इस सदी के महानायक, बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता, भारतीय सिनेमा जगत में जिनका कोई मुकाबला नहीं, ऐसे सफलतम व्यक्तितत्व का जीवन भी संघर्ष से भरा है। अमिताभ बच्चन ने आज जो मुकाम हासिल किया है, वह ना जाने कितने उतार-चढ़ाव, सफलता असफलता के दौर से गुजरने के बाद हासिल किया है। अमिताभ बच्चन ने अपना कैरियर कोलकाता की एक शिपिंग कंपनी में नौकरी करने से शुरू किया था। उन्होंने एक बार रेडियो सेवा में बतौर समाचार वाचक की नौकरी चाहिए थी, लेकिन उनकी आवाज को उपयुक्त नहीं माना गया।
वे संघर्षों के दिनों में 7 वर्षों तक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता महमूद साहब के निवास पर रहे। उन्होंने राजनीति में भी अपना दांव आजमाया, सांसद भी चुने गए, लेकिन राजनीति उन्हें रास नहीं आई और बीच में ही त्यागपत्र देकर पुनः सिनेमा जगत में भाग्य आजमाने लगे। बोफोर्स विवाद में भी इनका नाम घसीटा गया, जिसके लिए उन्हें अदालत जाना पड़ा, लेकिन अंततः उन्हें निर्दोष माना गया।
अमिताभ बच्चन ने वर्ष 1996 को ABCL की स्थापना की। एबीसीएल ने फिल्में बनाई, लेकिन वह असफल रही। एबीसीएल ने वर्ष 1997 में बेंगलुरु में आयोजित 1996 की मिस वर्ल्ड सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन किया लेकिन खराब इंतजाम के कारण इसे करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। वर्ष 1997 में यह आर्थिक एवं क्रियाशील दोनों तरीकों से ध्वस्त हो गई। कंपनी प्रशासन के साथ में चली गई और बाद में इसे भारतीय उद्योग मंडल द्वारा असफल करार दे दिया गया।
इसके बाद कौन बनेगा करोड़पति के टीवी प्रोग्राम का एंकर बनकर अमिताभ बच्चन ने पुनः अपनी सास जमाई। इस कार्यक्रम की सफलता से उन्हें एवं उनके परिवार को नैतिक एवं आर्थिक संबल मिला और पुनः सफलता के द्वार खुल गए।
हर विषम परिस्थितियों को साहस पूर्वक और धैर्य पूर्वक जलते हुए अमिताभ बच्चन ने कभी अपना आत्मविश्वास नहीं खोया। बच्चा लगातार संघर्ष करते रहे, आज आप देख सकते हैं कि वह आज कितनी ऊंचाई पर है। आज वह फिल्म जगत के महानायक हैं, आज उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है, उनका कार्य इतना महान है कि हम सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। आज वह जिस पद पर वह पहुंचे हैं शायद उन्होंने स्वयं के लिए यह कल्पना भी नहीं की होंगी।
धन्यवाद
काजल साह
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