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30/08/2023 Kajal sah General Views 250 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
क्या आपका माइंडसेट स्ट्रांग है या वीक?

आपको पता है, अगर आप अपने माइंड से यह कहते है कि आप बीमार है तब आपका मन भी कोई भी कार्य को सुचारु रूप से नहीं करेंगा, लेकिन अगर आप अपने माइंड को यह समझाते है कि आप अच्छे है, आप हर मुसीबतों से लड़ सकते है, आप आगे बढ़ सकते है इत्यादि सकारात्मक विचार खुद से कहते है, तब वास्तविक रूप से कार्य को कर सकते है। इसलिए आपका माइंडसेट जितना मजबूत होगा उतना ही आप शीघ्र ही हर कार्य को कर सकते है। अगर माइंड मजबूत है तब अवश्य ही जीवन के हर पड़ाव को पा सकते है, लेकिन अगर आपका माइंडसेट नकारात्मक विचारों से परिपूर्ण है तब आप कभी भी जीवन के सफलताओं तक नहीं पहुँच सकते है। इसलिए सबसे पहले माइंड को स्ट्रांग बनाये। आज मैं आपको कुछ टिप्स बताऊंगी फॉर माइंड। यानि माइंडसेट को कैसे हम मजबूत बना सकते है। चलिए जानते है : 1.बातें : आपको पता है जिनका माइंड स्ट्रांग होता है, वे हमेशा स्वयं से एवं दूसरों से भी सकारात्मक बातें करते है। अपने जीवन में नकारात्मक कर न तक नहीं आने देते। इसलिए हमेशा स्वयं से एवं अपने आस - पास के लोगों से सकारात्मक बातें करें। इससे आपको भी एनर्जी एवं दूसरों को भी सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। 2.चुनौतियाँ : चुनौतियाँ हमेशा एक नया opportunity है। हमेशा स्ट्रांग माइंडसेट के व्यक्ति चुनौतियों से सीखते है, एवं चुनौतियों से डरते नहीं वे हमेशा लर्निंग माइंडसेट से चुनौतियों से सीखते है। अगर आपके जीवन में चुनौतियाँ आये तब आपको चुनौतियों से सीखना है। 3.फेलियर : अगर आपको स्ट्रांग माइंडसेट के व्यक्तित्व बनना है, तो आप उन महान लोगों से सीखिए। जिन्होंने कई फेलियर के बाद वे पुन : प्रयास हमेशा करते है। इसलिए जब भी आपके जीवन में चुनौतियाँ आये तब आप उनसे सीख। क्युकी असफलता ही सफलता की जनक होती है। इसलिए फेलियर से सीखें एवं अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाए। अभ्यास : अगर आपको किसी भी क्षेत्र में बेहतर बनना है,तब उसके लिए निरंतता अभ्यास करें। आपका प्रयास जितना होगा उतना आपका कार्य बेहतर, माइंडसेट बेहतर एवं आगे बढ़ने का जुनून और बढ़ेगा। इसलिए निरंतर अभ्यास, प्रयास एवं लग्न से कार्य करें। संगत : हमारे जीवन में संगत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हम जैसे संगत के साथ रहेंगे हमारा माइंडसेट भी उनकी तरह बनने लगेगा। इसलिए हमेशा ऐसा संगत के साथ रहे जो आपका विकास करें, आपके माइंडसेट का विकास करें, सकारात्मक लोगों के साथ रहें। नकारात्मक लोगों के साथ अभी से ही परित्याग करें। जिनका सपना बड़ा नहीं है, जो हमेशा problems का ही बहाना करते है इत्यादि ऐसे लोगों के साथ ना रहे, क्युकी आपका माइंडसेट भी इन लोगों की तरह हो जायेगा। इसलिए आज से ही अभी से इन लोगों को त्याग दें। लर्निंग : अगर आपको स्ट्रांग माइंडसेट बनना है, तो सबसे पहले आपको लर्निंग माइंडसेट ग्रोथ करना होगा। हमेशा सीखने का प्रवृत्ति रखें। लर्निंग यानि हमेशा सीखते रहें। फॉर्मल एजुकेशन, इन्फॉर्मल, स्किल, न्यू लर्निंग इत्यादि हमेशा सीखते रहें। हमेशा खुद को चैलेंज करें, और स्वयं को प्रतिदिन छोटा - छोटा गोल्स जरूर दें। कमजोरी : जैसे कि हम जानते है 5 अंगूलियां बराबर नहीं होती है। वैसे हमारे अंदर कमी है, लेकिन कमी को कमी मानकर बैठे रहना सबसे बड़ी कमी है, इसलिए अपने कमियों का अंत करने का पूरा प्रयास करें। निरंतर प्रयास, निरंतर अभ्यास एवं परिश्रम करें अपने लक्ष्य को पाने के लिए। फोकस : मेरी सबसे बड़ी कमी यह है कि फोकस की कमी। लेकिन मैं कोशिश पुरी करुँगी, अपने फोकस को बढ़ाने का। स्वयं को प्रतिदिन चैलेंज करें। नकारात्मक लोगों की बात ना सुने। किताबों, ईश्वर भक्ति, अच्छे कार्य इत्यादि गुणों को अपनाये। एवं निरंतता अग्रसर रहे आगे बढ़ने के लिए। रिस्क : वो कहते है ना जिन्होंने रिस्क लिया उसने कुछ फिक्स किया। जी हाँ जीवन में रिस्क लेना भी अतिआवश्यक है, क्युकी अगर आप आज रिस्क को रिस्क समझ कर छोड़ दीजियेगा तब वो रिस्क किस के लिए खीर खांड के रूप में प्रस्तुत होगा। इसलिए जीवन में रिस्क ले। रिस्क से ना डरे, क्युकी भले ही रिस्क से सफलता मिले या ना मिले लेकिन अनुभव जरूर मिलेगा। और यह जीवन अनुभव से निर्मित है, इसलिए सीखें, लोगों से सीखें एवं आगे बढ़ें। धन्यवाद काजल साह

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