शारीरिक रूप से सशक्त,मानसिक रूप से दृढ़ एवं बौद्धिक रूप से मजबूत बनने के लिए शिक्षा के साथ अन्य गतिविधियों की भी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। वाद– विवाद,भाषण,चित्रकला ,काव्य पाठ इत्यादि ऐसी महत्वपूर्ण भूमिका है,जिससे विद्यार्थियों का बहुत मजबूती से तैयार हो सकते हैं।अपने विचारों को प्रभावी रूप से प्रकट करना,अन्य लोगों से प्रभावी ढंग से बात कर पाना इत्यादि।
आज विभिन्न कॉलेज, विद्यालयों ,संस्थानों इत्यादि में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिकी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा हैं। शिक्षा के साथ सांस्कृतिकी गतिविधियों एक मजबूत एवं सार्थक माध्यम है समग्र विकास का। आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ साझा करूंगी कि कैसे किसी भी कविता का पाठ किया जाता है ? जब हम अन्य कवि / कवियत्री की कविता को अन्य लोगों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं,तब उसे काव्य आवृत्ति कहा जाता है। काव्य आवृत्ति सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। काव्य आवृत्ति कैसे करते हैं? किन - किन महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक है? हर महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं को आज मैं आप सभी के साथ साझा करूंगी।
1. अर्थ: पन्ने पर लिखी बात हो या लोगों के मुंह से निकली बात हो।सबसे पहले एवं जरूरी कार्य समझना। काव्य आवृत्ति अधिकतर लोग केवल कविता याद कर लेते हैं। काव्य आवृत्ति में आप अपना बेहतरीन प्रस्तुति देने के लिए काव्य अर्थात जिस कवि/ कवियत्री की कविता को प्रस्तुत करना चाहते हैं,उसे गहराई से समझें। गहराई से समझने के अंतर्गत शामिल है – कविता के भाव की समझना, हर शब्द , हर पंक्ति को गहराई से समझने का प्रयास करें।
साहित्य हमें आगे बढ़ने की ओर अग्रसर करता है। हिंदी साहित्य ,अंग्रेजी साहित्य इत्यादि में हर काव्य , कहानी,हर विधा एक उद्देश्य के रचनाकार लिखते हैं। आपने जिस काव्य का चयन किया है,उसके अर्थ को समझने के बाद आप भी महसूस कर पाते हैं कि कवि क्या संदेश दे रहे हैं। गहराई से समझने के आप कवि के भावनाओं को समझ पाते हैं।जब आप उन भावनाओं के साथ काव्य प्रस्तुत करते हैं,तब आपके श्रोताओं को भी अच्छा लगेगा।
रट्टा से ज्यादा गहनता के साथ समझें।कवि के कविता के भाव ,शब्द ,भाषा इत्यादि।
2.अभ्यास : शिक्षा हो या खेल , किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए मेहनत के साथ सही दिशा में प्रयास आवश्यक है। प्रयास में अपार एवं असीमित शक्ति है,जिससे किसी भी कार्य में सफल हो सकते हैं।कविता को गहराई से जानने के बाद अब आपको 2 – 5 बार अच्छे से पढ़िए। अच्छे से रीडिंग एवं समझने के बाद इंटरनेट पर देखे कि आपने जिस कविता का चयन किया है,कैसे अन्य लोगों प्रस्तुत कर रहे हैं? उनका भाव,कब शब्दों पर जोर अधिक और कम से रहे रहें? इत्यादि हर महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर ध्यान केंद्रित करें।
शब्दों के उच्चारण ,भाव , तरीका इत्यादि हर अनिवार्य बिन्दुओं पर कार्य करें। दर्पण के समक्ष ,अपने मित्रों,परिवार के समक्ष प्रस्तुत करें। निरंतर अभ्यास के जरिए आप अच्छे से कविता को भाव , स्वर इत्यादि में प्रस्तुत कर सकते हैं। साथ ही साथ मोबाइल से अपने काव्य आवृत्ति का वीडियो शूट करें।
3. बॉडी लैंग्वेज: सभी महत्वपूर्ण कौशलों में एक बेहद जरूरी कौशल है प्रभावी संचार कौशल। कम्युनिकेशन का 3 सबसे महत्वपूर्ण आयाम हैं – कंटेंट,स्वर एवं बॉडी लैंग्वेज। क्या आप जानते 55% भूमिका है कम्युनिकेशन में बॉडी लैंग्वेज का। कविता आवृत्ति करते समय अन्य लोगों से आई कॉन्टेक्ट बनाएं ( अपनी आंखों एवं चेहरे से विभिन्न भावों को प्रकट कर सकते हैं।जैसे – हर्ष ,विषाद ,दर्द , प्रेम इत्यादि। जब आप हाव – भाव से काव्य प्रस्तुत करते हैं,तब आप अपना इंप्रेशन अधिक प्रभावशाली बना सकते हैं।
यह कुछ महत्वपूर्ण टिप्स है काव्य आवृत्ति के लिए । उपरोक्त टिप्स के अन्य टिप्स है – अपने उच्चारण पर ध्यान दे,कविता में जहां विराम लगाना है और कहां गति बढ़ानी है? इन सभी पर अच्छे से ध्यान दें , लय को समझें ,श्रोता को समझें,जिस स्थान पर जाने वाले उस स्थान का हो सके तो आकलन करें,सही पोशाक का चयन इत्यादि यह कुछ महत्वपूर्ण टिप्स है। आत्म –संदेह को आत्म – विश्वास में बदलने का माध्यम है सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियां । इसलिए स्कूल स्टूडेंट हो या कॉलेज स्टूडेंट हर एक जरूर हिस्सा लेना चाहिए।
आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद
काजल साह
|