कितना कुछ एडिट करते हैं तस्वीरें एडिट करते हैं फिर उन्हें कई एंगल से देखते हैं कुछ भी व्यक्त करना है खुशी प्यार परवाह गुस्सा अपनापन व्यक्त करने से पहले एडिट करते हैं कुछ समझाना है कुछ बताना है कोई तथ्य कोई वजह सब कुछ यहां तक कि हमारी पंक्तियां भी जहन से निकलकर कागज पर पहुंचने से पहले कितनी बार बदलती है कितना सीख गए हैं हम एडिट करना कुछ टेक्नोलॉजी से कुछ दुनियादारी से और सबसे अधिक स्वाभाविकता पर हमारे खुद के संशय से...!! @रिया बंसल
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