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30/07/2024 Kajal sah Development Views 359 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
100 साल तक जीना चाहते हो तो....

बिना मित्र के जीवन शून्य है। जीवन में सार्थक एवं कुशल मित्र का होना जरुरी है। लेकिन अब प्रश्न है कि मित्र कैसा हो? मित्र ऐसा होना चाहिए, जो धोखा ना दे, सही रास्ते पर ले जाये अर्थात सार्थक गुण एवं आदतें होनी चाहिए। अच्छी किताबें सार्थक गुण स्पष्ट विचारों से पूर्ण रहता है । अच्छी किताबों के अध्ययन से ज्ञान, भाषा कौशल इत्यादि का विकास होता है। आज इस निबंध में विश्व विख्यात पुस्तक IKIGAI किताब से मैंने क्या - क्या सीखा है। आज मैं आप सभी के समक्ष साझा करुँगी। IKIGAI एक जापानी शब्द है, जिसका अर्थ है जीने का कारण।यह पुस्तक जीवन को अधिक अर्थपूर्ण और संतुष्टिदायक बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रिंसिपल प्रस्तुत करती है। # जीवन क्या है? आपके अनुसार जीवन क्या है?आपके जीवन का उद्देश्य है क्या है? सभी के जीवन का उद्देश्य होता है। जीवन में इकिगाई का होना अत्यंत जरुरी है। जीवन में सार्थक उद्देश्य ना होने से समय एवं ऊर्जा दोनों व्यर्थ बीतने लगता है। चलिए हम जानने का प्रयत्न करते है कि किस प्रकार से आप अपने जीवन का उद्देश्य पता कर सकते है। सबसे पहले खुद से प्रश्न करे कि आपको क्या करना सबसे ज्यादा अच्छा लगता है? किस क्षेत्र में आपको रूचि है? जैसे कि पब्लिक स्पीकिंग, राइटिंग, पेंटिंग, डांसिंग इत्यादि। इस प्रश्न का हल ढूढ़ने के लिए आप एक स्क्वायर बनाये। स्क्वायर को चार हिस्सों में बाँटे। सबसे पहले बॉक्स में लिखे कि आप किस फील्ड में एक्सपर्ट है और आपको वह कार्य करना भी अच्छा लगता है। दूसरे बॉक्स में ऐसे कार्य लिखे जिसमें आपको रूचि है लेकिन आप उस फील्ड में बहुत अच्छे नहीं है। तीसरे बॉक्स में ऐसे कार्य को लिखे, जिसमें आप एक्सपर्ट भी नहीं है लेकिन आपको करना पड़ता है। अंतिम बॉक्स में ऐसे कार्य को लिखे जिसमे आपको रूचि भी नहीं है आपको पसंद भी नहीं है। जैसे : अपना बेड ठीक करना इत्यादि। उसके बाद आपको यह देखना है कि आपका अत्यधिक समय किस बॉक्स के कार्य में अधिक व्यय हो रहा है। क्युकी अधिकांश लोग अपना ज्यादा समय उन कार्यों में व्यय कर देते है, जो उनको करना पसंद नहीं होता। जिससे वे अपना पैशन भी ढूंढ़ नहीं पाते है। और अपने जीवन को अभिशाप मानने लगते है। तलाश : जिस फील्ड में आप एक्सपर्ट है और आपको बहुत रूचि भी है। या आप उस फील्ड में एक्सपर्ट नहीं है लेकिन निरंतर अभ्यास -अभ्यास के माध्यम से आप उस फील्ड में एक्सपर्ट बन सकते है। फिर यह explore करे कि क्या आपके स्किल /गुण के लिए क्या लोग आपको पे (रूपये ) भी कर सकते है? हो सकता है कि आपको घर का कार्य पसंद हो.. क्या उसके लिए लोग आपको पे कर पाएंगे? इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि ऐसा कार्य ढूंढे जिससे लोगों की भी जरूरत हो। आपको यह जानना होगा कि दुनिया को क्या जरूरत है? क्या आपका मनपसंदीदा कार्य लोगों के प्रॉब्लम को सोल्व कर पाएगा? ऐसे पैशन होना चाहिए जिससे आप भी सुखी से कार्य करे और लोगों को हैप्पीनेस प्रदान करे। स्ट्रेस : चिंता वह घातक रोग है, जिससे धीरे - धीरे तन, मन पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जापान के लोग इसलिए अधिक खुश और लम्बा जीवन जी पाते है क्युकी वे अपने जीवन में स्ट्रेस से कोसो दूर रहते है। हमेशा हँसते - मुस्कुराते रहते है। बड़ी दुख की बात है आज भारत देश के अधिकांश लोग परेशानी एवं चिंता में रहते है। जिससे उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कई सारी बीमारियों के शिकार भी हो जाते है।महान, सुखद एवं सार्थक जीवन जीने के लिए अनिवार्य है कि स्ट्रेस को जीवन से दूर मनोरम उत्साह का हमें स्वागत करना चाहिए। 3. कार्य : क्या आप जानते है, जापान के लोग retirement नहीं लेते है? वृद्ध होने के बाद भी कुछ ना तो कुछ सार्थक कार्य करते रहते है। इकिगाई किताब से महत्वपूर्ण सीखो में एक सीख है कि हमें अपने कार्य से प्यार करना चाहिए। अपने कार्यों को बोझ समझना अनुचित है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने कार्य को ईमानदारी, रूचि एवं उत्साह के साथ करें। 4. समय : अपनों के साथ समय बिताना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अपनों के साथ समय साझा करने से अपादा अवसर में बदल जाती है। दुख सुख में परिवर्तित हो जाती है। प्रियजनों के साथ समय व्यतीत करे। तन्हाइयों को दूर कीजिये.. अन्य लोगों के साथ नेटवर्क बनाये। यह आपके करियर एवं सुखद जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण है। 5. प्रेजेंट : भगवद गीता में भी लिखा है - जीवन ना तो अतीत में है और ना ही भविष्य में। जीवन वर्तमान में है। इसलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि जिस प्रकार जापान के लोग ना तो अतीत में जीते है और ना ही भविष्य की कल्पना करते है.. वे प्रेजेंट को अच्छे से जीते है। इसलिए वहां लोग अत्यधिक उम्र तक जीते भी है। अगर आप सुखद एवं लम्बी उम्र चाहते है तब वर्तमान अर्थात प्रेजेंट में जीना सीखिए। भूतकाल के पछतावे या भविष्य की चिंताओं में खो जाने के बजाय वर्तमान पल का आंनद लें। यह कुछ महत्वपूर्ण लर्निंगस है, जो मैंने इकिगाई किताब से सीखी है। उपरोक्त लर्निंगस के अलावा अन्य सीख है। # छोटे कदमों से शुरू करे # हर दिन कुछ नया सीखें # प्रकृति के करीब रहें # सक्रिय रहे # एक स्थान पर बैठे मत रहे.. वाकिंग करे # संतुलित एवं स्वस्थ आहार ले # पर्याप्त नींद ले जिससे तन और मन दोनों के लिए उचित हो # gratitude # छोटी - छोटी खुशियों का आनंद ले। इत्यादि। यह किताब आप भी एक बार पढ़े। आपको बहुत अच्छा लगेगा और आप विभिन्न न्यू - न्यू लर्निंग सीखेंगे। धन्यवाद काजल साह

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