The Latest | India | [email protected]

57 subscriber(s)


K
15/09/2022 Kajal sah Adventure Views 404 Comments 0 Analytics Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
कविता : थप्पड़

कविता : थप्पड़ उसने मारा था मुझे थप्पड़ क्योंकि मांग लिया था उससे अपना हक गिरा दिया मुझे उसने खुद को ऊपर करने के लिए गिरी थी मैं, पर टूटी नहीं थी ठोकर खाई, थप्पड़ खाई पर रुकी नहीं, मैं ताना मिला मुझे सम्मान छीना गया मेरा समाज में नीचे गिराया मुझे पर रुकी नहीं मैं नहीं दिया मुझे दर्जा इंसान के रूप में हमेशा नीचे गिरा कर रखा मुझे किसी पत्थर की तरह किसने मारा था मुझे थप्पड़ क्योंकि मैंने मांग लिया था अपना ही हक़। धन्यवाद : काजल साह :स्वरचित

Related articles

 WhatsApp no. else use your mail id to get the otp...!    Please tick to get otp in your mail id...!
 





© mutebreak.com | All Rights Reserved