आदतें ही मनुष्य के चरित्र को आकार प्रदान करती है। अच्छी आदतें हमारे चरित्र को सभ्य,सुदृढ़ एवं सशक्त बनाती है और बुरी आदतें हमारे चरित्र को कमजोर एवं असभ्य बनाती है। इसलिए हमें अपने जीवन में ऐसी आदतों को अपनाना चाहिए,जिससे हम समग्र रूप से मजबूत बने अर्थात शारीरिक मानसिक ,आध्यात्मिक एवं भावनात्मक रूप से प्रबल बन पाएं। अच्छी आदतें जैसे समय की कद्र करना, अनुशासित रहना, व्यायाम करना इत्यादि ये अमूल्य आदतें सफलता तक पहुंचने का मार्ग है।
आज इस निबंध मैं आप सभी के साझा करूंगी ,एक बेहद ही महत्वपूर्ण विषय – आदतें बदली जा सकती है।
आदतें अचानक नहीं बनती,अपितु यह धीरे –धीरे दोहराव से बनती हैं। जब हम किसी कार्य को प्रतिदिन रोज करते है, तब वह कार्य आदत के रूप में परिभाषित होती है।यदि हम बुरी आदत को अपने जीवन से दूर करना चाहते हैं,तब हमें प्रतिदिन उस कार्य को खुद को करने से रोकना होगा।जैसे : अगर आपको जंक फूड जैसे –चाऊमीन , रोल,पिज्जा इत्यादि फूड खाना आपकी आदत बन चुकी है ,तब आप इसी बुरी आदत को बदलने के लिए आपको शुरू – शुरू में स्मॉल –स्मॉल स्टेप्स लेना होगा।जैसे : उस ऐप को डिलीट कर दीजिए,जिससे आप जंक फूड ऑर्डर करते हैं।
1. दृढ़ :पृथ्वी पर उपस्थित समस्त प्राणियों में सबसे1 श्रेष्ठ मनुष्य को माना जाता है।मनुष्य सोच सकता है,अपने विचारों को, भावनाओं को, प्रकट कर सकता है,निर्माण और विध्वंश दोनों की शक्ति मनुष्य में है।
किसी भी बुरी आदत को दूर करने के लिए अनिवार्य है कि दृढ़ संकल्प शक्ति की। दृढ़ता एवं संकल्प अटूट इच्छाशक्ति से बुरी आदतों को दूर किया जा सकता है ।स्पष्टता अर्थात आप क्यों उस आदत को अपने त्यागना चाहते हैं? इसकी स्पष्टता होना अत्यंत आवश्यक है।स्पष्टता आपको शक्ति प्रदान करती है कि आप उस बुरी आदतों से लड़े।
2.शुरुआत: एक शिशु धीरे – धीरे बड़ा एवं परिपक्व होता है ।ठीक उसी प्रकार जो कार्य हम प्रतिदिन करते हैं,वह धीरे –धीरे कार्य परिपक्व होकर आदत का रूप ले लेती है । अगर वह अच्छी आदत हो तो हम उन्नति की ओर बढ़ते हैं और बुरी आदतें विनाश की ओर। इसलिए बुरी आदतों को अचानक से बदलना मुश्किल हो सकता है,इसलिए छोटी –छोटी बदलाव करें। जिस प्रकार बूंद –बूंद से सागर का निर्माण होता है,ठीक उसी प्रकार छोटी– छोटी बदलाव हमारे चरित्र को मजबूत बनाती है और बुरी आदतों को दूर करती है ।जैसे– यदि कोई व्यक्ति रात को 12 बजे सोता है और 9 बजे उठता है,तब वह व्यक्ति इसकी शुरुआत छोटी–छोटी शुरुआत से कर सकता है,जैसे –रात को 11 बजे तक सो जाएं और सुबह 7:30 बजे उठ जाने का अभ्यास करें।फिर धीरे –धीरे वह व्यक्ति जल्दी सोने और उठने का प्रयास करें। जिससे उनका शारीरिक स्वास्थ्य एवं मानसिक स्वास्थ्य भी कुशल हो पायेगा।
3.नियम: मनोवैज्ञानिकों के अनुसार अगर किसी कार्य को लगातार 21 दिनों तक किया जाए,तो वह आदत में बदल जाता है ।बुरी आदत को दूर करने के लिए 21 दिनों साकारात्मक कार्य करें।ऐसा कार्य का चयन करें,जो आपको जीवन में उन्नति की ओर ले जाएं। और उस कार्य को कम से कम 21 दिन तक पालन करें।यकीन मानिए फिर यह आपकी आदत बन जाएंगी।
4. रिवॉर्ड: रिवॉर्ड लेना किसे अच्छा नहीं लगता? यह प्रतियोगिता समूह में नहीं है ,यह प्रतियोगिता आपको उस बुरी आदतों से करना है,जो आपके आत्मविश्वास ,आत्मज्ञान एवं आत्मविकास में बाधा उत्पन्न कर रही है ।प्रतिदिन छोटे–छोटे लक्ष्य निर्धारित करें,उसे पूर्ण करने के बाद स्वयं को रिवॉर्ड दे।जरूरी नहीं कि वह रिवॉर्ड बहुत बड़ा हो ,आप खुद को स्मॉल रिवॉर्ड जैसे : कुछ समय खेलकर ,अपना पसंदीदा चॉकलेट खाकर इत्यादि के माध्यम से खुद को रिवॉर्ड दे सकते हैं।
5. वातावरण और संगति: अच्छी एवं बुरी आदतों के निर्माण में वातावरण एवं संगति की भी भूमिका है। अच्छी संगति हमें आगे बढ़ाती है,हमारे विचारों को सकारात्मक बनाती है ,उसी के विपरीत बुरी संगति नकारात्मकता की ओर ले जाती है। मान लीजिए आप स्मोकिंग की आदत को छोड़ना चाहते हैं लेकिन आपका एक मित्र आपको छोड़ना नहीं दे रहा है।क्या यह ऐसे व्यक्ति से मित्रता करना उचित है? उत्तर है नहीं। ऐसे लोगों से दूर हो जाना चाहिए,जो आपको बुरे रास्ते पर ले जाएं। अगर आप बुरी आदतों को दूर करना चाहते हैं,तब वातावरण और संगति दोनों को आवश्यक रूप से बदले।
यह कुछ महत्वपूर्ण टिप्स है ,जिससे आप बुरी आदतों को दूर कर सकते हैं।उपरोक्त टिप्स के अलावा अन्य टिप्स है: खुद को प्रेरित रखें,प्रतिदिन अपने कार्य को ट्रैक करें और उसका गहराई से विश्लेषण करें,सेल्फ कंट्रोल अर्थात आत्म–संयम और सबसे महत्वपूर्ण धैर्य और अनुशासन ।
आशा करती हूं ,यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद
काजल साह
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