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05/02/2023 Kajal sah Travel Views 176 Comments 0 Analytics Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
निबंध : गांव की सैर
हमें एक यात्री बनके रहना चाहिए, जब भी अगर मौका मिले तब जरूर ही यात्रा करने के लिए निकल जाना चाहिए, पूरी तैयारी के साथ।
गांव से प्रेम, अपनापन, भाईचारा, इत्यादि भावना जुड़ी रहती है,जिसके कारण गांव जाने में अलग ही ख़ुशी रहती है।गांव जाने से हम प्रकृति के सुन्दर नज़ारे को देखते है, एक अलग ही शांति प्राप्त होती है इसलिए गांव को देश की सुनहरी मिट्टी भी कहा जा सकता है। गांव शहरों की तुलना से बेहद सुन्दर और रोमांचित होती है। गांव अपने खेती और गांव के लोगों के स्वभाव के लिए बेहद प्रचलित है। जहा की प्रकृति,वस्तुएँ, लोग, इत्यादि सब का अनोखा मेल है। अत्यधिक गांव में भोजपुरी भाषा का उपयोग होता है। गांव जाने से हम मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनते है, जिसे हमारा ही विकास होता है। हम ऊँची -ऊँची इमारत, स्वादिष्ट पकवान, कपड़े इत्यादि के लिए अलग - अलग देशों में जाते है, लेकिन हमारे भारत देश में ही मातृभूमि से जुड़ा राज्य बिहार में नहीं जाते है, बिहार में प्रकृति, सांस्कृतिक से लेकर शिक्षा, पकवान बेहद ही सुन्दर होते है।
गांव घूमने के फायदे :
1. मन को शांति
2. प्रकृति की खूबसूरती
3.नये - नये चीज़ो को जानना
4. खेती कला
5. लोगों का विन्रम भाव
6. नये अनुभव को सीखना 
इत्यादि लाभ हमें प्राप्त होते है, जब हम गांव घूमने जाते है। मुझे गांव से बेहद लगावों है, क्युकी गांव मेरी जन्मभूमि और हम सब की मातृभूमि है। मेरे गांव का नाम भगवानपुर है, जो बेहद चर्चित है समोसे, लिट्टी चोखा के लिए। मेरे गांव में हर सप्ताह के लगातार तीन दिन मेला लगता है जिसे हम पेठिया कहते है, इस मेले में बड़े दूर  -दूर से लोग घूमने आते है और इस मेले के सामान को बेहद इच्छा से खरीदते है। जब भी मैं गांव जाती हु, यहाँ  के फलो, पकवान का जरूर स्वाद लेती हु। गांव में अत्यधिक औद्योगिक कल - कारखाने नहीं है इसलिए मुझे बिहार से लगाव है, मेरे गांव के लोग मेरे पेड़ -पौधे को हानि नहीं पहुंचाते है, हमेशा अपनी माटी से जुड़े रहते है इसलिए मुझे अपना गांव पसंद है।
धन्यवाद : काजल साह :स्वरचित
                             

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