संग्रहालय एक ऐसा स्थान जहाँ अतीत से लेकर वर्तमान से संबंधित वस्तुओं को एकत्र किया जाता है। संग्रहालय केवल मनोरंजन का ही साधन नहीं है अपितु मनोमंजन का भी समृद्ध साधन है। आज इस निबंध मैं आप सभी को बताने वाली हूँ कि संग्रहालय जाना क्यों जरुरी हैं? संग्रहालय जाने से क्या - क्या लाभ मिलता है?
1. इतिहास : समस्त अतीत में घटित घटना, योजनाओं, लोग इत्यादि को जानने का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण संग्रहालय है। प्राचीन काल की अनेक दुलर्भ वस्तुओं का संग्रह संग्रहालय में किया जाता है। संग्रहालय के माध्यम से अतीत को अत्यंत रोचकता के अनुसार जाना जा सकता है।
संग्रहालय के कई प्रकार होते है। जैसे - विज्ञान संग्रहालय, इंटरनेशनल संग्रहालय, नेशनल संग्रहालय इत्यादि। अपनी रूचि के अनुसार पसंदीदा थीम के अनुसार संग्रहालय जरूर घूमने जाएँ।
2. परिचय :संग्रहालय अर्थात विभिन्न संस्कृतियों एवं सभ्यताओं को जानने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। अगर आप ऐतिहासिक संग्रहालय, राष्ट्रीय संग्रहालय, इंटरनेशनल संग्रहालय इत्यादि में यात्रा करने जाते है, तब आपको विभिन्न स्थानों के बारे में जानने का मौका मिलेगा। उनकी संस्कृति, उनकी सभ्यता, उनका रहन -सहन इत्यादि।
कोलकाता का बहुत प्रसिद्ध संग्रहालय राष्ट्रीय संग्रहालय इस संग्रहालय में भारत में मौजूद विभिन्न स्थानों के बारे में, वहां के लोगों की संस्कृति, उनकी सभ्यता इत्यादि के बारे में अत्यंत रोचकता से जानकारी मिलती है। हम कह सकते हैं कि संग्रहालय वह माध्यम है, जिससे हमारा नज़रियां, ज्ञान एवं कौशल में उन्नति होती है। अगर आप अपने ज्ञान, कौशल एवं दृष्टिकोण में उन्नति चाहते हैं? तब जरूर से जरूर संग्रहालय जाएँ।
3. सौंदर्य : संग्रहालय दुर्लभ वस्तुओं से पूर्ण रहता है। जहाँ प्रकृति, विज्ञान, खेलकुद, साहित्य, रूपये इत्यादि से पूर्ण रहता है।हम कह सकते हैं कि संग्रहालय यानि दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह। संग्रहालय में अत्यंत सूक्ष्मता एवं सौंदर्य के साथ वस्तुओं को एकत्र किया जाता है।
किसी घटना से संबंधित चित्रकला, मूर्तिकला, शिल्प कला इत्यादि यह सारे अनुपम माध्यम है अतीत को जानने का। थ्योरी नॉलेज के साथ प्रैक्टिकल नॉलेज अत्यंत आवश्यक है। हिस्ट्री बुक में. मौजूद अतीत की घटनाओं को अत्यंत सूक्ष्मता, सौंदर्य एवं उत्तम तरिके से जानने का जरिया संग्रहालय है। इसलिए संग्रहालय जरूर जाएँ।
3. ज्ञान, मनोरंजन एवं रचनातमकता : सीखना जीवन पर्यन्त क्रिया है। जब तक जीवन है,तब तक सीखना है।संग्रहालय भी ज्ञान प्राप्त करने का एक श्रेष्ठ उदाहरण है। संग्रहालय में अनेक दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह है। हम अपने आस - पास उन वस्तुओं को नहीं देख सकते हैं लेकिन संग्रहालय में विभिन्न घटनाओं से संबंधित चित्रकला, शिल्पकला इत्यादि एकत्र मौजद है, इसलिए संग्रहालय केवल मनोरंजन के साधन तक सीमित नहीं है।संग्रहालय मनोमंजन, क्रिएटिविटी में वृद्धि एवं ज्ञान उन्नति करने का एक महत्पूर्ण एवं सशक्त स्थान है। अनेक ऐसे भी लोग है,जिन्हें मैंने देखा है, जो विभिन्न विषय को संग्रहालय में देखकर कविता, चित्र इत्यादि लिखते एवं बनाते है। इसलिए संग्रहालय जाएँ और अपने ज्ञान, क्रिएटिवि एवं बुध्दि में वृद्धि करें।
यह कुछ महत्वपूर्ण कारण एवं लाभ है। भारत का अतीत अनेक संघर्ष से पूर्ण है और विभिन्न रोचक घटनाओं से भरा हुआ है इसलिए संग्रहालय जरूर जाएँ।
आशा करती हूँ कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा। अब मैं आपको दूसरा महत्वपूर्ण विषय पर महत्वपूर्ण बाते रखना चाहती हूँ। विषय है काम टालने की बुरी आदत को कैसे आप अपने जीवन से दूर कर सकते हैं?
एक सभ्य, सुंदर एवं सफल जीवन जीने के लिए वर्तमान में हम जो भी कर रहें हैं, उसी से हमारा भाग्य तय होता है। किसी लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए नियमित रूप से लक्ष्य के लिए कार्य करना, अभ्यास एवं मेहनत करना अत्यंत आवश्यक है। हर व्यक्ति जीवन में सफल होना चाहता है लेकिन सफल होने के लिए जिस कार्य करने की नितांत आवश्यकता है, उसी में चूक जाता है। ऐसे अनेक असफल अर्थात बैड हैबिट्स हैं, जिससे हम कभी भी जीवन में आगे नहीं बढ़ सकते हैं। उन बुरी आदतों में एक सबसे बड़ी एवं घातक आदत है काम टालने की आदत। सार्थक कार्य टालना अर्थात जीवन में कर्म ना करना। यह एक सबसे विषपूर्ण एवं घातक आदत हैं, जिससे हम जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते हैं।
इस बुरी आदत को कैसे दूर किया जा सकता है? उस आदत को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं।
1. योजना : बिना लक्ष्य के जीवन कुछ नहीं है। सार्थक एवं स्पष्ट लक्ष्य के आभाव के बिना जीवन व्यर्थ है। सबसे पहले अपने जीवन में योजना के साथ अपना लॉन्ग टर्म एवं शार्ट टर्म स्पष्ट एवं मापने योग्य लक्ष्य बनाएं ताकि आप अपने समय एवं ऊर्जा का सदुपयोग कर पाएं।
2. लिस्ट : जो सबसे महत्वपूर्ण कार्य करें उसे पहले करें। सार्थक एवं योग्य कार्य से ही आपका जीवन सफल बन सकता है। दिन की शुरुआत में एक टू - डू लिस्ट बनाएं और उसे पूरा करने के लिए समय निर्धारित करें।
3. छोटे - छोटे :जो आपके अनुसार कठिन कार्य लग रहा है,उस कार्य को छोटे- छोटे स्टेप में विभाजित करके करें, जिससे आप शीघ्रता से कर सकते हैं।
उपरोक्त कार्य के अलावा आप कर सकते हैं। समय सारणी बनाएं, सबसे महत्वपूर्ण कार्य को प्राथमिकता देना सीखें, कार्यों को सकारात्मक नज़रिये से देखें, कार्य पूर्ण हो जाने के बाद खुद को इनाम दे इत्यादि। आशा करती हूँ कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद
काजल साह
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