संयमित मन सच्चा मित्र की तरह है और असंयमित मन शत्रु की भांति है। संयमित मन ही सफलता तक पहुँचने का सबसे प्रमुख मार्ग है। लोगों के पास स्पष्टता है लेकिन एकाग्रता ( संयमित मन ) नहीं है। आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ साझा करूंगी कि असंयमित मन को शत्रु क्यों कहा जाता है? इस असंयमित मन को कण्ट्रोल कैसे करें? कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आप सभी के साथ साझा करूंगी।
संयमित मन सच्चा मित्र की तरह है और असंयमित मन शत्रु की भांति है। संयमित मन ही सफलता तक पहुँचने का सबसे प्रमुख मार्ग है। लोगों के पास स्पष्टता है लेकिन एकाग्रता ( संयमित मन ) नहीं है। आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ साझा करूंगी कि असंयमित मन को शत्रु क्यों कहा जाता है? इस असंयमित मन को कण्ट्रोल कैसे करें? कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आप सभी के साथ साझा करूंगी।
1.प्रभुत्व :पृथ्वी पर मौजूद जीव-जंतुओं की संख्या का सटीक अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है।वैज्ञानिकों का अनुमान है कि पृथ्वी पर करीब 8.7 मिलियन प्रजातियां हो सकती हैं। पृथ्वी पर मौजूद उपयुक्त प्राणियों की संख्या में सबसे श्रेष्ठ एवं उत्तम प्राणी मनुष्य है। निर्माण एवं ध्वन्श की अपार शक्ति मनुष्य के पास है। लेकिन अधिकांश मनुष्य अपनी शक्ति को पहचान नहीं पाते हैं और अपने कम्फर्ट जोन में रहकर अपने जीवन को बर्बाद कर लेते है। अंकण्ट्रोल माइंड अर्थात अनियंत्रित मन नकारात्मक विचारों को बढ़ावा देता है। अनियंत्रित मन दूसरों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न करता है, इसलिए अनियंत्रित मन शत्रु की समान है।
2. निर्णय एवं तनाव : शांत एवं स्थिर मन ही जीवन में आये समस्याओं का सामना स्थिरता एवं बुद्धिमत्ता के साथ करता है। लेकिन जब मन खुद के वश में ना हो अर्थात अनियंत्रित हो, तब मनुष्य छोटी सी छोटी परेशानियों में डरने लगता है। अनियंत्रित मन सही और गलत के बीच फर्क करने की योग्यता को कमजोर कर देता है।
जीवन की शांति को भंग, सुख एवं समृद्धि में कमी और तनाव में वृद्धि का एक सबसे बड़ा कारण है अनियंत्रित मन। अनियंत्रित मन का प्रभाव मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर पड़ता है।
4. भटकाव :जीवन क्षणभंगूर है अर्थात जीवन कभी भी समाप्त हो सकता है। मनुष्य के अनियंत्रित मन की वजह से वे अपना ऊर्जा एवं समय दोनों बर्बाद कर देते है। अनियंत्रित मन मनुष्य को उसके निर्धारित किये हुए लक्ष्य से दूर करने का पूरा प्रयास करता है। अधिकांश लोग अपने अनियंत्रित मन की वजह से ही जीवन में अपने लक्ष्य तक पहुँच नहीं पाते हैं। इसलिए अनियंत्रित सबसे बड़ा शत्रु है।
शांत एवं स्थिर से जीवन में सबकुछ पाना सम्भव है। लेकिन अशांत मन से पाना असम्भव है। अनियंत्रित मन की वजह से मनुष्य छोटी - छोटी बातों पर गुस्सा,अन्य किसी नफ़रत करना,बेमतलब का बहस करना इत्यादि। यह आक्रामक व्यवहार की वजह से मन और निराशा से भर जाता है।
