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04/11/2024 Kajal sah Travel Views 317 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
सोलो ट्रिप एवं युवा

आत्म - खोज, आत्म - महत्व एवं आत्म - विकास के लिए सोलो ट्रिप अर्थात अकेले घूमना अत्यंत जरुरी है। यात्रा एक ऐसा माध्यम है,जिससे हमारा ज्ञान, आत्मविश्वास, कौशल इत्यादि में महत्वपूर्ण पहलुओं में उन्नति होती है। नए - नए लोगों की उनकी संस्कृत एवं सभ्यता को जानना,नए - नए स्थान के अतीत को जानना इत्यादि।स्टूडेंट हो या कर्मचारी हर व्यक्ति के लिए सोलो ट्रिप अत्यंत आवश्यक है। मैं आपको खुद का अनुभव साझा करती हूं। जब मुझे समय मिलता है, तब मैं नए - नए स्थान एवं वहां के लोगों के बारे में एक्सपलोर करने के लिए निकल जाती हूं।अकेले यात्रा करने से आंतरिक शांति की मुझे प्राप्ति होती है। इसलिए मुझे अकेले यात्रा करना अत्यंत पसंद है। आज इस निबंध मैं आप सभी को बताने वली हूं कि अकेले यात्रा करना क्यों जरुरी है? अकेले यात्रा करने के क्या- क्या लाभ है? अकेले यात्रा करना आत्म - खोज और व्यक्तिगत विकास का एक शानदार तरीका क्यों है? चलिए अब हम जानने का प्रयास करते हैं। 1. विश्वास :जीवन क्या है? जीवन अनुभवों का संग्रह है। बाल्यावस्था से लेकर जीवन के अंतिम क्षण तक हम सीखते रहते हैं।हर एक सीख से हम अनुभव अर्जित करते हैं। किसी ने बिल्कुल सटीक कहा है - "जीवन लम्बा होने के बजाय महान होना चाहिए " जीवन का उद्देश्य केवल जीना नहीं है, बल्कि जीवन का उद्देश्य अच्छा जीवन जीना है। नए - नए स्थान, नए - नए लोगों,स्वादिष्ट - स्वादिष्ट व्यंजन, नए - नए अनुभवों को अर्जित करना इत्यादि महत्वपूर्ण कार्यों से जीवन पूर्ण होना चाहिए। जीवन के अंत समय में यह अफ़सोस तों ना हो कि जीवन को खुलकर मैंने नहीं जिया। अकेले यात्रा करना सिर्फ एक ट्रेंड नहीं है, बल्कि आत्म - खोज, आत्म - महत्व, आत्म - विकास, आत्म - विश्वास का एक ऐसे सशक्त एवं सुंदर माध्यम है। अकेले यात्रा करने के दौरान हम स्वयं से निर्णय लेते है। जैसे : कौन से स्थान पर यात्रा करना उचित होगा? नए - नए लोगों की उनकी संस्कृत एवं सभ्यता के बारे में विभिन्न प्रश्नों के उत्तर जानने का प्रयास करना इत्यादि। अकेले यात्रा करने से निर्णय लेने की क्षमता में उन्नति होती है। अकेले यात्रा करने के दौरान विभिन्न समस्याएं भी आती है।इन समस्याओं का समाधान खुद से करने का अवसर मिलता है। जिसकी वजह से प्रॉब्लम सोलविंग स्किल में उन्नति होती है।निर्णय लेने की क्षमता एवं समस्याओं को हल करने की क्षमताओं में विकास होता है। जिसकी वजह हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है। 2. रूबरू : भारत विभिन्नताओं से भरा देश है।भारत जैसे देश में पर्वत, पठार, मैदान, विभिन्न रंग - रूप के लोग, विभिन्न स्थलकृतियाँ इत्यादि है। भारत एक बहुत प्राचीन देश है। इस प्राचीन देश की बेहद महत्वपूर्ण घटना से लेकर महत्वपूर्ण सामग्री का महत्वपूर्ण अतीत रहा है। अगर आप एक भारतीय हैं? तब यह बेहद जरुरी है कि आप अपने देश की प्राचीन अतीत को जाने। यह तब ही सम्भव हो पायेगा, जब आप घर से निकलकर नए - नए स्थान को एक्सपलोर करेंगे। अकेले यात्रा करते हुए नई - नई संस्कृतियों, वहां के लोग और उनके विचारों से रूबरू होने का सुअवसर मिलता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि सोलो ट्रिप ज्ञान की सागर की भांति है। विभिन्न ज्ञान, विभिन्न कौशल, विभिन्न अवसर हासिल करने का सुअवसर हमें सोलो ट्रिप के माध्यम से प्राप्त होता है।यह हमारे ज्ञान का विस्तार करता है और नए परिप्रेक्ष्य से दुनिया को देखने में मदद करता है। 3. फ्रीडम एवं क्रिएटिविटी : मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज, राष्ट्र,अन्य देश इत्यादि को जानने के लिए यात्रा करना अत्यंत जरुरी है।यात्रा करने के माध्यम से हम विभिन्न जानकारी हासिल कर सकते हैं। महात्मा गाँधी जी जब दक्षिण अफ्रीका से भारत आये थे। तब उन्होंने सबसे पहले भारत की परिस्थितियों को समझने के लिए भारत भ्रमण किया।सोलो ट्रिप का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप पूरी तरह फ्रीडम महसूस करते हैं।