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23/03/2023 Kajal sah General Views 96 Comments 0 Analytics Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
कविता : बस तेरे लिए
माँ तेरे लिए
मैं जहान बनाना चाहती हूँ
तेरे हर ख़्वाबों कों
पूरा करना चाहती हूँ
तेरे हर दर्द कों मिटाना चाहती हूँ
इस छोटे से जहान में
तेरे लिए प्यारा सा घर बनाना चाहती हूँ 
तेरे हर दुख कों
सुख में बदलना चाहती हूँ
माँ तेरे लिए
मैं सुंदर जहान बनाना चाहती हूँ।


माँ तूने मेरे हर
सपनों में पर लगाया
खुद ना खाकर मुझें खिलाया
खुद ना सोकर
अपनें गोद में
रातों तक सुलाया
जीवन के हर दर्दो कों सहकर
तूने मुझें हमेंशा
ख़ुशी का एहसास
दिलाया माँ
माँ तेरे लिए
मैं जहान बनाना चाहती हूँ।

पापा की तरह कंधो में बैठकर
पूरी जगत तुनें घुमाया
अपनें हर इच्छाओं कों
त्यागकर
मेरी सारी इच्छाओं कों
तूने हमेंशा नवीन पँख लगाया
मेरी हर जिद्द कों तूने
हँस कर पूरा किया माँ
अब मैं भी
तेरे हर ख़्वाबों कों
पूरा करना चाहती हूँ
तेरे लिए एक दुनिया
बनाना चाहती हूँ माँ।
धन्यवाद : काजल साह : स्वरचित
                             

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