दस दिनों शारदीय नवरात्र मंगलवार को समाप्त हो गया. माँ के भक्तों ने अश्रुपूरित नम आंखों से मां भगवती को विदाई दी. विसर्जन से पहले मां की प्रतिमा का ढाक के धुन पर मां के जयकारे के साथ नगर भ्रमण काड़ा कराया गया.अररिया जिले में 110 स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की गई. अररिया जिला में कई पूजा समिति की ओर से मां को विदाई कंधों पर देने की परंपरा चली आ रही है. जिस तरीके से घर से बेटी को डोली पर बैठाकर विदाई की भारतीय सभ्यता- संस्कृति की पौराणिक परम्परा है.बेटी की डोली कहार उठाते हैं, उसी तर्ज पर मां भगवती की प्रतिमा को श्रद्धालु कंधे और हाथ पर उठाकर नगर भ्रमण कराते हुए विसर्जित की गई. फारबिसगंज के सुलतान पोखर पूजा समिति की ओर से कंधे और हाथ पर नगर भ्रमण कराया. सुलतान पोखर दुर्गा पूजा समिति के सदस्य मां भगवती के विशाल प्रतिमा के बेस को इस कदर बनाते हैं कि मां को विदाई के दौरान कंधा दे सके और उसी के तहत पांच दर्जन से अधिक भक्त मां को अपने कंधे पर बिठाकर नगर भ्रमण कराया और फिर उसका विसर्जन की. इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए सड़क के दोनों ओर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी.