क्या लड़कियो की वास्तविक सुंदरता उसका चेहरा और तन है? क्या लड़कियो का जन्म बच्चों को पालने से लेकर बड़ा करने तक ही सीमित है? क्या लड़कियां अपने परिवार पर बोझ होती है? ऐसे विभिन्न प्रश्न मेरे मन में उत्पन्न होते है। पुस्तकों, विभिन्न लोगों के ज्ञान, डॉक्यूमेंटरी इत्यादि अध्ययन करने और पढ़ने के बाद ज्ञात हुआ कि स्त्री में अपार शक्ति और हौसला है। विकसित भारत के लक्ष्य को पूर्ण करने में स्त्रियां भी बढ़ - चढ़कर हिस्सा ले रही है।
हर स्त्री को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं अध्यात्मिक रूप से स्वयं को सशक्त जरूर बनाना चाहिए। हर लड़की की वास्तविक सुंदरता उसका ज्ञान, कौशल, कला एवं स्वाभाव है।
आज इस निबंध के माध्यम से हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि लड़कियों को किन - किन महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान अनिवार्य रूप से देना चाहिए?
हर लड़की की उसकी असली पूंजी उसका तन और चेहरा नहीं है। उसकी असली पूंजी उसका ज्ञान, कौशल एवं सुंदर मन है। इसलिए अपने मन, ज्ञान, कौशल इत्यादि को सशक्त बनाने पर अपना समय और ऊर्जा खर्च करना चाहिए।
शारीरिक : किसी दूसरों को आकर्षित करने के लिए अपने तन को संवारे नहीं, बल्कि जीवन के हर सुख पल का आनंद लेने के लिए और कठिन परिस्थितियों से लड़ने के लिए तन अर्थात शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान दे। अपने दिनचर्या में नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, उचित नींद ( ना अधिक और ना ही बहुत कम ), स्वास्थ्य जाँच जरूर करवाये इत्यादि।
जीवन को सादगी एवं सौंदर्यता से जीने के लिए स्वस्थ स्वास्थ्य का होना अतिआवश्यक है।
2. मानसिक स्वास्थ्य : आचार्य प्रशांत जी ने कहा था - महिलाएं बहुत कम ध्यान देती है अपने मन को मजबूत करने में। स्त्री जिसे अपनी बड़ी पूंजी ( चेहरा और तन ) मानती है.. आगे चलकर वह ज्यादा साथ नहीं दे पाता है।हर स्त्री की वास्तविक पूंजी उसका ज्ञान, कौशल, कला एवं सशक्त मन है। शारीरिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के साथ अनिवार्य रूप से अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दे।
जीवन में सकारात्मक विचारों को समावेश करें, ज्ञानवर्धक किताबों का चयन करें, शांत स्थानों पर यात्रा करें, सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताएं इत्यादि।
3. शिक्षा : आज भी भारत के मिडिल क्लास फैमिली में लड़कियों की शिक्षा से ज्यादा लड़कों की पढ़ाई की चिंता रहती है। भारत में ऐसे कई स्थान है, जहां लड़कियों की शादी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक पूर्ण होने के बाद ही शीघ्रता से शादी करा दी जाती है। यह बहुत दुख की बात है। किसी भी देश की सबसे बड़ी सम्पति उसकी शिक्षित जनसंख्या है। भारत देश की आधी जनसंख्या महिलाएं है। अगर महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखा जाए.. तो देश की प्रगति कैसे सम्भव है? इसी रूढ़िवादी कार्य एवं नकारात्मक विचारों को रोकने के लिए ब्लॉक स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अत्यंत प्रयास करना चाहिए।
हर स्त्री को खूब पढ़ना चाहिए। जब तक आपके पास शिक्षा नहीं होगा, तब सबका आपका शोषण करेंगा, इसलिए लड़िये अपने हक़ के लिए और पढ़िए... आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए। असली ताकत और असली पूंजी आपका ज्ञान, कौशल और कला है।
