गूगल ने हाल ही में बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 भारतीय मोबाइल एप्स को प्ले-स्टोर से हटा दिया था, हालांकि सरकार के हस्तक्षेप के बाद प्ले-स्टोर पर एप्स की वापसी हो गई है। गूगल ने यह कार्रवाई बिलिंग सिस्टम में गड़बड़ी को लेकर की थी। गूगल ने कहा था कि ये कंपनियां उसके प्ले-स्टोर की पॉलिसी को नहीं मान रही थीं और इस संबंध में उन्हें कई बार चेतावनी भी दी गई थी। आइए जरा समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर यह बिलिंग का पूरा विवाद क्या है?
आपसे में कुछ लोगों को इस बारे में पहले से ही जानकारी होगी, हालांकि जो नहीं जानते हैं उन्हें बता दें कि गूगल प्ले-स्टोर पर यदि किसी कंपनी का एप है और उससे एप को बनाने वाली कंपनी की कमाई होती है तो उस कंपनी को गूगल को एक शुल्क देना होता है जो कि 15-30 फीसदी तक हो सकता है।
Google के बिलिंग सिस्टम के मुताबिक यदि कोई एप सब्सक्रिप्शन आधारित है। जैसे शादी डॉट कॉम की प्रीमियम सर्विस लेने के लिए पैसे देने होते हैं। ऐसे में यदि आप शादी डॉट कॉम का पेड सब्सक्रिप्शन लेते हैं, तो इसमें से 15 से 30 फीसदी गूगल को देना होगा, लेकिन ये कंपनियां गूगल को यह पैसा नहीं दे रही थीं। गूगल ने साफतौर पर कहा था कि उसकी अपनी पॉलिसी है और सभी कंपनियों को उसे मानना होगा। गूगल ने यह भी दावा किया कि ये एप्स दूसरे स्टोर को पैसे दे रहे हैं लेकिन उसे नहीं दे रहे।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने गूगल को काफी पहले आदेश दिया था कि वह 15 से 30 फीसदी शुल्क लगाने की पुरानी व्यवस्था को खत्म करे, जिसके बाद गूगल ने एप भुगतान पर 11-26 प्रतिशत शुल्क लगाना शुरू कर दिया। भारतीय कंपनियों ने गूगल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें गूगल के शुल्क पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई। इस मामले में अगली सुनवाई 19 मार्च को होनी है।
गूगल ने प्ले-स्टोर से 10 भारतीय एप्स हटाया था उनमें Shaadi, Matrimony.com, Bharat Matrimony, Balaji Telefilms Altt (पूर्व में ALTBalaji), Kuku FM, Quack Quack, Truly Madly जैसे एप्स के नाम शामिल थे।
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