कि जे.एम.एम., कांग्रेस के जितने भी एमपी हैं, उनका सामाजिक बहिष्कार करें। क्यों वक्फ (संशोधन) विधेयक में मुसलमानों के पक्ष में खड़े हुए।

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