कविता:ख़ुशी जीवन में उदास क्यों रहना जब ख़ुशी की डलिया है तुम्हारे पास गमों में क्यों जीना जब रब है तुम्हारे पास मन में अर्चन क्यों पैदा करना जब हिम्मत है तुम्हारे पास मन में व्यर्था को क्यों साथी मान लेना जब सभी के अर्थ है तुम्हारे पास जिंदगी को गमों में मत जीना थोड़ा ख़ुशी आपस में बाट भी लेना जिंदगी के मुश्किल घड़ी पर मुस्कुरा भी लेना। धन्यवाद,: काजल साह : मौलिक