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29/01/2024 RIYA RAJAK Health Views 331 Comments 0 Analytics Video English DMCA Add Favorite Copy Link
कार्डियक अरेस्ट अचानक नहीं आता, इसके पीछे हो सकती हैं ये 5 वजहें
अचानक कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी स्थिति है जिसमें वक्त पर मदद न मिलने की वजह से जान जाने का जोखिम काफी अधिक होता है। दिल के अचानक से काम करना बंद करने की वजह से व्यक्ति की मौत हो जाती है। इसके बढ़ते मामलों की वजह खोजने के लिए आईसीएमआर ने एक स्टडी की। जानें क्या पाया गया इस स्टडी में और कैसे कर सकते हैं इसके रिस्क को कम।
बीते कुछ समय में कार्डियक अरेस्ट की वजह से कितनी ही मौत की खबरे आई हैं। कई लोग इसके पीछे कोविड-19 की वैक्सिन्स को जिम्मेदार मान रहे थे। इन अचानक मौतों की वजह पता करने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने एक स्टडी की, जिसमें पाया गया कि कोविड-19 की वैक्सीन इन अचानक हो रही मौतों के लिए जिम्मेदार नहीं है। सडन एडल्ट डेथ ग्रुप और आईसीएमआर- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी, चेन्नई, ने अचनाक हो रही मौतों के बारे में पता करने के लिए एक कंट्रोल्ड केस स्टडी की।
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, सडन कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिल काम करना बंद कर देता है या इतनी तेजी से धड़कने लगता है कि ब्लड पंप होना बंद हो जाता है। कार्डियक अरेस्ट आने पर व्यक्ति बेहोश हो जाता है। बिना किसी चेतावनी के आने की वजह से इसे सडन कार्डियक अरेस्ट कहा जाता है।
इस अध्ययन में 18-45 वर्ष के स्वस्थ लोगों के बारे में केस स्टडी की गई, जिन्हें कोई बीमारी नहीं थी और जिनकी अज्ञात कारणों से अक्टूबर 2021 से लेकर मार्च 2023 तक अचानक मृत्यु हो गई। मौखिक प्रश्नावली के जरिए इन लोगों के बारे में डाटा इकट्ठा किया गया, जिसमें कोविद इन्फेक्शन , वैक्सीनेशन, अस्पताल में भर्ती होना, लाइफस्टाइल की आदतों और घटना के 48 घंटे पहले की गई फिजिकल एक्टिविटी जैसे सवाल शामिल थे।
इस स्टडी से यह बात तो साफ हो जाती है कि अचानक आ रहे कार्डियक अरेस्ट आकासमिक नहीं थे बल्कि, उनके पीछे व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री और लाइफस्टाइल का कहीं न कहीं बहुत बड़ा हाथ है। इसलिए बढ़ते कार्डियक अरेस्ट के मामलों को रोकने के लिए कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं किन तरीकों से सडन कार्डियक अरेस्ट के खतरे को कम किया जा सकता है।
अपनी डाइट में सीजनल फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फैटी फिश, दही आदि को अपनी डाइट में शामिल करें। इससे आपके दिल को हेल्दी रखने के लिए जरूरी पोषक तत्व, जैसे- ओमेगा-3 फैटी एसिड, लीन प्रोटीन, पोटेशियम, एंटी-ऑक्सीडेंट्स आदि की कमी नहीं होगी और हार्ट हेल्दी रहेगा।
हर रोज 30 मिनट एक्सरसाइज करें। ब्रिस्क वॉकिंग, रनिंग जैसी मॉडिरेट फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं। एक्सरसाइज करने से हार्ट मसल्स को हेल्दी रहते हैं और बैड कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है।
अधिक तनाव की वजह से शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ता है, जो दिल के लिए काफी हानिकारक होता है। इसलिए तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन, योग आदि की मदद लें।
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने की कोशिश करें। अधिक ब्लड शुगर की वजह से आर्टरीज डैमेज हो सकती हैं, जो दिल की सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है।
ब्लड प्रेशर अधिक होने की वजह से आर्टरीज की दीवारों पर अधिक प्रेशर पड़ता है। इस कारण से आर्टरी फटने या ब्लॉक होने का खतरा रहता है।
वजन अधिक होने की वजह से बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है, जो आर्टरीज में इकट्ठा होकर ब्लॉकेज करता है। वजन कम करने से बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है। इसके लिए एक्सरसाइज करें और लो- कार्बोहाइड्रेट और लो-कैलोरी वाले फूड आइटम को शामिल करें।
अगर आपकी उम्र 30 वर्ष के अधिक है, तो नियमित तौर से ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल आदि की जांच कराएं, ताकि अगर कोई समस्या हो, तो वक्त रहते पता चल जाए।
प्रोसेस्ड फूड आइटम्स से शरीर में एजीईस कंपाउंड बनते हैं, जिस कारण से इंफ्लेमेशन बढ़ता है और ऑर्गन डैमेज होने लगता है। इसलिए अपनी डाइट में प्रोसेस्ड फूड आइटम्स को न के बराबर शामिल करें या कोशिश करें कि न ही खाएं तो ज्यादा बेहतर है।
अगर आप ज्यादा मीठा या नमकीन खाते हैं, तो अपनी डाइट में से शुगर और नमक की मात्रा कम करें। इससे ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो दोनों ही दिल के लिए घातक होते हैं।
पॉलिशड व्हाइट चावल रिफाइन्ड होते हैं, जिन्हें खाना सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है। इसलिए अपनी डाइट में से पॉलिश्ड व्हाइट राइस को बिल्कुल शामिल न करें।
ज्यादा देर तक बैठे रहना न केवल दिल के लिए बल्कि, दिमाग के लिए भी काफी हानिकारक होता है। इसलिए ज्यादा देर तक बैठे न रहें।
तंबाकू और शराब के सेवन से आर्टरीज और दिल को काफी नुकसान पहुंचता है। इसलिए तंबाकू, सिग्रेट और शराब का सेवन न करें।

                             

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