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06/06/2023 Kajal sah Relationship Views 225 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
कविता : तेरा ही नशा
ना जाने मैं तुममें क्यों खो जाती हूँ
तेरी बातों सें हमेशा मदहोश हो जाती हूँ
जीवन की हर एषणा
तेरे हर एहसास सें मिलता
मैं हर बार जीत के भी
सबकुछ तेरे सामने हार जाती हूँ।

तेरी मधुर वाणी कों
मैं कादम्बरी की तरह गाती हूँ
जीवन का प्रत्येक क्षण
तुझे कनक मानती हूँ
मैं हर बार जीत के भी
सबकुछ तेरे सामने हार जाती हूँ।

तेरी झलक सें मैं
निखर जाती हूँ
तेरी मुस्कान सें हमेशा
मैं सुकून पाती हूँ
हर मार्ग पर तू
मेरा साथ निभाता है
मैं हर बार जीत के भी
सबकुछ तेरे सामने हार जाती हूँ।

तेरी उम्मीद सें मैं हर
जंग जीत जाती हूँ
तेरी हर आशा सें
मैं हर निराशा मिटा पाती हूँ
मैं हर बार जीत के भी
सबकुछ तेरे सामने हार जाती हूँ।

धन्यवाद
काजल साह : स्वरचित
                             

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