आपके पास स्वतंत्रा रहती है कि विभिन्न स्थानों से लेकर उनकी संस्कृत, सभ्यता के बारे में जानने का। आप अपने अनुसार प्लान बना सकते हैं, अपनी गति से घूम सकते हैं। यह के बेहतर और सुंदर तरीका है खुलकर, आनंद एवं स्नेह जीवन जीने का। सोलो ट्रिप ज्ञान के सागर के साथ रचनात्मकता का भी सागर है। विभिन्न ऐसे लोग भी है, जो सोलो ट्रिप के माध्यम से धन भी कमाते है।जब आप नए - नए स्थान उनकी संस्कृत एवं सभ्यता के बारे में जानते है और अकेले समय बिताते है, तब आपकी रचनात्मकता में वृद्धि होती है। नए- नए विचार, नए - नए बिज़नेस आईडिया इत्यादि विभिन्न विचारों को आप जन्म देते हैं और अपनी क्रिएटिविटी, कलात्मक प्रतिभा को विकसित करते हैं। अकेले यात्रा करें और तनाव को जीवन से दूर करके एक शानदार जीवन जिए। यह कुछ महत्वपूर्ण लाभ है। सोलो ट्रिप के अनेक फायदा है। उपरोक्त लाभ के अलावा है - नए - नए लोगों से जुड़ाव एवं नेटवर्किंग में वृद्धि, अपने डर पर काबू पाना, यादगार अनुभव की प्राप्ति इत्यादि। अगर आप अपने जीवन को यादगार अनुभव, विभिन्न खुशियों के रंगों से भरना चाहते हैं और खुद को बेहतर व्यक्ति बनाना चाहते हैं, तो जरूर अकेले यात्रा करने का विचार जरूर करें। आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा। विषय : सबसे बड़ी गलतियाँ किसी भी देश की सशक्त ताकत वहां की युवा पीढ़ी है। युवाओं के मजबूत व्यक्तित्व से ही एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण सम्भव है।यह बेहद जरुरी है कि युवाओं को खुद को समग्र रूप से मजबूत बनाने में ध्यान केंद्रित करें। अपने गोल्डन समय को व्यर्थ के कार्यों में व्यय ना करें।5 ऐसी गलतियां जो युवाओं को अपने युवा अवस्था में नहीं करना चाहिए। युवा अवस्था को गोल्डन टाइम की संज्ञा दी जाती है। इस समय हमारे पास ऊर्जा, समय रहता है। जिसका उपयोग करके हम खुद भावी समय के लिए तैयार कर सकते हैं और भारत को समग्र रूप से विकसित बनाने में योगदान दे सकते हैं। 1. शिक्षा : डॉ भीम राव अम्बेडकर जी ने कहा था - " शिक्षा शेरनी का वह दूध है, जो पियेगा वही दहाड़ेगा " अर्थात शिक्षा हमारे जीवन की सबसे बड़ी ताकत है। शिक्षा जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आधारशीला है। विचारों की अभिव्यक्ति, गलत कार्यों के लिए अहिंसक रूप से विरोध प्रकट करना इत्यादि। लेकिन बहुत सारे युवा है, जो शिक्षा को हल्के में लेते हैं। शिक्षा को महत्व नहीं देते हैं। भले ही उन्हें वर्तमान में अच्छा लग रहा हो लेकिन इसका व्यापक प्रभाव भावी जीवन पर पड़ता है। सीखना जीवन पर्यन्त क्रिया है। सीखने से हम अपने अधिकारों के बारे में जान पाते हैं, गलत और सही के बीच अंतर कर पाते हैं, ऊंचाई की ओर बढ़ पाते हैं इत्यादि। हर युवाओं को अच्छे से शिक्षा ग्रहण करना चाहिए। केवल स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी इत्यादि के पुस्तक तक ही सीमित ना रहें। ऐसे किताबों को पढ़े है, जिससे आपका मेन्टल, फाइनेंसियल ग्रोथ हो। 2. संगति :अगर आप सकारात्मक सोच एवं ऊँचे व्यक्तित्व का स्वामी बनना चाहते हैं तथा जीवन में बेहतर करना और बेहतर पाना चाहते हैं, तो दुर्जनों की नहीं अच्छे लोगों की संगति करें। सत्संग करने से न केवल आपकी सोच बदलती है, बल्कि आपके जीवन का ढंग, रहन - सहन, आचार - विचार सबकुछ बदल जाता है। इसलिए युवाओं को अपने युवा अवस्था में ऐसे मित्रों का ही चयन करें। बुरी संगति है, जीवन की गति अर्थात ऊंचाई की ओर बढ़ने की गति रुक जाती है। सकारात्मक मित्रों के चयन से करियर, शिक्षा इत्यादि में उन्नति होती है। इसलिए मित्रों का चयन सोच - समझकर ही करें। 3. लक्ष्य: जीवन का लक्ष्य है ऊपर उठना है। जीवन में हम तब ही ऊपर उठ पाएंगे, जब हमारे पास सपने हो और उसे पूरा करने की ललक। हर युवाओं के पास सपना होना चाहिए। बिना स्वप्न के वे जीवन में भटकते रहेंगे और उनका समय और ऊर्जा व्यर्थ कार्यों में व्यय हो सकता है। इसलिए स्वप्न देखें। यह गलतियाँ युवाओं को नहीं करना चाहिए। उपरोक्त गलतियों के अलावा अनुशासहीनता, असफलता से डरना इत्यादि। धन्यवाद काजल साह

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