5. अवसाद और झुकाव : अनियंत्रित मन की वजह से मनुष्य जीवन में कुछ सार्थक कर नहीं पाते हैं, जिसकी वजह से मनुष्य नकारात्मकता और तनाव के चलते अवसाद का खतरा बढ़ता है। कई मनुष्य अवसाद में अपना जीवन व्यतीत करके अपने जीवन को बर्बाद कर देते हैं। इसलिए अनियंत्रित मन सबसे बड़ा शत्रु है।
अंकण्ट्रोल मन अर्थात जो गलत दिशा की ओर बढ़ाता है, गलत आदतें ( नशा, आलस्य, अत्यधिक सोना, समय को बर्बाद करना इत्यादि ) यह सभी अनियंत्रित मन की वजह से ही होता है।
आपने देखा, अनियंत्रित मन हमारे लिए कितना घातक है। उपरोक्त हानि के अतिरिक्त हानियां है संबंधों में दरार, धैर्य की कमी और अध्यात्मिक विकास में बाधा।
अब मैं आप सभी के साथ महत्वपूर्ण टिप्स साझा करुँगी, जिससे अनियंत्रित मन को नियंत्रित किया जा सकता है। यह कुछ प्रभावशाली उपाय है :
1. ध्यान : अशांत मन को शांत करने का सबसे उत्तम तरीका है नियमित रूप से ध्यान का अभ्यास करें। प्रतिदिन सुबह उठकर 15-20 मिनट मन को एकाग्र करके मैडिटेशन करें।
2. अनुशासन : प्रेरणा से भी सबसे अधिक शक्तिशाली आत्म - अनुशासन है। अनियंत्रित मन को नियंत्रित करने के लिए आत्म - अनुशासन का पालन करें। जैसे : छोटे - छोटे कार्यों से आरम्भ करें ( समय पर उठना, समय का महत्व देना इत्यादि ) सबसे पहले जीवन में सार्थक एवं स्पष्ट लक्ष्य निर्धारण करें। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जीवन को अनुशासन से भरे।
3. भटकाव :जीवन से उन सामग्री एवं लोगों को दूर करें, जो आपके अनियंत्रित मन का सबसे बड़ा कारण है। जैसे : मोबाइल, टीवी, नकारात्मक लोग इत्यादि अन्य विचलित करने वाले उपकरणों का अत्यधिक उपयोग ना करें। यह उपकरणों का अधिकांश उपयोग ऊर्जा एवं समय को बर्बाद करती है।
4. आत्म - विश्लेषण : हर दिन रात को सोने से पहले से अपने पुरे दिन के कार्य का विश्लेषण करें।अपने विचारों से लेकर कार्यों इत्यादि का विश्लेषण करें। विश्लेषण की शक्ति से आप खुद को अच्छे से जान पाते हैं।
आत्मविश्लेषण भी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, अपने मन को नियंत्रित करने का।
5. संगति : ऐसे लोगों से दूर रहे हैं, जो जीवन में आगे बढ़ना नहीं चाहते हैं। जिनका मन अशांत है, नकारात्मक विचारों से पूर्ण है इत्यादि। अच्छी संगति ऊंचाई की ओर बढ़ने की शक्ति प्रदान करती है और मन सार्थक दिशा की ओर बढ़ता है। इसलिए सकारात्मक एवं प्रेरणादायक लोगों के साथ समय बिताएं।
6. स्पीर्चुअल : मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के साथ अध्यात्मिकता में भी खुद को मजबूत जरूर बनाना चाहिए। अशांत मन को शांत करने का सबसे सशक्त तरीका है सच्चे दिल एवं शुद्ध मन से ईश्वर की आराधना करना एवं अध्यात्मिक ज्ञान हासिल करें।
यह कुछ महत्वपूर्ण तरीका है, जिससे अंकण्ट्रोल मन को कण्ट्रोल किया जा सकता है। निरंतर अभ्यास एवं निरंतर प्रयास करें... एक पल जरूर आएगा जब आप अपने मन विजय हासिल कर पाएंगे।
आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद
काजल साह
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