ज्ञान,अनुभव ,कौशल इत्यादि में उन्नति करने का श्रेष्ठ माध्यम है यात्रा करना। पाषाण युग से ही मानव विभिन्न स्थानों पर भ्रमण करते आया है। आदिमानव से सभ्य मानव बनने में मनुष्य की भ्रमण प्रवृत्ति का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।
अनेक प्रकार के पुष्प बगीचे में हरियाली ,सुंदरता , सकारात्मकता प्रदान करती है। ठीक उसी प्रकार हमारे भारत देश में बहुजातीय ,बहुभाषीय, बहुनसलीय, बहुसंस्कृति के लोग मिलकर हमारे भारत देश को सर्वव्यापक, सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वशक्तिशाली बनाते हैं। हमारे भारत देश की सबसे बड़ी विशेषता है एक भारत अनेक संस्कृति। विभिन्न संस्कृति एवं उनकी सभ्यताओं को जानने का उत्तम तरीका है यात्रा करना। पर्यटनो के लिए भारत एक आकर्षक का केंद्र शुरू से रहा है। वसंत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु, शिशिर या शीत ऋतु भारत की यह 6 ऋतुएं हैं। इन सभी की अपार सौंदर्यता एवं आनंद भारत के विभिन्न स्थानों का भ्रमण करके कर सकते हैं। भारत में कुल 28 राज्य हैं। उन 28 राज्यों में बिहार एक सबसे प्रसिद्ध राज्य है।भारत में ऐसे अनेक लोग हैं जिनका बिहार में गांव है। गांव केवल एक स्थान नहीं है बल्कि उनलोगों के हृदय एवं मन से जुड़ा माधुर्य भाव है। हर व्यक्ति को अपने गांव अर्थात बिहार जरूर घूमना। गांव घूमना सिर्फ एक यात्रा नहीं है,बल्कि एक अनुभव है जो आपको शहर की भागदौड़ से दूर ले जाकर प्रकृति और संस्कृति से जोड़ता है ।
आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ साझा करूंगी कि गांव घूमना क्यों जरूरी हैं? गांव घूमने के फायदे क्या – क्या हैं?
1. प्रकृति: प्रकृति अर्थात हमारा पर्यावरण बेहद सुंदर है। लेकिन आज मानव विकास के नाम पर प्रकृति का हनन करते जा रहा हैं।जहां कभी हरे – हरे पेड़
था,आज वहां ऊंची – ऊंची इमारत है। जहां कभी जल स्वच्छ एवं शुद्ध हुआ करते थे,आज वह नदी प्रदूषित हो चुकी है। इसलिए गांव से अधिक शहर के लोग अधिक बीमारियों के शिकार होते हैं। गांव में जब आप यात्रा करने जाते हैं,तब आप प्रकृति के निकट आते हैं अर्थात गांव में हरी – भरी वादियों , खेत – खलिहान , तालाब इत्यादि देखते हैं।प्रकृति के आप जितना निकट जाते है,उतना ही आपका स्ट्रेस,परेशानी शीघ्रता से दूर होने लगता है। आपको गांव जरूर जाना चाहिए,जिससे आप प्रकृति के बेहद करीब जा सकते हैं और प्रकृति से जुड़ सकते हैं। शांति मन, स्वस्थ तन एवं शुद्धता के लिए बिहार जाना अत्यंत आवश्यक है।
2. तनाव : विषाद को हर्ष में परिवर्तित करने का उत्तम माध्यम है यात्रा करना। शहर की भागदौड़ एवं प्रदूषण में वृद्धि की वजह से मानव का तन और मन दोनों चिंतित में रहता है लेकिन यात्रा करने से , बिहार घूमने से चिंता,तनाव दूर होने लगता है। मानसिक तनाव को कम करने का उत्तम माध्यम है यात्रा करना।
3. स्वस्थ एवं समृद्धि : नए – नए स्थानों पर यात्रा करने से केवल तन के लिए नहीं अपितु मन के लिए भी फायदेमंद है।जहां कभी शहरों में पेड़ ,प्रकृति का स्थान था,आज वहां ऊंची – ऊंची इमारत है। ताजी हवा और स्वच्छ पर्यावरण हमारे स्वस्थ के लिए जरूरी है। समग्र रूप से प्रकृति के करीब आना चाहती हो,तब यात्रा करो।
अनेक भारतीयों का संबंध बिहार से है। गांव सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।ऐसे भी अनेक लोग जो शहर में बसने के बाद सांस्कृतिक विरासत को महत्व नहीं देते है। सांस्कृतिक विरासत से मुंह मोड़ना अर्थात अपने अस्तित्व को खोना। जिनका भी बिहार में गांव है या जो बिहारी है, हर एक व्यक्ति को बिहार जरूर घूमना चाहिए।
5.स्वाद: जैसे – जैसे लोगों की संख्या बढ़ रही है, वैसे – वैसे भोजन की गुणवत्ता,प्रकृति के सुंदरता में हास हो रहा है। शाकाहारी भोजन हो या मांसाहारी अधिकांश भोजन में केमिकल मिले हैं।जिसकी वजह स्वस्थ भोजन नहीं मिल पा रहा है।जिसका नकारात्मक प्रभाव तन और मन दोनों पर पड़ रहा है।लेकिन बिहार में ऐसी गिरावट अभी तक ज्यादा नहीं आई है। गांव के घर का बना ताजा और स्वादिष्ट खाने का अपना ही अलग बात है। इसलिए मैं भी जब गांव जाती हूं , हर एक फल,सब्जी का मज़े से आनंद लेती हूं।
यह कुछ महत्वपूर्ण लाभ एवं कारण है । इसके अतिरिक्त अन्य है कला एवं शिल्प को देखने अवसर, बचपन की यादें , क्रिएटिविटी में उन्नति, अनुभव अर्जित करना इत्यादि। आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा। आप भी अपने गांव जरूर जायेंगे।
धन्यवाद
काजल साह
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