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13/10/2023 Neelesh Sharma Politics Views 103 Comments 0 Analytics Video English DMCA Add Favorite Copy Link
Jharkhand politics: विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने राजभवन पर की टिप्पणी, गरमाई सियासत
Jharkhand politics: झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने राजभवन को लेकर की गई टिप्पणी पर विपक्ष के पलटवार पर कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया है। स्पीकर ने इससे संबंधित सवाल भी टाल दिया। भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर कहा कि स्पीकर का पद दल और राजनीति से परे होता है, निष्पक्ष होता है। इसके बावजूद उन्होंने मर्यादा का उल्लंघन किया। किसी भी विधेयक पर सरकार से विधि सम्मत जानकारी प्राप्त करना, राज्य हित में विधि सम्मत निर्णय लेना राज्यपाल का संवैधानिक दायित्व है। ऐसा कोई पहली बार नहीं बल्कि पहले भी कई विधेयकों के साथ हुआ है। ऐसे में एक संवैधानिक कार्रवाई को स्पीकर द्वारा दलीय चश्मे से देखना और उसे दुष्प्रचारित करना असंवैधानिक है।
भाजपा ने इस मुद्दे पर स्पीकर पर पलटवार करते हुए न सिर्फ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, बल्कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राज्यपाल से मिलकर स्पीकर पर विधि सम्मत कार्रवाई की मांग की है। मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में राजभवन पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर कहा कि स्पीकर, मुख्यमंत्री और सरकार में संवैधानिक पद पर बैठे लोगों के द्वारा लगातार असंसदीय और असंवैधानिक वक्तव्य दिए जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि यह सब इनके आचरण और व्यवहार का अंग बन चुका है।
विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने नाला में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर आदिवासियों की पहचान सरना धर्म कोड को विधानसभा से पारित कर राजभवन को भेजा गया, लेकिन राजभवन से बिल को लौटा दिया गया। 1932 खतियान को विधानसभा से पारित कर राजभवन को भेजा, वह भी लौटा दिया गया। राज्यभवन भी भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को बताया कि 26 जून को स्पीकर ने झामुमो के मंच से सीधे राजभवन पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि वे राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं, संवैधानिक संस्थाओं के संरक्षक हैं। ऐसे में उनका बयान पूरी तरह से उनके पद की गरिमा और मर्यादा के खिलाफ है। इस अशोभनीय टिप्पणी पर विधि सम्मत कार्रवाई का अनुरोध किया। प्रतिधिमंडल ने सदन के भीतर मुख्यमंत्री द्वारा राजभवन पर की गई टिप्पणी की बात भी ज्ञापन में कही है। राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि पक्ष और विपक्ष के द्वारा जनहित और राज्यहित में राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का होना लोकतंत्र की खूबसूरती है, लेकिन संवैधानिक पद पर बैठे लोगों का असंवैधानिक आचरण शोभनीय नही हैं। ये राज्य को कलंकित करते हैं। प्रतिनिधिमंडल में दीपक प्रकाश, आदित्य साहू, डॉ प्रदीप वर्मा, बालमुकुंद सहाय, विधायक सीपी सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक शामिल थे।

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