सबसे सच्चा और अच्छा मित्र अच्छी किताबें हैं। जो मनुष्य के आत्मविश्वास, आत्मज्ञान, आत्मसम्मान एवं उसके उन्नति में वृद्धि करती है। ज्ञान में वृद्धि, विकारों को दूर करने की शक्ति अच्छी किताबों में हैं। इसलिए हरेक व्यक्ति को रोज पढ़ना चाहिए।
गेराल्ड जॉनसन ने अपनी पुस्तक पब्लिक लाइब्रेरी सर्विस में लिखा हैं - " विश्व के सबसे उत्तम विचारों को जानने का माध्यम है पुस्तकालय "। पुस्तकालय ज्ञान का धरोहर है, जो आधुनिक शिक्षा की नींव है। इसके बिना शिक्षा अधूरी है। जैसे आत्मा के बिना शरीर, इंजन के बिना वाहन एवं सीमेंट के बिना बिखरे हुए ईट। मन को एकाग्र, ज्ञान की शक्ति में वृद्धि एवं आत्म -उन्नति के लिए पुस्तकालय जाना जरूर जाना चाहिए। आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ साझा करुँगी कि हमें पुस्तकालय क्यों जाना चाहिए?
1. विस्तार : सीखना जीवन पर्यन्त क्रिया है। जब तक जीवन है, तब तक सीखना। गूगल, chatgpt जैसे प्लेटफार्म में किसी भी विषय के संक्षिप्त है। लेकिन पुस्तकालय में किसी भी विषय की जानकारी विस्तारपूर्वक मिलती है। गूगल हमें शार्ट इनफार्मेशन प्रदान करता है लेकिन पुस्तकालय में मौजूद किताबें समग्रता एवं पूर्णता से किसी भी विषय पर ज्ञान प्रदान करता है। पुस्तकालय अर्थात ज्ञान का विस्तार, कौशल का विस्तार इत्यादि।
2. शोध : गूगल पर विभिन्न जानकारियां अधिकांश जानकारियां गलत रहती है, लेकिन पुस्तकालय में मौजूद किताबों में सत्यता प्रणामित रहती है। यह वास्तव है अच्छा लिखने के लिए अच्छा पढ़ना पढ़ता है। अच्छी, सटीक एवं स्पष्ट जानकारियां हमें किताबों से ही प्राप्त हो सकती है।
पुस्तकालय ज्ञान का अनुपम खजाना है। ज्ञान की भूख मिटाने के लिए मुफ्त का होटल है, मनोरंजन का कल्पवृक्ष है एवं रिसर्चिंर्स के लिए आधारशीला है।पुस्तकालय में दुर्लभ पुस्तकें, ग्रंथ, पत्रिकाएं, शोध सामग्री उपलब्ध होती है। अनेक विद्यार्थी, शिक्षक एवं शोधकर्ता पुस्तकालय में जाकर विभिन्न विषयों पर ज्ञान हासिल कर रहे है। यह कहना गलत होगा कि आज कॉलेज के पुस्तकालय ज्ञान तंतु का केंद्र बन चूका है।
3. शांति एवं एकाग्रता : आत्मानुशान एवं एकाग्रता में वृद्धि के लिए पुस्तकालय जरूर जाना चाहिए। मोबाइल से पढ़ने के दौरान विभिन्न नोटिफिकेशन, ऐड इत्यादि कारणों से पढ़ने में असुविधा होती है। इन असुविधाओं को दूर करने का सबसे सशक्त माध्यम पुस्तकालय में पढ़ना। पुस्तकालय का वातावरण शांत, व्यवस्थित एवं सकारात्मक होता है। पढ़ाई और लेखन के लिए सबसे उत्तम एवं आदर्श स्थान पुस्तकालय है।
4. उपयोग : समय सबसे गतिशील है। समय किसी की प्रतिक्षा नहीं करता है। समय का सदुपयोग अच्छी किताबों को पढ़कर हम अपने ज्ञान एवं कौशल में वृद्ध करके कर सकते हैं। पसंदीदा रूचि से संबंधित, ज्ञान एवं कौशल से संबंधित विभिन्न विषयों पर ज्ञान पुस्तकालय में मौजूद किताबों से मिलती है। खाली बैठकर रील देखने से अच्छा अच्छी किताबों को पढ़ लेना। ज्ञान एवं बुद्धि में उन्नति करना सटीक चयन है व्यर्थ के कार्यों में समय व्यय ना करके।
5. मुफ्त एवं सुधार : भारत में अनेक पुस्तकालय निःशुल्क रूप से विद्यार्थियों के लिए खुले रहते हैं। पुस्तकालय उन सभी विद्यार्थियों को अवसर प्रदान करता है, जो अधिक महँगी किताबें खरीद नहीं पा रहे हैं, वे सभी लोग पुस्तकालय से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
किताबें सबसे अच्छी मित्र है। सबसे अच्छी मित्र होने की वजह लिखने एवं पढ़ने के कौशल में सुधारने में मदद करती है। लेखन शैली, मौखिक शैली में धीरे - धीरे सुधार होने लगता है।
6. मानसिक विकास : तन के विकास के लिए स्वस्थ भोजन अनिवार्य है। ठीक उसी प्रकार मन के विकास के लिए अच्छे ज्ञान एवं कौशल अनिवार्य है। मानसिक विकास की उन्नति में पुस्तकालय की बहुत बड़ी भूमिका है। पढ़ने से नई सोच विकसित होती है, समस्याओं को सुलझाने की क्षमता बढ़ती अर्थात मानसिक उन्नति पुस्तकालय की बहुत बड़ी भूमिका है।
यह कुछ महत्वपूर्ण कारण है अर्थात महत्वपूर्ण लाभ है। उपरोक्त कारण के अलावा अन्य कारण है जैसे : अनुशासन का विकास होना, सामाजिक मेलजोल का माध्यम, पढ़ने की आदत विकसित करना, आर्थिक बचत एवं शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को आराम। आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद
काजल साह
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