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01/02/2024 RIYA RAJAK Politics Views 130 Comments 0 Analytics Video English DMCA Add Favorite Copy Link
किस मामले में बुरी तरह फंसे हेमंत सोरेन, कैसे झारखंड के पूर्व CM तक पहुंची जांच की आंच? जानें
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा सौंप दिया है। ईडी की लंबी पूछताछ के बाद वह बुधवार रात राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे। इस दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस गठबंधन ने सोरेन सरकार में परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया। चंपई रिश्ते में हेमंत सोरेन और उनके पिता शिबू सोरेन के करीबी रहे हैं। राज्य आंदोलन में चंपई ने शिबू सोरेन का साथ दिया था। हेमंत सार्वजनिक मंचों पर भी चंपई सोरेन के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए दिखाई देते हैं।
दरअसल, हेमंत सोरेन के खिलाफ दो अलग-अलग मामले चल रहे हैं। इनमें पहला मामला अवैध खनन लीज पट्टे से जुड़ा है, जबकि दूसरा अवैध जमीन घोटाले से जुड़ा है। कहा जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) किसी भी समय उन्हें गिरफ्तार कर सकता है। बता दें कि हेमंत सोरेन पर एक मामला पद के दुरुपयोग का भी चल रहा है। जिससे जुड़ी रिपोर्ट चुनाव आयोग राज्यपाल को सौंप चुका है।
जमीन घोटाले के मामले में जांच एक सर्कल अधिकारी (सीओ) से शुरू हुई थी। इसके बाद यह जांच आगे बढ़ी और आश्वासन रजिस्ट्रार कार्यालय तक पहुंची। जिससे खुलासा हुआ कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए सैकड़ों एकड़ जमीन का फर्जी सौदा हुआ है और इसमें छोटे से बड़े कार्यालयों के अधिकारी और बड़े-बड़े कारोबारी भी शामिल हैं। इन सबके तार आखिर में मुख्यमंत्री तक जुड़ रहे थे। 
यह मामला सेना की जमीन के सौदे से जुड़ा हुआ है। फर्जी नाम और पते के आधार पर सेना की जमीन की खरीद और बिक्री हुई। इस मामले में रांची नगर निगम ने प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। ईडी ने उसी प्राथमिकी के आधार पर ईसीआईआर (प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट) दर्ज की थी और जांच शुरू की थी। सोरेन को इस मामले में बार-बार समन जारी किया जा रहा था। जमीन घोटाले के मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी छवि रंजन और दो व्यापारियों सहित चौदह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। छवि रंजन झारखंड के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे।
जांच एजेंसी जमीन घोटाले के अलावा अवैध खनन में धनशोधन की जांच कर रही है। एजेंसी ने इसके तहत सोरेन के मीडिया सलाहकार, साहिबगंज जिले के अधिकारियों और एक पूर्व विधायक के परिसरों पर छापेमारी की थी। ईडी ने साहिबगंज जिले में कुल 28 जगहों पर छापेमारी की थी। इस दौरान उसने दावा किया था कि उसे कई अहम दस्तावेज और सबूत हाथ लगे हैं। एजेंसी ने सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के घर से 5.31 करोड़ रुपये जब्त किए थे और बताया था कि उनके 27 बैंक खातों में 11 करोड़ रुपये जमा थे। इसके बाद ईडी ने पंकज मिश्रा को भी समन जारी किया था और फिर पीएमएलए  के तहत उनकी गिरफ्तारी की थी।
इसके बाद एजेंसी ने पीएमएलए अदालत में 16 सितंबर 2022 को आरोपपत्र दाखिल किया था। इस आरोपपत्र में झामुमो के पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल का बयान भी दर्ज था। मुख्यमंत्री सोरेन ने मिश्राल संथाल परगना से पत्थर और रेत खनन से आने वाले पैसे को सीधे प्रेम प्रकाश को सौंपने को कहा था। इसके बाद उसी साल ईडी ने आठ जुलाई को मिश्रा के घर पर छापेमारी की थी। प्रेम प्रकाश की 25 अगस्त 2022 को गिरफ्तारी की गई थी। 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पहला समन 8 जुलाई को जारी किया गया था और 14 अगस्त को हाजिर होने के लिए कहा गया था। इसके बाद समय-समय पर उन्हें समन जारी किए गए और हाजिर होने के लिए कहा गया। लेकिन सोरेन नहीं पहुंचे। एजेंसी ने उन्हें खुद ही समय और जगह तय करने के लिए भी कहा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। 13 जनवरी को आठवें समन के बाद पहली बार सोरेन से पूछताछ हुई। दसवां समन 27 जनवरी को जारी किया गया और उनसे 29 जनवरी से 31 जनवरी के बीच समय और स्थान तय करने के लिए कहा गया था। 

                             

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