नूतन के कॅरिअर का आगाज बतौर चाइल्ड एक्ट्रेस फिल्म ‘नल दमयंती’ से हुआ। इस बीच उन्होंने ‘मिस इंडिया’ में हिस्सा लिया और जीता। इस टाइटल को पाने वालीं वे पहली एक्ट्रेस थीं। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण नूतन अक्सर अपनी मां के साथ शूटिंग देखने जाया करती थीं। इस वजह से उनका भी रुझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेत्री बनने के ख्वाब देखने लगीं। 1950 में 14 बरस की उम्र में उन्होंने फिल्म ‘हमारी बेटी’ की, जिसका निर्माण उनकी मां शोभना समर्थ ने ही किया था। बालिग होने तक नूतन ने ‘हमलोग’, ‘शीशम’, ‘परबत’ और ‘आगोश’ जैसी फिल्में कर डालीं। हालांकि इसके बाद वे लंदन चली गईं और लौटकर आईं तो ‘सीमा’ में विद्रोही नायिका का किरदार निभाकर बेस्ट एक्ट्रेस का पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता।
यह बात उस समय की है जब अमिताभ बच्चन दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे। एक दिन उन्होंने नूतन को सड़क पार करते हुए देखा। उस वक्त नूतन पति रजनीश बहल के साथ थीं। अमिताभ स्कूटर से कनॉट प्लेस के पास से गुजर रहे थे। वे उन्हें देखते ही स्कूटर से गिरने वाले थे पर बच गए। अमिताभ ने खुद एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र करते हुए कहा ‘नूतन अपने काम के प्रति बहुत संजीदा थीं।
‘सौदागर’ के सेट पर वे सुबह 6 बजे के शॉट के लिए सबसे पहले मेकअप लगाकर रेडी रहती थीं। उनके बातचीत करने का तरीका बेहद शानदार था। वह सिंगिंग भी करती थीं, एक बार जब मैं और नूतन दिल्ली में एक फंक्शन के दौरान मिले तब वे वहां परफॉर्म कर रही थीं। स्टेज पर जाने से पहले उन्होंने मुझसे कहा कि मैं भी उनके साथ स्टेज पर ऑडियंस के सामने चलूं, जो मेरे लिए गर्व की बात थी।’
1978 में 42 साल की उम्र में नूतन ने फिल्म ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ के लिए सबसे ज्यादा उम्र में बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्म फेयर अवॉर्ड जीता। जो अब तक एक रिकॉर्ड है।
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28.07.2017
Gautam Kumar
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