यह कॉलेज स्ट्रीट है फुटपाथ पर किताबें सजी रहती हैं कतार में छोटे -छोटे स्टॉल है कई हर विषय की पुरानी पुस्तकें खरीद सकते हैं बेच सकते हैं एशिया का सबसे बड़ा किताबों का बाजार दुर्लभ किताबें बाजार दुर्लभ किताबें ढूंढ़ते बड़े -बड़े विद्वान यहाँ देखे गए है खरीदी जा सकती हैं, पाठ्य पुस्तकें भी अब तो सिर्फ पाठ्य पुस्तकें ही एक मित्र ने बताया कि इस बाजार में महज दस रूपये में मिल रही है तुम्हारी किताब मुझसे रहा नहीं गया तत्काल उसे खरीद लाया इसमें नदारद था उसका नाम जिसे मैंने लिख कर किया था सप्रेम भेंट उसने खरोंच कर मिटा दिया था भय लगने लगा है अब किसी को अपनी किताब भेंट देने में। कवि: मानिक बच्छावत धन्यवाद काजल साह