शिक्षा हमारे जीवन का सबसे अनिवार्य हिस्सा है। बिना शिक्षा के जीवन व्यर्थ है। शिक्षा मनुष्य के आत्मविश्वास, कौशल, सम्मान इत्यादि में विकास करती है। लेकिन ऐसे अनेक विद्यार्थी है, जिन्हें पढ़ाई में करना अच्छा नहीं लगता और ऐसे भी अनेक विद्यार्थी है, जो पढ़ना चाहते हैं लेकिन पढ़ने का सही तरीका उनको ज्ञात नहीं है।इन सभी समस्याओं का निवारण आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ साझा करूंगी।
1. लक्ष्य :विद्यार्थी के पास विद्या अर्थात उनके पास ज्ञान जरूर होना चाहिए।अधिकांश विद्यार्थी इसलिए शिक्षा को महत्व नहीं देते, क्योंकि उनका पढ़ाई का मुख्य लक्ष्य तय नहीं है अर्थात बिना लक्ष्य के जीवन शून्य है। जब जीवन में लक्ष्य तय रहता है, तब हम अपने समय और ऊर्जा का सदुपयोग सही दिशा में करते हैं।
विद्या ही हमें सार्थक एवं स्पष्ट दिशा प्रदान करती है। विद्या ही उन्नति का मार्ग है। विद्या ही हमारे जीवन का सबसे अनुपम उपहार है। पढ़ाई को रुचिपूर्ण बनाने के लिए स्पष्ट एवं सार्थक लक्ष्य तय करें।
2. विषय : विद्यार्थी के एक से ज्यादा विषय पढ़ने होते है। जैसे : इतिहास, विज्ञान, हिंदी, गणित इत्यादि। उन सभी विषयों में आपको कौन - सी विषय में अधिक रूचि से, उससे स्टार्ट करें । इंटरेस्टिंग विषय शुरुआत करने से उत्साह और उमंग आपको प्राप्त होगा। यह उत्साह और रूचि आपको धीरे - धीरे आगे विषय पढ़ने के लिए ऊर्जा प्रदान करेगी। पढ़ाई में एकाग्रता एवं रूचि बढ़ाने के लिए इजी सब्जेक्ट या अपने पसंदीदा विषय के साथ आरम्भ करें।
3. लघु :आज के ऐसे भी विद्यार्थी है, जो पढ़ाई में व्यस्त नहीं अस्त - व्यस्त रहते हैं। एकसाथ सब कार्य करना चाहते हैं अर्थात मल्टीटासकिंग करते हैं। पढ़ाई हो या कार्य एक समय पर एक कार्य करना चाहिए। एग्जाम आने से पहले पढ़ना आरम्भ ना करें, इसकी वजह से ही विद्यार्थी मल्टीटास्कर बन जाते हैं।नयी कक्षा में प्रवेश करने के बाद से ही विषय को लघु - लघु भाग में बाँट कर पढ़े। एक समय पर एक विषय के टॉपिक, डाटा को अच्छे से समझें। यह प्रक्रिया बहुत सशक्त है, जिससे आप विषय को बहुत देर तक याद रख पाएंगे।
4. रूटीन : अनुशासन एवं मेहनत के बिना टैलेंट का अंत निश्चित है। आत्म -अनुशासन एवं मेहनत से जीवन में हर उपलब्धि पाना सम्भव है। जब आप एक विद्यार्थी है, तब आपके पास समय और ऊर्जा है। अगर आप एक स्कूल स्टूडेंट हो या कॉलेज स्टूडेंट, आपके पास जो समय है.. वह बेहद कीमती है।यह समय फिर वापस नहीं आएगा। इसलिए पढ़ाई के लिए एवं अपने कौशल को विकसित करने के लिए एक रूटीन तैयार करें। अगर आपको किसी विषय को याद करना है या पढ़ा हुआ बहुत देर तक याद रखना है, तब कोशिश करे कि सुबह उठकर पढ़ने का।
मन को नियंत्रित करने के लिए एवं समय का सदुपयोग करने के लिए हर दिन रात को सोने से पहले अगले दिन का लक्ष्य निर्धारित ( पढ़ाई के लिए ) करें।
5. इनक्रीज़ : आज के युथ जनरेशन बहुत खुशनसीब है। आज इस डिजिटल युग में अगर वे डिजिटल टूल्स का सार्थक से उपयोग करते हैं, तब वे बहुत आगे बढ़ सकते हैं और अपने विषय को स्पष्टता से समझ पाएंगे। थ्योरी सब्जेक्ट्स को मजेदार तरिके से समझने के लिए विषय से संबंधित वीडियोस, एनीमेशन देखे। ऐसे बहुत से एप्लीकेशन है, जिसका उपयोग करके आप अपने पढ़ाई को आसान एवं रुचिपूर्ण बना सकते हैं।
बोरिंग तरिके से पढ़ना अब छोड़े और पढ़ने के तरिके में डिजिटल टूल्स का उपयोग करें।
6. ब्रेक और उदाहरण :पढ़ाई के दौरान ब्रेक लेना आवश्यक है। 45 मिनट पढ़ने के बाद 5 मिनट का ब्रेक ले। ध्यान रहें कि ब्रेक के दौरान मोबाइल या ऐसे कार्य का ना करे, जो आपके ध्यान को भंग कर दे। इसलिए ब्रेक के दौरान योगा या मैडिटेशन करें।
आज आपके मोबाइल में AI टूल्स मौजूद है, जिससे आप किसी भी समय पर किसी भी विषय का आपके जीवन में क्या महत्व है या प्रैक्टिकल उदाहरण प्राप्त कर सकते हैं। अपने टीचर्स से पूछिए और AI टूल्स का सार्थक उपयोग करें।
8.विकसित : आप किस स्थान पर अध्ययन कर रहें हैं? उसकी भी बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए ऐसे स्थान का चयन करें, जो शांत एवं सकारात्मक हो। पॉजिटिव स्थान के साथ पॉजिटिव माइंडसेट भी अनिवार्य है। पढ़ाई को बोझ ना समझें।सकारात्मक विचार रखें और पढ़ाई करें।
9. रिवॉर्ड : डेली लक्ष्य को पूरा करने के बाद अंत में खुद को प्रोत्साहित या रिवॉर्ड जरूर दे।इससे आपको ऊर्जा एवं शक्ति मिलेगी, आगे बढ़ने के लिए।
यह कुछ महत्वपूर्ण तरिका है, जिससे पढ़ाई को मजेदार बनाया जा सकता है। उपरोक्त टिप्स के अलावा है - ग्रुप स्टडी करें, प्रतिदिन रिवीज़न करें, स्वास्थ्य ( मानसिक एवं शारीरिक ) पर ध्यान दें इत्यादि। आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद
काजल साह
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