जम्मू-कश्मीर में रियासी और कटरा के बीच अंजी खड्ड पर देश का पहला केबल-स्टेड रेल पुल बनकर तैयार हो गया है। यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का अहम हिस्सा है और जम्मू से सड़क मार्ग से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 725.5 मीटर लंबा यह पुल नदी के तल से 331 मीटर ऊंचा है और यह भारत का दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, जिसमें पहले स्थान पर चिनाब ब्रिज है।
पुल पर सफल ट्रायल रन
नॉर्दन रेलवे के अभियंता अरुण काक ने जानकारी दी कि अंजी खड्ड पुल पर ट्रायल रन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा। सीआरएस ट्रायल भी सफल रहा है, और अब इसके उद्घाटन के बाद नियमित ट्रेन सेवा शुरू हो जाएगी। पुल के निर्माण के साथ-साथ 215 किलोमीटर की कनेक्टिंग सड़क भी बनाई गई है, जिसका उपयोग अब आम लोग भी कर रहे हैं।
पुल का निर्माण और विशेषताएँ
इस पुल का निर्माण विशेष रूप से भूकंप के जोन पांच को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जबकि यह क्षेत्र जोन चार भूकंप क्षेत्र में आता है। यह पुल 230 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा को भी झेल सकता है। इस पुल में 650 किलोमीटर केबल लगाया गया है, जो स्लोवाकिया से आयात किया गया है। पुल में 82 से 295 मीटर तक लंबाई वाले 96 केबल्स का उपयोग किया गया है। पुल की कुल लागत 550 करोड़ रुपये रही है।
अंजी खड्ड पुल की विशेषताएँ
• यह पुल चिनाब की सहायक नदी अंजी पर रियासी और कटरा के बीच स्थित है।
• यह 725.5 मीटर लंबा है, जिसमें 473.25 मीटर केबल-आधारित भाग शामिल है।
• यह पुल श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के कटरा-बनिहाल खंड पर सुरंग टी2 और टी3 को जोड़ता है।
• पुल में एकीकृत निगरानी प्रणाली के लिए सेंसरों का इस्तेमाल किया गया है।
डिजाइन और निर्माण में तकनीकी सहयोग
इस पुल के विस्तृत डिजाइन और निर्माण पर्यवेक्षण का काम इटालियन कंपनी ने किया है, जबकि इसकी जांच आईआईटी रुड़की और आईआईटी दिल्ली द्वारा की गई थी। पुल पर 3.75 मीटर चौड़ा सर्विस रोड और दोनों डेकों के किनारे 15 मीटर चौड़े फुटपाथ बनाए गए हैं, जो 1.5 मीटर चौड़े हैं।
|