लगातार सीखते रहें और अपने लक्ष्यों प्राप्त करने के लिए शिक्षा को प्राथमिकता दे।
4. करियर : जब महिला आर्थिक रूप से किसी और पर निर्भर रहती है.. तब वहां महिलाओं को शोषण होता है और ना मान और ना ही सम्मान मिलता है।जीवन में सार्थक एवं स्पष्ट लक्ष्य तैयार करें। उस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए अथक मेहनत और प्रयास करें।
हर स्त्री को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर जरूर बनना चाहिए। मनपसंद स्थान और मनपसंद हर कार्य जीवन में आप कार्य कर पाए.. उसके लिए अपने पैरों पर खड़ा होना अत्यंत जरुरी है।
5. आत्मविश्वास : आत्मविश्वास वह खूबसूरत आभूषण है, जिससे स्त्रियां सौंदर्यता से खिल जाती है। अतीत में ऐसे भी कथा मौजूद है, जहां स्त्रियां को भोग - विलास की वस्तुओं के रूप में प्रदर्शित किया गया है। कमजोर और डरपोक का प्रतीक बताया गया है। लेकिन आज वह समय नहीं है। आज स्त्री धरा से लेकर ऊँचे आसमान तक अपने पंखों को फैलाकर ऊँची उड़ान उड़ रही है। आत्मविश्वास के अद्भुत आभूषण को ग्रहण करके स्त्रियां अपनी क्षमताओं पर विश्वास है और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सदैव अग्रसर रहती है।
6. परिवार : ऐसे भी भारत में स्थान है, जहां बेटी के जन्म से परिवार लोग दुख हो जाते है। हमें समझने की आवश्यकता है कि लड़कियां बोझ नहीं है.. जिस प्रकार बेटों के लिए माता - पिता सपने सजोते है और यह उम्मीद करते है कि बड़ा होने पर यही बेटा बुढ़ापे का लाठी बनेगा। यही सोच बेटियों के लिए क्यों नहीं है? बेटियां भी अपने माता - पिता के बुढ़ापे की लाठी बन सकती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि लड़कियों को अच्छे से पढ़ाया जाया और जिस प्रकार माता - पिता अपने बेटों के लिए स्वप्न देखते है..बेटियों के लिए भी स्वप्न देखना चाहिए।
7. दोस्तों : मन एक स्पन्ज की तरह है। स्पन्ज कीचड़ भी सोक लेता है और पानी भी।ठीक उसी प्रकार हमारा मन है स्पन्ज की भांति है। मन को हमेशा स उचित विचारों से लेकर उचित लोगों के सम्पर्क में जोड़कर रखें।
नर हो या नारी दोनों के जीवन में मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए बेहद जरुरी है कि सकारात्मक एवं समर्थक मित्रों का चयन करें। अगर आप ऐसे मित्रों के साथ समय बिताएंगे..जो दूसरों के बारे में gossips करते है, नकारात्मक बाते करते रहते है इत्यादि। ऐसे मित्रों के साथ जीवन नष्ट हो सकता है।सबसे अच्छा दोस्त और आपकी ताकत अच्छी किताबें बन सकती है। इसलिए अच्छे किताबों का चयन करें।
8. क्रिएटिविटी : पढ़ाई के अलावा अपने फ्री टाइम ऐसे कार्य को करें.. जो करना आपको अच्छा लगता है। जैसे - पेंटिंग, डांस, पब्लिक स्पीकिंग इत्यादि किसी भी क्षेत्र में आपको रूचि है.. उस कार्य को जरूर करें।
इसे आपको उत्साह और उमंग मिलता है।
# फाइनेंस नॉलेज : अपने कमाएं हुए धन का सार्थक एवं सही से उपयोग तब ही आप कर पाएंगे.. जब आपको फाइनेंस नॉलेज होगा। पढ़ाई के साथ महत्वपूर्ण स्किल जैसे फाइनेंस नॉलेज, तकनीकी ज्ञान इत्यादि जरूर सीखे।
यह कुछ महत्वपूर्ण कार्य है, जिसपर महिलाओं को अनिवार्य रूप से ध्यान देना चाहिए। आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद
काजल साह
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