कर परिश्रम तेरा स्वप्न अपनत्व होगा कर निरंतर अभ्यास तेरा हर प्रयास सफल होगा माना ऐ मंजिल के मुसाफिर राह में अनवरत दुर्गम है लेकिन दृढ़ संकल्प से हर इच्छा तेरा परिपूर्ण होगा अपने साहस से तू हासिल कर सकता है पुरे ब्रह्माण्ड को अपने लग्न से तू पा सकता है पुरे जगत को अपने समर्थता से अपने असमर्थताओं को तू मिटा सकता है स्वयं के विश्वास से तू जीत सकता है पुरे विश्व को कर परिश्रम तेरा सपना अपनत्व होगा तेरे अभिलाषाओं से हर आशा पूर्ण होगा बस आगे बढ़ते रहना ऐ मंजिल के मुसाफिर आने वाला कल तेरा हमेशा सुनहरा अवसर होगा। धन्यवाद काजल साह :स्वरचित