मैं हिम्मत से भरी
एक बेटी, एक माँ
और कई रुप से उभरी हुई
एक शक्ति हूँ, मैं नारी हूँ।
मैं आज की नारी हूँ
लाचार, बेचारी और अबला नहीं
वर्तमान कों मेहनत से संवारने वाली
और भविष्य कों उज्जवल बनाने वाली
मैं जोश से भरी एक नारी हूँ।
वस्त्र से ढकी रहती हूँ
लेकिन दकियानुसी
विचारों कों मिटाने के लिए
हमेंशा उभरी रहती हूँ
शिक्षा कों मैंने माना है
अपना अधिकार
स्वयं पर निर्भर होकर
निभाया है अपनें कर्तव्यों को
क्योंकि मैं जोश से भरी एक नारी हूँ।
अब मैं आगे बढूंगी
हर नारी के लिए प्रेरणा बन जाऊंगी
मैं जान चुकी हूँ, कैसा जीना है
अब विष नहीं, अमृत पीना है
क्योंकि मैं आज की एक नारी हूँ।
धन्यवाद : काजल साह :स्वरचित
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