इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि माता-पिता की सहमति के बिना शादी करने वाले व्यक्ति को पुलिस सुरक्षा का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से शादी करता है और उसके माता-पिता या परिवार के सदस्य इसका विरोध करते हैं, तो पुलिस सुरक्षा देना आवश्यक नहीं है।
क्या है कानून
भारतीय कानून के अनुसार, बालिग लड़के और लड़की अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि माता-पिता या परिवार के सदस्यों के विरोध के बावजूद शादी करने वाले जोड़े को पुलिस सुरक्षा देना जरूरी नहीं है। कोर्ट का कहना है कि पुलिस सुरक्षा केवल तभी दी जा सकती है जब व्यक्ति के जीवन को खतरा हो या उसे किसी प्रकार की धमकी मिल रही हो।
कोर्ट का फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि माता-पिता की सहमति के बिना शादी करने वाले व्यक्ति को पुलिस सुरक्षा देने का मतलब होगा कोर्ट के आदेश की अवहेलना करना। कोर्ट ने कहा कि वह ऐसे मामलों में पुलिस सुरक्षा देने के आदेश नहीं दे सकती है जहां माता-पिता या परिवार के सदस्य इसका विरोध कर रहे हों।
क्या होगा प्रभाव
इस फैसले का मतलब है कि अब माता-पिता की सहमति के बिना शादी करने वाले जोड़ों को पुलिस सुरक्षा मिलना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे मामलों में जोड़ों को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ सकता है और कोर्ट के आदेश के बाद ही पुलिस सुरक्षा मिल सकती है। यह फैसला उन जोड़ों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है जो माता-पिता की सहमति के बिना शादी करना चाहते हैं।
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