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03/06/2023 Kajal sah Inspiration Views 193 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
निबंध : विदेशों में मोदी का जलवा
प्रधानमंत्री मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तभी से उनका काम करने का तरीका बहुत श्रेष्ठ रहा है। गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर गुजराती भाइयों की भलाई के लिए उन्हें अगर गुजरात राज्य भारत संघ के सीमाओं को भी लघाना पड़ा, उन्होंने बिना देर किए बेहचिक वैसा किया। भारत में वर्ष 2013 में उत्तराखंड त्रासदी के समय उन्होंने ऐसा भी किया था।

 वर्ष 2013 में उत्तराखंड में आई मौसमी त्रासदी के कारण समस्त भारत के हिंदू श्रद्धालु हताश हुए थे, जो वहां चारधाम यात्रा पर गए थे।
 उत्तराखंड छोटा एवं पहाड़ी राज्य हैं। वहां पर फंसे श्रद्धालु की मदद में उत्तराखंड सरकार के पसीने छूट गए। वहां पर भारी संख्या में गुजराती भी फंस गए थे। मोदी जी ने तत्काल वहां पर फंसे गुजराती भाइयों को वहां से  बाहर निकालने के लिए स्पेशल व्हीकल ही नहीं  बसें एयर तैनात कर दीं।

 भारत में हर वर्ष कई आतंकी घटनाएं होती रहती हैं। दूसरे राज्य और केंद्र के लोग शुरू में लंबे समय तक जांच करने में लगे रहते हैं। साधनों की कमी की वजह से पहले तो जांच ही धीमी चलती है, उसके बाद अपराधी अगर सामने भी आ जाते हैं  तो जब तक जांच दल उन तक पहुंच आता है अपराधी पंछी की तरह उड़ जाता है। यह मोदी का ही जलाल है कि आतंकी हमलों की दृष्टि से गुजरात सबसे सुरक्षित जगह है। ऐसा नहीं है कि गुजरात में आतंकी घटनाएं नहीं घटी। अक्षरधाम हमला और अहमदाबाद बम धमाके गुजरात की धरती का सीना  चाक कर चुके हैं । मोदी जी ने उन हमलों के अपराधियों को कुछ ही समय में तलाश करवा कर पकड़ वाला लिया। जहां दूसरे राज्यों के जांच टीम  डिपार्टमेंट के साधन हीनता की वजह से जूझती रहती है, वही मोदी जी टीम को अपने स्तर पर भी साधन उपलब्ध करवाने के पीछे नहीं रहते।
 वर्ष 2008 में अहमदाबाद में हुए 17 जगहों पर 22 धमाकों के आरोपियों को गुजरात की जांच टीम में कुछ ही समय में तलाश कर लिया। धमाकों का मुख्य आरोपी इंडियन  मुजाहिदीन का सदस्य था और उत्तर प्रदेश के तराई इलाके में अपने घर में छिपा था। नरेंद्र मोदी ने आरोपी को पकड़कर लाने के लिए अपने स्तर पर चौपार उपलब्ध करवाया ताकि जांच टीम कुछ ही घंटों में ना केवल आरोपी तक पहुंच जाए बल्कि आरोपी के वहां से फरार होने से पहले उसे दबोच ले। मोदी की जांच टीम अपने मकसद में कामयाब रही।
 विदेशी निवेश को गुजरात में लाने के लिए मोदी जी ने चीन, जापान और सिंगापुर जैसे देशों का दौरा किया। मोदी जी ने वर्ष 2006 में वहां के स्पेशल इकोनामिक जोन्स कि स्टडी करने के लिए चीन का दौरा किया ताकि वह भी गुजरात स्पेशल इकोनामिक जोन तैयार कर सकें। उसके बाद वर्ष 2007 की कोशिशों का  ही नतीजा था कि चीन ने भारत के तेरह हीरा व्यापारियों को आजाद कर दिया। उन हीरा व्यापारियों को शेनजेन कस्टम ने पकड़ लिया था हाय जेल में डाल दिया था। दिसंबर 2011 में मोदी जी खुद चीन गए चीन सरकार से वार्ता करके उन तेरा हीरा व्यापारियों की रिहाई का मार्ग प्रशस्त किया। यह मोदी जी की कूटनीतिक कोशिशों और राजनैतिक शक्ति का ही द्योतक है।

 भारत के घोर विरोधी राष्ट्र पाकिस्तान के करांची चैमंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान आने का न्योता दिया। गुजरात के तीव्र विकास से प्रभावित होकर  उन्होंने वो न्योता भेजा था। वह चाहते थे कि मोदी वहाँ के व्यापारिक लीडर्स को संबोधित करें। उसके अलावा पाकिस्तान, अहमदाबाद और सिंध गुजरात में पुराने समय से सांस्कृतिक और व्यापारिक रिश्ते होने का इतिहास रहा है। मोदी जी ने भी पाकिस्तान को अपने स्तर पर सचमुच मदद देने का आश्वासन दिया।
 मोदी नाम के इस सूरज का जलवा ही तो है की मोदी की विरोधी भी अपना विरोध खत्म करके उनसे हाथ मिलाने पर मजबूर हैं। यूनाइटेड किंगडम भी उनमें से एक है। वर्ष 2002 में गुजरात दंगों के कारण यूनाइटेड किंगडम ने मोदी से डील के लिए इंकार कर दिया। उसी प्रदेश ने एक दशक के बाद अपना विरोध खत्म कर दिया। 2012 में यूरोपियन यूनियन ने भी अपना विरोध खत्म कर दिया।
 भारत के अंदर सितंबर 2013 को  द इकोनॉमिक्स टाइम्स  ने नीलसम के साथ 100 भारतीय कॉरपोरेट लीडर्स मोदी को प्रधानमंत्री पद पर देखना चाहते हैं।
 हालांकि भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमृतर्य सेन मोदी जी के गुजरात विकास से संतुष्ट नहीं फिर भी भारत के जगदीश भगवती और अरविंद पंगरिया जैसे अर्थशास्त्री उसके आर्थिक विकास से पूरी तरह प्रभावित है। ना केवल अर्थशास्त्री, व्यापारीऔर राजनेता, आध्यात्मिक गुरु  मोरारी बाबू और बाबा रामदेव मोदी जी के प्रधानमंत्री पद के लिए सपोर्ट करते हैं।
 यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी ने भी वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री के प्रत्याशी के रूप में मोदी जी का नाम पर मोहर लगा दी थी।
धन्यवाद
                             

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