चल मुसाफिर जीवन के हर पथ पर तू आगे बढ़ता चल जीवन की विषमिताओं से तू लड़ता चल माना कि मुश्किल बहुत है लेकिन अपने हौसले से मुश्किलों कों पार करता चल ऐ मुसाफिर अपनें सपनों की सीढ़ी पर आगे बढ़ता चल। ना कोई साथ देगा यहाँ तेरा कोई हर राह से तुझे खुद संघर्ष करना होगा आँखो से बेहेंगे आँसू लेकिन तुझे अपनें आँसू कों ख़ुशी में बदलना होगा छोटी - छोटी चुनौतियों से मत डर तुझे अपनें हौसले से हर चुनौतियों से लड़ना होगा ऐ मुसाफिर जीवन के हर पथ पर तू आगे बढ़ते चल। माना कि रात बहुत काली है लेकिन तुझे सूरज क़ी तरह चमकना होगा अपनें ज़िद से तुझे हर जीत हासिल करना होगा माना कि जीवन कठिन है लेकिन ऐ मंजिल के मुसाफिर तुझे हर राह पर चलना होगा। धन्यवाद काजल साह : स्वरचित