कहानी सुनना सभी को बेहद अच्छा लगता है, लेकिन वो कहानी तब अच्छी लगती है जब उस कहानी को बोलने वाले अच्छे हो। यानि कहानी तब अच्छी लगती है जब उसे रोमांचक तरीके से बोला जाये एवं सभी के सामने प्रस्तुत किया जाये। आज मैं आपको स्टोरी टेलिंग के कुछ टिप्स बताऊंगी, जिसका अगर आप निरंतर अभ्यास करते है, तो आप एक अच्छे स्टोरी टेलर बन सकते है।
चलिए हम समझने की कोशिश करते है, क्या ऐसे टिप्स है जो स्टोरी बोलने के कला में आपके चार - चांद लगा सकते है।
स्टोरी टेलिंग के प्रमुख टिप्स :
स्टार्टिंग : जैसे मैंने आपको स्पीच के बारे में बहुत सारे टिप्स बताये थे, जिसमें आपकों अपने स्पीच का स्टार्टिंग मजेदार तरीके से करना चाहिए।ठीक उसी प्रकार जब भी आप कहानी बोलो तो कहानी का आरम्भ सही रूप से होना चाहिए।जिससे आपके बात को सुनने वाले आपकी बात ओर ध्यान दे।इसलिए शुरुआत अच्छा होना अतिआवश्यक है।
बॉडी लैंग्वेज : कहानी के लिए अच्छा बॉडी लैंग्वेज का होना अनिवार्य है। इसलिए जब भी आप कहानी बोलने स्थान पर जाये तब आप कहानी बोलते समय मुस्कुराये, लोगों को अपने संग इंगेज करें, इससे आपके व्यूर्स अत्यधिक बढ़ेंगे। इसलिए जब भी कहानी बोलने जाये तब लोगों को अनजान समझे नहीं आप उन्हें अपना समझे एवं उसी अपनेपन से कहानी को बोले।
इमोशनल या अन्य : देखिये कहानी के कई प्रकार होते है, लेकिन अब प्रश्न यह उठता कौन सी कहानियाँ हमें बोलना चाहिए। यह आप पर निर्भर करता है एवं आपके audience पर। लेकिन जब आप जज़्बातों को उभरने वाली कहानियों को बताते है, जिससे लोग आपसे जल्द ही कनेक्ट हो पाते है। इसलिए ऐसी कहानी देखे जो आपके audience को पसंद आएंगी। क्युकी अपने कहानी स्वयं के लिए नहीं अपने audience के लिए तैयार किया है।
विभिन्न : कहानी को एक सुर से बोलना अच्छा नहीं होता है, जब भी आप कहानी बोले तब कहानी बोलते समय कहानी के सिचुएशन के अनुसार उप एंड डाउन जरूर करें। आप सरल एवं सहज़ भाषा का उपयोग करें, जिससे लोग आपसे जुड़ पाए। आप एक छोटा सा नाटक, या आपके जीवन का अनुभव इत्यादि से कहानी को आप रोचक तरिके से प्रस्तुत कर सकते है।
सरप्राइज : कोई भी कहानी तब मजेदार बनती है, जब उस कहानी में सरप्राइज में हो। इसलिए आप जब भी कहानी बोले तब कहानी में सस्पेंस होना आवश्यक है। वो कहते है कोई भी फ़िल्म तब हिट होती है जब उस फ़िल्म में सस्पेंस हो।
लर्न : मान लीजिये आपके पास एक्सपीरियंस स्टोरी टेलिंग का है या नहीं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन अगर आप लर्निंग के माइंड सेट से हमेशा सीखते रहते है, दूसरों से। तब आप एक दिन जरूर अच्छे से बोल पाते है। लेकिन आपकों यह हमेशा याद रखना है कि आपकों हमेशा सीखते रहना एवं आगे बढ़ना।
विसुअल : जब भी आप कहानी सुनाने जाये तब आप उस कहानी में स्वयं को ही उस कहानी का पात्र माने यानि आपकों कहानी के पात्र को स्वयं पर विसुअल करके आपकों प्रस्तुत करना है। सुनने वालों के ब्रेन में तस्वीर भी आने लगे, ऐसा आपको विसुअल + बोलना है।
Personal : आपका स्वयं का जो अनुभव है, आप उसे भी प्रस्तुत कर सकते है। जिससे कहानी और इंटरेस्टिंग बन सकती है। अपने खुद के अनुभव से प्रेरित होकर कहानी प्रस्तुत करें।
कनेक्ट : एक अच्छा वक्ता वही बन सकता है, जो एक अच्छा श्रोता हो। इसलिए जब भी आप कहानी प्रस्तुत करें तब आप audience का भूल जाये। Audience को कनेक्ट करने के लिए आप उनसे प्रश्न पूछ सकते, उनके साथ गेम खेल सकते है, पजल इत्यादि का चयन आप अपने स्टोरी टेलिंग में कर सकते है।
एन्ड : अक्सर एंडिंग बोरिंग करने से audience भी ऊब जाते है, इसलिए आपका प्रयास यह होना चाहिए, जब भी आप स्टोरी को एन्ड कर रहें है तब वो एंडिंग स्ट्रांग होना चाहिए। कहानी को आप मजबूत तरीके से समाप्त कर सकते है, ताकि लास्ट का इम्प्रैशन माइंड ब्लोइंग हो।
फीडबैक : आफ्टर कम्पलीट योर स्टोरीटेलिंग आपको फीडबैक जरूर लेना चाहिए। इससे आप अपनी गलती को सुधार सकते है, इसलिए कहानी बोलके खत्म कर देना यह होना नहीं चाहिए, हर किसी से फीडबैक ले एवं बताई गई गलती में सुधार लाने का प्रयास जरूर करें।
यह कुछ टिप्स थे, जिसका आप उपयोग कर सकते है अपने स्टोरी को प्रेजेंट करते है। याद रखे इन सभी के लिए सबसे जरूर मेहनत, लग्न एवं प्रयास। तब आप एक अच्छे स्ट्रॉय टेलर बन सकते है। इन टिप्स को जरूर अपनाये।
धन्यवाद
काजल साह
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