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27/11/2024 Kajal sah General Views 247 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
प्रभावी

बातों को स्पष्ट , सार्थक एवं सफल रूप से रखने के लिए प्रभावी संचार कौशल बेहद ही अनिवार्य है। प्रभावी संचार कौशल समग्र विकास के लिए एक उत्तम एवं पहला कदम है।प्रभावी संचार कौशल के अन्तर्गत प्रभावी भाषण देना , स्टोरी टेलिंग इत्यादि सम्मिलित है। आज मैं आपको स्टोरी टेलिंग से संबंधित बेहद मजेदार एवं महत्वपूर्ण टिप्स बताने वाली हूं। स्टोरी वह माध्यम है जिससे बच्चे से लेकर बड़े तक जुड़ सकते हैं,अगर स्टोरी कहने का तरीका प्रभावशाली हो। एक कहानी सुनाना सिर्फ शब्दों को बोलना नहीं,बल्कि श्रोता को एक पूरी दुनिया में ले जाना है। कहते भी है - " शब्द को संभल - संभल कर बोलिए, शब्द के ना होते हाथ - पांव ,एक ही शब्द है औषधि एक ही शब्द में घाव"। आपके शब्दों का चयन ऐसा होना चाहिए, जिससे किसी अन्य को बुरा ना लगे और किसी के हृदय को घात ना पहुंच पाएं। 1. कहानी: कहानी क्या है? कहानी अर्थात एक कथा, चाहे सत्य हो या काल्पनिक, गद्य या पद्य में,जो श्रोता या पाठक की रुचि,मनोरंजन या निर्देश देने के लिए बनाई गई हो उसे ही कहानी कहते है। पन्ने में प्रकाशित कहानी को उम्दा, आकर्षक, उत्तम एवं प्रभावशाली बनाने के लिए जिस उत्तम शैली का हम उपयोग करते है एवं लोगों को कहानी से जोड़ लेते है वही स्टोरी टेलिंग है। अगर आप अपने ऑफिस के प्रेजेंटेशन में,स्कूल के प्रेजेंटेशन में इत्यादि स्थानों पर स्टोरी प्रेजेंट करना चाहते हैं? तब सबसे पहले आप जिस भी कहानी को प्रस्तुत करना चाहते हैं,उस कहानी को अत्यंत गहराई से समझें।कहानी के हर किरदार, घटना और हर प्रमुख पात्रों के भाव को अपने मन में उतार लें। कहानी को पूरी तरह से समझ लेने से , हम अन्य लोगों के समक्ष अत्यंत उम्दा तरीके से प्रेजेंट कर सकते हैं। 2. श्रोता: प्रभावी संचार कौशल एक कला है।इस कला को हम निरंतर अभ्यास से सीख सकते हैं। भाषण, स्टोरी टेलिंग , प्रेजेंटेशन इत्यादि प्रस्तुत करने से पहले आप किसके सामने प्रस्तुत करने वाले यह जानना अत्यंत आवश्यक है। अपने श्रोताओं बारे में निम्नलिखित जानकारी जरूर हासिल करें। जैसे : # आपके ऑडियंस कौन है? उनकी उम्र,उनकी रुचि इत्यादि को जानना अत्यंत आवश्यक है। तब ही आप उनके अनुसार प्रेजेंटेशन प्रेजेंट कर सकते हैं। # स्थान: अगर आप नए स्थान पर प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत करने जा रहे हैं,तब उस स्थान पर पहले जाकर उस स्थान को अच्छे से देख ले,अगर यह संभव हो तो जरूर करें। 3.जीवंत: शब्दों में अपार शक्ति है। उचित शब्दों को उचित तरीके एवं उचित स्थान पर कहने से हम जीवन में सफलता की ओर जरुर बढ़ते हैं। हर फिल्म या सीरियल से लोग जुड़ नहीं पाते हैं लेकिन अधिकांश लोग उन फिल्मों सीरियल जुड़ पाते हैं। जिसमें अभिनेता , अभिनेत्री और अन्य पात्रों ने अत्यंत उम्दा तरीके से कहानी के किरदारों को जीवंत कर दिया हो। आप भी पूरा प्रयास करें कि जिस भी स्टोरी को आप अपने प्रेजेंटेशन में प्रस्तुत करने वाले हैं,उस कहानी के किरदारों इतना जीवंत बनाएं कि श्रोता उन्हें जान सकें। उनके स्वभाव , उनके शब्द इत्यादि का अत्यंत गहराई से रिसर्च करें। कार्य छोटा हो या बड़ा हमें उसे हमेशा अच्छे से करना चाहिए। 4.भावनाओं: आज के समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अत्यंत तेज़ी से आगे बढ़ रहा हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मनुष्य में एक सबसे बड़ा अंतर यह है कि मनुष्य में विभिन्न प्रकार के भावनाओं का समावेश रहता है ( सुख,दुख, करुणा इत्यादि) लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भावनाओं का आभाव है। इस भावनाओं का उपयोग स्टोरी टेलिंग में जरूर उपयोग करें। जैसे: अपनी आवाज में उतार - चढ़ाव लाकर और अपने चेहरे के भावों का उपयोग करके अपनी भावनाओं को व्यक्त करें। इससे श्रोता आपके साथ जुड़ पाएंगे । लेकिन एक बात का हमेशा याद रखे अति हमेशा घातक होती है। उचित,उम्दा और उत्साह से भावनाओं का उपयोग करें। 5. अंत: लोकसहित्य अर्थात एक ऐसा साहित्य जिसे मौखिक साहित्य भी कहते हैं। जिसकी रचना किसी ज्ञानी पंडित, शिक्षित लोग इत्यादि ने नहीं की। अपितु साधारण लोगों ने मौखिक साहित्य की रचना की।लोकसहित्य के अंतर्गत लोककथा आता है। लोककथा का प्रमुख उद्देश्य होता है : " अंत भला तो अब भला "। इसी बिंदु को केंद्र बनाकर हमेशा एंडिंग प्रभावशाली , आकर्षक एवं उम्दा तरीके से करें।जिस प्रकार एक मजबूत शुरुआत अनिवार्य है ठीक उसी प्रकार एंडिंग भी मजबूती से करें। जैसे : कछुएं एवं खरगोश की कहानी, प्यासे कौए की कहानी इत्यादि। कहानी का अंत ऐसा हो जो श्रोता मन में कुछ सोचने के लिए मजबूर करे। एक अच्छा संदेश देकर कहानी को यादगार बना सकते हैं। यह कुछ महत्वपूर्ण टिप्स हैं।इसके अतिरिक्त आपको कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अत्यंत गंभीरता से ध्यान देना है। कहानी चयन करने के बाद बारम्बार अभ्यास करें। अभ्यास सही दिशा में करें। मेहनत से करने से कभी पीछे ना हटे। आत्मविश्वास के साथ प्रेजेंटेशन प्रेजेंट करें। आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा। धन्यवाद काजल साह

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