एकाग्रता अर्थात किसी कार्य को करते समय अपनी ऊर्जा और समय को उस कार्य में लगा देना ही एकाग्रता कहलाता है। बिना एकाग्रता के जीवन में हम आगे नहीं बढ़ सकते है, इसलिए यह बेहद जरुरी है कि काम छोटा हो या बड़ा हमें तन और मन से एकाग्र होकर करना चाहिए।
स्थिर मन हमारा सबसे अच्छा मित्र है और अस्थिर मन सबसे बड़ा शत्रु।आज भारत के अधिकांश युवाओं का मन अस्थिर है, जिसकी वजह से वे निराशा, डिप्रेशन, चिंता इत्यादि में डूबते जा रहे हैं। इन अवसादों को जीवन को जीवन से दूर करने का माध्यम है अच्छे कार्यों को एकाग्रता से करना। चलिए आज मैं आप सभी के साझा करूंगी कि एकाग्रता बढ़ाने के लिए हमें क्या - क्या करना चाहिए?
निम्नलिखित टिप्स है :
1. निर्धारित :समय ही जीवन है। समय बर्बाद करना यानि जीवन बर्बाद करना। जब हमारे जीवन में लक्ष्य नहीं रहता है तब हम अपना समय व्यर्थ के कार्यों में बर्बाद करने लगते हैं। इसलिए यह बेहद अनिवार्य है कि जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना। जब जीवन में सार्थक एवं स्पष्ट लक्ष्य रहता है, तब हम अपने समय का सदुपयोग कर सकते हैं। लॉन्ग टर्म गोल तक पहुंचने के लिए छोटे - छोटे टारगेट में विभाजन करें।यह एक उत्तम माध्यम है, जिससे हम अपने समय और ऊर्जा का सदुपयोग करते हैं।
2. ध्यान और बचें : शांत और स्थिर मन सफलता तक पहुंचने का मार्ग है। मेडीटेशन करना एक उत्तम माध्यम है जिससे हम अपने चंचल मन को कण्ट्रोल कर सकते हैं। लेकिन केवल कुछ दिन मेडीटेशन करने से यह सम्भव नहीं बल्कि प्रतिदिन अपने इन्द्रियों को संयम करके मेडिटेशन करना चाहिए।
स्थिर मन की प्राप्ति के लिए हमें बहुत प्रयत्न करना पड़ता। इसलिए ऐसे कार्यों या चीज़ों से दूर रहे, जो ध्यान भटकाता है। जैसे : सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग, अनावश्कय बातचीत या कार्यों में शामिल होना। ये सब ऐसे कार्य है, जिसे करने या शामिल होने से हम अपना समय और ऊर्जा दोंनो बर्बाद करते हैं। व्यर्थ के कार्यों को करने से समय और ऊर्जा दोनों बर्बाद होता है, जिसकी वजह से हम सार्थक कार्यों में एकाग्रता से कार्य नहीं कर पाते हैं।
4. चयन : मनुष्य विचारों से निर्मित प्राणी है,वह जैसा सोचता है वैसा बन जाता है। यह बेहद अनिवार्य है कि हम खुद का आत्म-परिक्षण करें अर्थात अपने विचारों से लेकर कार्यों का निरीक्षण करें।नकारात्मक विचारों की वजह से हम स्वयं पर विश्वास नहीं करते और अपने समय को व्यर्थ के कार्यों में बर्बाद कर देते हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि हम अपने विचारों को सकारात्मक बनाएं। सकारात्मक सोच या सकारात्मक कार्य तब ही हम कर सकते हैं, जब हम सकारात्मक का चयन करें अर्थात सकारात्मक लोग, अच्छी किताबों का अध्ययन इत्यादि। यह सब सशक्त एवं उत्तम माध्यम है, जिससे मन हमारा शुद्ध होने लगता है और किसी कार्य को एकाग्रता के साथ करते हैं। इसलिए कहा भी जाता है कि दोस्त हो या विचार हमेशा सोच - समझकर चयन करना चाहिए।
एकाग्रता की शक्ति बढ़ाने में सार्थक वातावरण का चयन करना बेहद जरुरी है। अशांत वातावरण की वजह से भी हम एकाग्रता के साथ कार्य नहीं कर पाते हैं। इसलिए ऐसे वातावरण का चयन करें, जो शांत एवं सकारात्मक स्थान हो।
5. पॉमोडोरो और ब्रेक :मनुष्य एक प्राणी है ना कि एक मशीन। अनेक ऐसे लोग जो 3-4 घंटे लगातार फोकस करने के बाद फिर से फोकस नहीं कर पाते हैं। इस समस्याओं के निवारण के लिए आप किसी भी कार्य को 25 मिनट करें और उसके बाद 5 मिनट का ब्रेक ले। याद रखे ब्रेक के दौरान ऐसा कार्य ना करें जिससे आपका ध्यान अन्य जगह भटक जाएँ। इस टेक्निक को पॉमोडोरो टेक्निक कहते हैं। इससे प्रोडक्टिविटी में उन्नति होती है। ब्रेक के दौरान आप व्यायाम कर सकते हैं, अपने माता - पिता से बातचीत कर सकते हैं इत्यादि।
यह कुछ महत्वपूर्ण टिप्स है, जिसे फॉलो करके आप एकाग्रता की शक्ति को बढ़ा सकते हैं। उपरोक्त टिप्स के अलावा अन्य टिप्स है - सेल्फडिसिप्लिन विकसित करें,डेली गोल्स होने के बाद खुद को रिवॉर्ड दें एवं संकल्प शक्ति को बढ़ाएं।
आशा करती हूँ कि यह टिप्स आपके लिए लाभदायक होगा।
धन्यवाद
काजल साह
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