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22/03/2025 Kajal sah Awareness Views 167 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
"खुद"

खुद की खोज करना एक सौंदर्यपूर्ण एवं अनुभवी प्रक्रिया है ।जहां हम स्वयं को गहराई से जानते और समझते हैं।वास्तव में किसी अन्य को हम तब ही समझ पायेंगे,जब सबसे पहले हम खुद को समझ पायेंगे। आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ साझा करूंगी कि खुद की खोज करना क्यों जरूरी है और खुद की खोज कैसे कर सकते हैं? खुद की खोज अर्थात अपनी पहचान,अपनी इच्छाएं ,अपनी भावनाओं,उद्देश्य,मजबूती एवं कमजोरियों इत्यादि को समझना एवं विश्लेषण करना। जब हम खुद को गहराई से जानते हैं,तब डिसीजन स्किल,प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल , क्रिटिकल थिंकिंग इत्यादि में उन्नति होती एवं जीवन को सार्थकपूर्ण एवं अर्थपूर्ण जी पाते हैं।चलिए अब हम जानने का प्रयास करते हैं कि खुद की खोज करना क्यों सबसे जरूरी है? 1.सार्थकपूर्ण एवं स्पष्टपूर्ण स्पष्टपूर्ण,सार्थकपूर्ण एवं हर्षपूर्ण जीवन जीने के लिए खुद की खोज करना अनिवार्य है।कॉपी और पेस्ट करने की आदत को छोड़कर हमें अपने अस्तित्व को जानना होगा? मनुष्य जीवन केवल सीमित कार्य (काम करना, भोजन करना,सो जाना इत्यादि) तक नहीं होना चाहिए,बल्कि जीवन को उच्च उद्देश्य के लिए समर्पित हमें कर देना चाहिए।ऐसा क्यों है कि 1% लोग ही दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति के सूची में आते हैं? इनकी सफलता का कारण है , उन्होंने पहले खुद को गहराई से निरीक्षण किया अर्थात खुद की खोज की। खुद की खोज करने के बाद वे अपने जीवन को अनुशासनबद्ध जी रहे हैं। अधिकांश लोग खुद को कभी खोजने का प्रयास ही नहीं करते,जिसकी वजह से सार्थकपूर्ण,स्पष्टपूर्ण एवं अर्थपूर्ण रूप से अपने जीवन को जीने में नाकाम रहते हैं। 2. बेहतर एवं बचना: मानव जीवन क्षणभंगुर है अर्थात् किसी भी क्षण जीवन मिट सकता है, इसीलिए एक ही गलती को बार –बार न करें और गलती से सबक लें।खुद की खोज करना अर्थात संपूर्ण रूप से खुद को जानना। कमजोरियां,मजबूतियां , भावनाओं इत्यादि को जानना। खुद को जानने के बाद हम अपनी कमजोरियों, भावनाओं इत्यादि पर कार्य कर सकते हैं। जिसके गलतियां,क्रोध इत्यादि कम हो जाती है एवं जब हम मूल्यों और प्राथमिकताओं को समझते हैं,तब हम सही और गलत के बीच बेहतर निर्णय ले सकते हैं। खुद की खोज करने से आत्मविश्वास,आत्म–विकास एवं आत्म–अनुशासन में वृद्धि होती है अर्थात् खुद की खोज करना आत्म –संतुष्टि को प्राप्त करना है। 3.तुलना : हर मनुष्य में अपार एवं असीमित क्षमता है।मनुष्य अपनी कड़ी मेहनत,लग्न एवं प्रयास की वजह से आज पत्थर युग से आधुनिक युग में जीवन संभव हो पाया है। अनगिनत अविष्कार,असंख्य ग्रन्थ,असंख्य किताबें इत्यादि यह सब तब ही संभव हो पाया है,जब मनुष्य ने सबसे पहले खुद की खोज अर्थात खुद को गहराई से जाना।अपने आप को अन्य से तुलना करने की यह आदत दूर हो जाती है अर्थात् हम अपनी क्षमताओं को समझने लगते हैं। आज के युवा खुद की तुलना अन्य से करते हैं और सोशल मीडिया में अन्य से खुद को तुलना करके खुद को हीन दृष्टि से देखते हैं लेकिन जब हम खुद की खोज करते हैं,तब हम खुद की तुलना अन्य से नहीं करते हैं एवं स्वयं पर कार्य करते हैं।खुद की खोज करना इसीलिए जरूरी,क्योंकि खुद की तुलना अन्य से करने की आदत दूर होने लगती है । 4.पॉजिटिविटी : जीवन क्या है? जीवन यात्राओं से भरा पल है। हर सुखद–दुखद पल को आनंदित से हमें जीना चाहिए।खुद की खोज करना अर्थात अपने मन ,वचन एवं कार्य से नकारात्मक को दूर करके पॉजिटिविटी को अपनाना अर्थात जीवन के हर परिस्थिति (अच्छी हो या बुरी) में सकारात्मक विचार रखने के लिए खुद की खोज करना अनिवार्य है। 5. कमी: मानव जीवन में गलतियां होना स्वाभाविक है लेकिन उस गलतियों से नहीं सबसे बड़ी गलती है।जब हमें अपनी क्षमताओं,सीमाओं का जान होता है,तब हम अनावश्यक दबाव,चिंता ,तनाव से बच सकते हैं। इसीलिए खुद की खोज करना जरूरी है,जिससे हम तनाव ,चिंता को कम सकते हैं । तो आपने देखा कि खुद की खोज करना क्यों जरूरी है।उपरोक्त कारणों के अलावा अन्य कारण है –कमजोरियों को सुधारने के लिए,अपने जुनून को पहचाने के लिए एवं शांतिप्रिय जीवन जीने के लिए। अब मैं आप सभी के साथ साझा करूंगी कि कैसे हम खुद की खोज कर सकते हैं? खुद की खोज करना एक चुनौतीपूर्ण हो सकता है लेकिन इस चुनौती को हमें स्वीकार करना चाहिए। 1. पूछे:दूसरों के प्रति जिज्ञासा लोगों को अधिक रहती है लेकिन खुद के प्रति? यह प्रश्न खुद से पूछना अनिवार्य है। खुद के प्रति जिज्ञासु सबसे पहले बने तब ही हम खुद को गहराई से जान पायेंगे।नीचे कुछ प्रश्न है ,जिससे हमें खुद से पूछना चाहिए। # मैं कौन हूं? # मुझे जीवन में क्या चाहिए? #मेरी कमजोरी एवं मजबूती क्या है? # मुझे खुशी किस चीज से मिलती है? यह सभी कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न है,जो हमें स्वयं से करना चाहिए।अगर हम खुद की खोज गहराई के करना चाहते हैं। 2. भावनाओं : खुद की खोज करने के दौरान अपनी भावनाओं ( खुशी,दुख,प्रेरित इत्यादि) को समझना जरूरी है।इसके पीछे कौन –से कारण है,तब हम अपनी मजबूती,खुशी,कमजोरियों को जान पायेंगे। यह कुछ तरीके है,जिससे हम खुद की खोज कर पायेंगे।उपरोक्त टिप्स के अलावा अन्य टिप्स है – अपने अतीत का विश्लेषण करें, डायरी लिखें,ध्यान करें एवं अपने करीबी दोस्तों,परिवार,और मेंटर्स अपने बारे में पूछे? और केवल सोचे ही बल्कि सीखे हुए पाठ को को जीवन में भी उतारे। आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा। धन्यवाद काजल साह

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